आज के टॉप करेंट अफेयर्स

आज के सामयिकी हेडलाइंस -14 मार्च 2020

Table of Contents

1. हिमाचल प्रदेश में स्रोत स्थिरता और जलवायु लचीली वर्षा-आधारित कृषि के लिए एकीकृत परियोजना

  • भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश में कुछ चयनित ग्राम पंचायतों (ग्राम परिषदों) में जल प्रबंधन प्रक्रियाओं में सुधार लाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं इस ऋण का उपयोग स्रोत स्थिरता और जलवायु लचीली वर्षा-आधारित कृषि के लिए एकीकृत परियोजना में किया जायेगा।
  • हिमाचल प्रदेश में स्रोत स्थिरता और जलवायु लचीली वर्षा-आधारित कृषि के लिए एकीकृत परियोजना 10 जिलों की 428 ग्राम पंचायतों में लागू की जाएगी, इससे 4,00,000 से अधिक छोटे किसानों, महिलाओं और देहाती समुदायों को लाभ होगा।
  • कृषि और इसकी संबद्ध गतिविधियों के लिए जलवायु लचीलेपन को बढ़ाना इस परियोजना का एक प्रमुख घटक है। जिसके लिए पानी एक कुशल उपयोग केंद्र बिंदु है। यह परियोजना जल गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी के लिए हाइड्रोलॉजिकल निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी।
  • इससे न केवल बेहतर भूमि उपयोग और कृषि निवेशों के माध्यम से भविष्य के जल के लिए बजट की नींव रखने में मदद मिलेगी, बल्कि अधिक समग्र कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट (कैट) योजनाओं को भी यह सुनिश्चित करेगी जो स्रोत स्थिरता, कार्बन अनुक्रम और जल की गुणवत्ता पर आधारित हैं।

क्यों संवेदनशील है हिमाचल प्रदेश?

  • हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में सिंचाई के पानी की सुविधा नहीं है और महत्वपूर्ण मानसून के मौसम के दौरान यह वर्षा की घटती मात्रा पर निर्भर है। कृषि उत्पादन और स्नोलाइन्स पहले ही उच्च ऊंचाई पर स्थानांतरित हो गए हैं, जिससे परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित सेब सहित फलों के उत्पादन पर असर पड़ा है।
  • जलवायु परिवर्तन से भी औसत तापमान बढ़ने और तराई क्षेत्रों में वर्षा कम होने की संभावना है, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान और वर्षा दोनों के बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कारण व्यापक बाढ़ की घटनाओं को बढ़ावा मिलता है।
  • यह परियोजना वनों, चरागाहों और घास के मैदानों में अपस्ट्रीम जल स्रोतों में सुधार करेगी और हिमाचल प्रदेश और डाउनस्ट्रीम राज्यों में टिकाऊ कृषि के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।

क्या होंगे योजना के लाभ?

  • डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में निवेश सिंचाई उपयोग में वृद्धि करेगा और किसानों को कम मूल्य वाले अनाज उत्पादन के मुकाबले जलवायु-लचीली फसल प्रजातियों और उच्च मूल्य वाले फल और सब्जियों के उत्पादन को अपनाने में मदद करेगा।
  • जलवायु लचीलापन और जल उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने से किसानों को पानी के उपयोग से अपने वित्तीय लाभ को अधिकतम करने में मदद मिलेगी। यह परियोजना अन्य सरकारी कार्यक्रमों के साथ-साथ विशेष रूप से कृषि, बागवानी और पशुपालन विभागों के सहयोग के साथ भी काम करेगी।
  • ग्राम पंचायतों के प्रशिक्षण के माध्यम से सहायक संस्थानों से राज्य को अपने जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा इस परियोजना के तहत सतत जल प्रबंधन प्रक्रिया किसानों की आय को दोगुना करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।

विश्व बैंक

  • विश्व बैंक विशिष्ट संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है। विश्व बैंक समूह पांच अन्तरराष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदस्य देशों को वित्त और वित्तीय सलाह देता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन, डी॰ सी॰ में स्थित है।
  • विश्व बैंक के समूह निम्नलिखित पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठन हैं –

i)    पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD)

ii)   अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC)

iii)  अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association-IDA)

iv)  निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes-ICSID)

v)   बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA)

