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Most Repeat Rajasthan Art and Culture GK.

राजस्थान कला एवं संस्कृति के 500 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Rajasthan Art and Culture 500 Important Question and Answer आप कुछ नहीं करे बस इन्हें रट तो भी आपका सलेक्शन हो सकता हे। हम यहां आप को उन प्रश्नो का सेट प्रदान कर रहे हे जो बहुत सी बार राजस्थान की और अन्य प्रतियोगी परीक्षा वो में पूछे जा चुके हे। अतः आप इन्हे रट ले।

 

SET NO 1

1तेजाजी की घोड़ी का नामलीलण
2पाबूजी की घोड़ी का नामकेसरकालमी
3देवजी की घोड़ी का नामलीलाधर
4रामदेवजी के घोड़े का नामलीला घोड़ा/रेवंत
5एक मात्र लोकदेवता जो कवि भी थेरामदेवजी (चौबीस बाणियां, इनका प्रसिद्ध ग्रन्थ है)
6‘पाबू-प्रकाश’ के रचयिताआशिया मोड़जी
7शीषमेड़ीददरेवा (चूरू) क्योंकि महमूद गजनवी से युद्ध करते समय लोकदेवता गोगाजी का शीश (सिर) यहाँ गिरा था
8धुरमेड़ीनोहर (हनुमानगढ़), क्योंकि युद्ध करते समय गोगाजी का धड़ यहाँ गिरा था। इसे गोगामेड़ी भी कहते है।
9घोड़लातेजाजी के पुजारी को
10प्लेग रक्षक देवतापाबूजी
11कुष्ठ रोग निवारक देवतारामदेव जी
12फड़ चित्रकारी का प्रमुख केंद्रशाहपुरा (भीलवाड़ा)
13पाबूजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र सेनायक जाति (भीलों में) के भोपे, रावण हत्था वाद्य यंत्र से
14रामदेवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र सेकामड़ जाति के भोपे, रावण हत्था यंत्र के साथ
15देवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र सेगुर्जर जाति के भोपे, जंतर वाद्य यंत्र के साथ
16मांगलियों के ईष्ट देवमेहाजी
17भूमि रक्षक देवताभोमियाजी
18वर्षा के देवतामामादेव
19गोगाजी के पुत्रकेसरिया कुंवर जी
20रामदेवजी के माता, पिता, पत्नी, भाई, बहन, गुरु का नाममाता – मैणा दे

पिता – अजमल जी तंवर

पत्नी – नेतल दे

भाई – वीरम देव

बहन – लाछाबाई, सुगनाबाई व मुहबोली बहन – डाली बाई

गुरु – बालिनाथ

21गाड़ी की पूजा किसकीहड़बू जी के पूजा स्थल बैंगटी (फलौदी) में हड़बू जी की छकड़ा गाड़ी की पूजा की जाती है। इसमें हड़बू जी पंगु गायों के लिए दूर-दूर से चारा लाते थे।
22शेषनाग के अवतारवीर कल्लाजी राठौड़
23जाहरपीरगोगाजी को, महमूद गजनवी ने कहाँ
24कृषि कार्यो के उपकारक देवतातेजाजी
25कृष्ण अवताररामदेवजी
26लक्ष्मण अवतारपाबूजी
27चार हाथ वाले लोकदेवतावीर कल्लाजी
28वर्षा के बाद खेत जोतने से पहले किसके नाम की राखीगोगाजी के नाम की ‘गोगा राखड़ी’ बांधते है।
29विष्णु का अवतारदेवनारायण जी
30जोधा को तलवार भेंट करने वालेहड़बू जी
31रामदेवजी ने कौनसा पंथकागड़ियाँ पंथ चलाया
32बगड़ावत महाभारतलोक देवता देवनारायण जी के युद्धों से सम्बंधित
33जम्मारामदेवजी की आराधना में उनके मेघवाल भक्त ‘रिखियों’ द्वारा किया जाने वाला रात्रिकालीन सत्संग/भजन
34तेरहताली नृत्यकामड़ पंथ की महिलाओं द्वारा बैठकर किये जाने वाले एकमात्र नृत्य जो रामदेवजी की आराधना में किया जाता है
35गुर्जरों का तीर्थ स्थानसवाईभोज, आसीन्द (भीलवाड़ा)
36कौन से लोक देवता मीरा के भतीजेवीर कल्लाजी राठौड़
37कौन से लोक देवता ने अकबर से युद्ध कियावीर कल्ला जी राठौड़ ने 1567 ई. में उदयसिंह के पक्ष में। जयमल पत्ता सहित शहीद
38कौनसे लोक देवता ने गजनवी से युद्ध कियागोगाजी
39लूटेरे लोक देवताडूंग जी – जवाहर जी (सीकर), अंग्रजों से धन लूट कर गरीबो को बांटते थे।
40लाछा गुर्जर की गायों को किसने छुड़ायातेजाजी ने मेर के मीणाओं से छुड़ाया
41देवल चारणी की गायों को किसने छुड़ायापाबूजी ने अपने बहनोई जिन्दराज खिंची से छुड़ाया
42गोगाजी का प्रतीक चिन्हपत्थर पर अंकित सर्प
43पाबूजी का प्रतीक चिन्हघोड़े पर सवार हाथ में भाला लिए हुए तथा बायीं ओर झुकी हुई पाग (पगड़ी)
44रामदेवजी का प्रतीक चिन्हपगल्यां (पत्थर पर अंकित पैर के निशान
45बीकानेर के जाखड़ समाज के कुल देवतावीर बिग्गा जी
46भैरव राक्षसइस मायावी राक्षस का अंत लोक देवता रामदेवजी ने किया
47सर्पदंश से मृत्युसुरसरा (किशनगढ़, अजमेर) में जीभ पर साँप के काटने से लोक देवता तेजाजी की मृत्यु हुई
48ओरण के देवताबाबा तल्लीनाथ
49हड़बू जी का वाहनसियार
50गोगा मेड़ी मेलानोहर (हनुमानगढ़) में भाद्रपद कृष्ण नवमी को
51ऊँटों के देवतापाबूजी
52रामदेवजी की पंचरंगी ध्वजानेजा
53कल्लाजी के गुरुभैरवनाथ
54भीलों का प्रयागराजबेणेश्वर (डूंगरपुर) सोम, माही व जाखम का संगम स्थल
55मीणाओं का