  • वर्तमान में विश्व बैंक के अध्यक्ष अमेरिका के डेविड आर. मल्पास है जिन्होंने क्रिस्ट्लीना जीओर्जीवा का स्थान लिया है।

2. जम्मू-कश्मीर के परिसीमन के लिए आयोग का गठन

  • केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर व लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के लिए उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया गया है।
  • कानून मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख तथा चार राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों को आयोग का पदेन सदस्य बनाया गया है।
  • अधिसूचना में बताया गया है कि आयोग जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर में लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा जबकि परिसीमन कानून 2002 के प्रावधानों के मुताबिक असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में परिसीमन होगा।
  • जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार अब इस केंद्र शासित प्रदेश में सात विधानसभा सीटें बढ़नी हैं। जहाँ पहले जम्मू कश्मीर राज्य में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 107 थी, वो अब बढ़कर 114 हो गई है। इनमें से 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर के लिए आरक्षित की गई हैं।

परिसीमन आयोग

  • लोकसभा और राज्य विधानसभा सीटों की सीमाओं को पुनर्निर्धारित करने के कार्य को परिसीमन कहते हैं। इसके लिए गठित आयोग भारत सरकार द्वारा परिसीमन अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित आयोग है।
  • परिसीमन का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के समान खंडों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। इस प्रक्रिया के कारण लोकसभा में अलग-अलग राज्यों को आवंटित सीटों की संख्या और किसी विधानसभा की कुल सीटों की संख्या में परिवर्तन भी आ सकता है।
  • परिसीमन का कार्य एक स्वतंत्र परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) द्वारा किया जाता है। संविधान इसके आदेश को अंतिम घोषित करता है और इसे किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रश्नगत नहीं किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 82 के तहत संसद प्रत्येक जनगणना के बाद एक परिसीमन अधिनियम लागू करती है। अधिनियम लागू होने के बाद, परिसीमन आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा यह आयोग निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर कार्य करता है।

3. बाढ़ राहत सहायता के तौर पर भारत ने मेडागास्कर को 600 टन चावल मुहैया कराया

  • मेडागास्कर में बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत पहुंचाने के उद्देश्य से भारत ने मेडागास्कर को छह सौ टन चावल मुहैया कराया है। यह चावल मेडागास्कर में भारतीय राजदूत अभय कुमार ने वहां के विदेश मंत्री तेहिंद्राज़ानारिवेलो जकोबा लिवा को सौंपा है।
  • भारतीय नौसना का जहाज शार्दुल इस महीने की 10 तारीख को चावल की खेप लेकर मेडागास्कर के एंट्सीरानाना बंदरगाह पर पहुंचा था। यह चावल इस वर्ष जनवरी में मेडागास्कर में आए समुद्री तूफान डाइने से प्रभावित लोगों में बांटा जाएगा।
  • मेडागास्कर के विदेश मंत्री ने कहा कि यह सहायता ऐतिहासिक है और भारत-मेडागास्कर के बीच अच्छे आपसी संबंधों को सिद्ध करने के साथ ही यह बताती है कि मुसीबत में काम आने वाला ही असली दोस्त होता है।

ऑपरेशन वनीला

  • इससे पहले, 30 जनवरी को भारतीय नौसेना के जहाज ऐरावत ने तत्काल राहत सामग्री मेडागास्कर पहुंचाई थी। भारत तूफान से हुए नुकसान पर राहत पहुंचाने वाला पहला देश था। भारतीय नौसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन को ऑपरेशन वनीला नाम दिया था।

4. पश्चिम विक्षोभ के चलते कश्मीर क्षेत्र में हिमपात

  • पश्चिम विक्षोभ के चलते कश्मीर क्षेत्र में ताज़ा हिमपात हुआ है और तापमान में और गिरावट आई है। विश्व विख्यात पर्यटक केन्द्र गुलमर्ग और अमरनाथ गुफा के आसपास और पीर पंजाल पहाड़ियों पर ताज़ा बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट आई है।
  • बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है इसी का प्रभाव है कि उत्तर भारत के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।
  • मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले साल दो पश्चिमी विक्षोभ बने थे, लेकिन इस साल हर तीन दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ हो रहा है, इससे पहले पांच को भी सक्रिय हुआ था, इसके बाद 11 को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ था। अभी भी तीन दिन पश्चिमी विक्षोभ रहेगा जिससे बारिश/हिमपात की संभावना बन रही हैं।

पश्चिम विक्षोभ

  • पश्चिम विक्षोभ शीतोष्ण चक्रवात को कहा जाता है इस चक्रवात की उत्पत्ति यूरोप में भूमध्य सागर से होती है और जब यह आगे बढ़ता हुआ पूर्व की ओर आता है तब भारत में पश्चिम की ओर से प्रवेश करता है इसीलिए इसे पश्चिम विक्षोभ कहा जाता है।
  • इस शीतोष्ण चक्रवात के परिणाम स्वरूप पश्चिमोत्तर भारत में वर्षा होती है यह वर्षा पहाड़ी राज्यों में उदाहरण स्वरूप जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हिमपात के रूप में भी होती है जबकि यह वर्षा पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा राज्य में जल की बूंदों के रूप में होती है।
  • शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extratropical cyclone या Temperate cyclones) मध्य एवं उच्च अक्षांशों का निम्न वायुदाब वाला तूफान है। इसका वेग 20 से लेकर 30 मील प्रति घंटे होता है तथा हवाये सर्पिल रूप से चलती है। इनका विस्तार उष्ण कटिबंधीय चक्रवात से ज्यादा होता है भारत में सर्दियों में होने वाली मावठ इन्ही चक्रवातों के कारण होती है।

5. निधि कंपनियां अपनी स्थिति/घोषणा को अपडेट करने के लिए केंद्र सरकार के पास करेंगी आवेदन

  • निधि कंपनियों के लिए नियामक व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी और देश के कारपोरेट वातावरण में पारदर्शिता और निवेशक अनुकूल उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, केंद्र सरकार ने हाल में कंपनीज एक्ट और नियम के तहत निधि (NIDHI) से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया है।
  • कंपनीज एक्ट (धारा 406) और निधि रूल्स (जैसा 15 अगस्त 2019 को संशोधित किया गया) के संशोधित प्रावधानों के तहत निधि कंपनियों को अपनी स्थिति/घोषणा के अपडेशन के लिए केंद्र सरकार के पास फॉर्म एनडीएच-4 में आवेदन करना जरूरी है।
  • अगर कोई कंपनी उपरोक्त आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करती है तो उसे फॉर्म नंबर एसएच-7 (शेयर कैपिटल के किसी भी परिवर्तन के लिए रजिस्ट्रार को नोटिस) और फॉर्म पीएएस-3 (आवंटन वापस) दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • ऐसी कंपनियों के लिए संशोधित निधि रूल्स 2014 और कंपनीज एक्ट 1956/2013 के प्रावधान का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। इन नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में कंपनी और उसके प्रत्येक अधिकारी, जो डिफॉल्ट में हैं, को जुर्माने के साथ दंडित किया जाएगा जो 5 हजार रुपये तक हो सकता है और लगातार उल्लंघन पर और भी जुर्माना लग सकता है।

फॉर्म एनडीएच – 4 में केंद्र सरकार के पास आवेदन करने के लिए समय सीमा

  • निधि संशोधन रूल्स 2019 से पहले (यानी 15 अगस्त 2019) निधि के तौर पर शामिल कंपनियों को उसके निगमन की तारीख से एक साल की अवधि के भीतर या निधि संशोधन नियम यानी 15 अगस्त 2019 से 9 महीने के भीतर, जो बाद में हो, आवेदन करना होगा।
  • निधि संशोधन नियम 2019 यानी 15 अगस्त 2019 को या बाद में निधि के तौर पर निगमित कंपनियों को निगमन की तारीख या बढ़ी हुई अवधि (संबंधित क्षेत्रीय निदेशक द्वारा मिली) से एक साल की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा।

निधि कंपनी

  • निधि कंपनी गैर बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) का अलग प्रारूप है, क्योंकि यह केवल अपने शेयरधारकों या सदस्यों के साथ अपने सदस्यों के पारस्परिक लाभ के मुख्य उद्देश्य के लिए काम करती है। एक निधी कंपनी केवल अपने सदस्यों द्वारा जमा स्वीकार करती है, और केवल मांग पर ही उन्हें धनराशि उधार देती है। निधि कंपनियों की गतिविधियाँ RBI के निर्देशों के दायरे में होती हैं।
  • निधि नियम 2014 के तहत, निधि कंपनी को अपने सदस्यों के बीच बचत की आदत डालने, जमा राशि प्राप्त करने और पारस्परिक लाभ के लिए केवल अपने सदस्यों को ऋण देने के उद्देश्य से निगमित किया गया है।

6. एनसीआरबी ने मनाया 35वां स्थापना दिवस

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 12 मार्च, 2020 को अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मुख्य अतिथि और बीपीआरडी के महानिदेशक वी. एस. के. कुमुधीसम्मानित अतिथि थे।
  • इस अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अधिकारियों को पदक तथा पुरस्कार देने के अतिरिक्त गृह राज्य मंत्री ने जघन्य अपराध तथा अंतर-राज्य समन्वय पर सूचना साझा करने के लिए अपराध बहु एजेंसी केन्द्र (Cri-MAC – Crime Multi Agency Centre) आरंभ किया है।
  • इसके साथ ही गृह राज्य मंत्री ने साइबर अपराध जांच पर पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, अभियोजकों तथा अन्य हितधारकों के लाभ के लिए पेशेवर गुणवत्ता सम्पन्न ई-लर्निंग सेवाओं के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केन्द्र (एनसीटीसी) भी लॉन्च किया है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी)

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, की स्थापना 1986 में अपराध और अपराधियों की सूचना  के  संग्रह एवं स्रोत (repository) के रूप में की गई थी जिससे कि अपराध को अपराधियों से जोड़ने में खोजकर्ताओं को सहायता मिल सके।
  • इसकी स्थापना राष्ट्रीय पुलिस कमीशन  (1977-1981) तथा गृह मंत्रालय के टास्क फोर्स (1985) की सिफ़ारिश के आधार पर की गई थी, जिसमें समन्वय निदेशालय तथा पुलिस कम्प्यूटर (डी॰सी॰पी॰सी॰), सी॰बी॰आई॰ की अंतर्राजीय अपराध डाटा शाखा, सी॰बी॰आई का केंद्रीय अंगुलछाप ब्यूरो तथा  बी॰पी॰आर॰ एवं डी॰ की सांख्यिकीय शाखा समाहित हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) भारत सरकार, गृह मंत्रालय के साथ संलग्न एक कार्यालय है। नई दिल्ली स्थित इस ब्यूरो का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है।
  • वर्ष 2009 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क & सिस्टम (सीसीटीएनएस) परियोजना की देख-रेख, समन्वय तथा अमल में लाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया। यह परियोजना देश के 15000 से अधिक पुलिस थानों तथा 6000 पुलिस के उच्च कार्यालयों को जोड़ती है।
  • वर्तमान में इस ब्यूरो के निदेशक रामफल पवार हैं।

7. मिथेन की मात्रा में कमी लाएगा मिथेन-ऑक्सीकारक बैक्टीरिया

  • विज्ञान और तकनीकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत संस्थान, अघारकर शोध संस्थान (एआरआई), पुणे के वैज्ञानिकों ने मिथेनोट्रॉपिक बैक्टीरिया के 45 विभिन्न प्रजातियों को पृथक किया है, जो धान की पौधों से होने वाले मिथेन उत्सर्जन में कमी लाने में सक्षम है।
  • मिथेनोट्रॉप्स बैक्टीरिया मिथेन को कार्बनडाईऑक्साइड में बदल देता है जिससे प्रभावी रूप से मिथेन के उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है।
  • एआरआई की डॉ. मोनाली राहलकर और उनकी टीम ने मिथेनोट्रॉप्स के 45 प्रजातियों को पृथक किया है और पहली बार स्वदेशी रूप में मिथेनोट्रॉप्स कल्चर का निर्माण किया है। टीम ने पाया कि पौधों के मिथेन उत्सर्जन में कमी आई है और पौधे के विकास में सकारात्मक या निष्क्रिय प्रभाव पड़ा है। इससे धान के पौधों में मिथेन उत्सर्जन में कमी लाने सूक्ष्म जीव आधारित संचरण किए जा सकते है।
  • मिथेनोट्रॉप्स का उपयोग मिथेन के मूल्य संवर्धन के लिए भी किया जा सकता है। अपशिष्ट से प्राप्त जैव-मिथेन का उपयोग मिथेनोट्रॉप्स कर सकते है और इसे एक कोशिका प्रोटीन, बायो-डीजल जैसे उपयोगी उत्पादों में बदल सकते है। ऐसे अध्ययनों से जीएचजी उत्सर्जन में कमी लाने में सहायता मिलेगी।
  • एआरआई के अध्ययन के पूर्व भारत में स्वदेशी रूप से अलग किए गए मिथेनोट्रॉप्स पर कोई कल्चर उपलब्ध नहीं था। धान के खेतों से पृथक किए गए मिथेनोट्रॉप्स के माध्यम से मिथेन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए विभिन्न कारकों के प्रभाव को समझा जा सकता है। वैज्ञानिकों की यह टीम भविष्य में अमोनिया उर्वरकों द्वारा तापमान बढ़ाने के विषय पर अध्ययन करेगी।

मिथेन (CH4)

  • मिथेन ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) में योगदान देने वाली  दूसरी सबसे महत्वपूर्ण गैस है। यह कार्बनडाईऑक्साइड की तुलना में 26 गुना ज्यादा घातक है। धान के खेतों में मिथेनोट्रॉप्स पौधे की जड़ों तथा मिट्ठी-पानी में सक्रिय रहते है।
  • धान के खेतों में लम्बे समय तक जल जमाव रहता है। कार्बनिक तत्वों के विघटन से मिथेन बनता है। पूरी दुनिया में धान के खेत कुल मिथेन उत्सर्जन में 10 प्रतिशत का योगदान देते है।

8. कैबिनेट की निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों व करों में छूट देने (आरओडीटीईपी) की योजना को मंजूरी

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने निर्यात किए गए उत्पादों पर शुल्कों व करों में छूट देने (आरओडीटीईपी) की योजना की शुरूआत करने की मंजूरी दे दी है।
  • इसके तहत केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर करों/शुल्कों/उपकरों की प्रतिपूर्ति के लिए एक व्यवस्था तैयार की जाएगी, जिनकी प्रतिपूर्ति वर्तमान में किसी अन्य योजना के अंतर्गत नहीं की जा रही है, परन्तु जिनका भुगतान निर्यातित उत्पादों की विनिर्माण और वितरण प्रक्रिया के दौरान किया जाता है।
  • इस योजना से घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादकों को समान अवसर प्राप्त होंगे, ताकि घरेलू करों/शुल्कों का निर्यात नहीं हो।
  • योजना के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समिति दरों और उत्पादों का निर्धारण करेगी, जिनके लिए करों और शुल्कों में छूट दी जानी है। डिजिटल इंडिया के अनुरूप योजना के तहत प्रतिपूर्ति निर्यातकों को हस्तांतरणीय शुल्क/इलेक्ट्रॉनिक स्क्रिप जारी किए जाएगे, जिन्हें एक इलेक्ट्रॉनिक्स लैजर में दर्ज किया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह से डिजिटल रूप में किया जाएगा।

क्या होगा इसका फायदा?

  • शुल्क वापसी और आईजीएसटी जैसी योजनाओं के साथ आरओडीटीईपी योजना के अंतर्गत प्रतिपूर्ति ‘जीरो रेटिंग’ की ओर एक कदम है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यात उत्पादों की लागत को प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा और निर्यात उन्मुख विनिर्माण उद्योग में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
  • वर्तमान में निर्यातित उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक इनपुट के लिए जीएसटी करों एवं आयात/सीमा शुल्कों में या तो छूट दी जाती है या इनकी प्रतिपूर्ति की जाती है। हालांकि कुछ कर/शुल्क/उपकर जीएसटी के दायरे में नहीं आते है और इनकी प्रतिपूर्ति निर्यात के लिए नहीं की जाती है जैसे परिवहन में उपयोग किए गए ईंधन पर लगने वाला वैट, मंडी कर, निर्माण के दौरान उपयोग की बिजली पर लगने वाला शुल्क आदि। आरओडीटीईपी के तहत इन्हें प्रतिपूर्ति के दायरे में लाया जाएगा।

9. कोरोना वायरस के कारण भारत में प्रभावित होने वाली खेल प्रतियोगिताएं

  • पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में हैं। दुनिया भर में इस जानलेवा बीमारी के केस बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना वायरस का प्रभाव भारत में भी पड़ा है और इससे कर्नाटक में एक व्यक्ति की मौत हो गई है जो भारत में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है।
  • यह मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई है, मृतक की उम्र 76 वर्ष थी। मरीज सऊदी अरब से लौटा था। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कोरोना वायरस के 76 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि पूरी दुनिया में यह आंकड़ा 1,25,293 है।
  • इस वायरस का असर खेल प्रतियोगिताओं पर पड़ा है और अब तक कई स्पोर्ट्स इवेंट या तो कैंसिल कर दिए गए हैं या फिर आगे के लिए टाल दिए गए हैं। भारत में कोरोना वायरस के कारण प्रभावित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं की सूची :

एथलेटिक्स :

  • भोपाल में छह से आठ अप्रैल के बीच होने वाली फेडरेशन कप राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्थगित।
  • बैडमिंटन :
  • नयी दिल्ली में 24 से 29 मार्च के बीच होने वाला इंडिया ओपन खाली स्टेडियम में खेला जाएगा।
  • बास्केटबाल :
  • बेंगलुरू में 18 से 22 मार्च के बीच होने वाला फीबा 3×3 ओलंपिक क्वालीफाईंग टूर्नामेंट स्थगित।
  • क्रिकेट :
  • सरकार से लगाये गये वीजा प्रतिबंधों के कारण इंडियन प्रीमियर लीग में 15 अप्रैल तक विदेशी खिलाड़ी उपलब्ध नहीं रहेंगे।
  • भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे और तीसरे वनडे मैच के खाली स्टेडियम में खेले जाने की संभावना।
  • फुटबाल :
  • एटीके और चेन्नईयिन एफसी के बीच गोवा में 14 मार्च को होने वाला इंडियन सुपर लीग का फाइनल खाली स्टेडियम में खेला जाएगा।
  • भारत और कतर के बीच भुवेनश्वर में 26 मार्च को होने वाला फीफा विश्व कप क्वालीफायर मैच स्थगित।
  • भारत और अफगानिस्तान के बीच कोलकाता में नौ जून को होने वाला फीफा विश्व कप क्वालीफायर मैच स्थगित।
  • आइजोल में 14 से 27 अप्रैल के बीच होने वाले संतोष ट्राफी मैचों का अंतिम चरण स्थगित।
  • गोल्फ :
  • गुरूग्राम में 19 से 22 मार्च के बीच होने वाला इंडिया ओपन स्थगित।
  • पैरा खेल :
  • सभी राष्ट्रीय और राज्य चैंपियनशिप 15 अप्रैल तक स्थगित।
  • निशानेबाजी :
  • नई दिल्ली में 15 से 25 मार्च के बीच होने वाला आईएसएसएफ राइफल, पिस्टल एवं शॉटगन विश्व कप स्थगित।

10. कोरोना वायरस के चलते सीरीज के बाकी दो मैच रद्द: बीसीसीआई

  • भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सीरीज के बाकी दो वनडे इंटरनैशनल कोरोना वायरस के चलते रद्द कर दिए गए हैं। ये मैच 15 और 18 मार्च को लखनऊ और कोलकाता में खेले जाने थे।
  • बीसीसीआई ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि साउथ अफ्रीका बाद में तीन वनडे इंटरनैशनल मैचों की सीरीज के लिए भारत का दौरा करेगी। बीसीसीआई-क्रिकेट साउथ अफ्रीका मिलकर बाद में नई तारीखों पर फैसला करेंगे।
  • सरकारी दिशानिर्देशों के कारण पहले इन मैचों को खाली स्टेडियमों में करवाने का फैसला किया गया था क्योंकि सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार के चलते खेल प्रतियोगिताएं दर्शकों के लिये बंद रखने का निर्णय किया था।
  • आईपीएल भी 29 मार्च से शुरू नहीं होगा। उसे 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया गया है। भारत में अब तक कोरोना वायरस के 76 मामले पाए गए हैं जबकि विश्वस्तर पर ऐसे मामलों की संख्या एक लाख से अधिक हो गई है। विश्व स्तर पर इस घातक वायरस के कारण 5000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
  • यह दूसरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज है जो रद्द की गई है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम ने अपना श्रीलंका दौरा इस संक्रमण के कारण रद्द किया था।
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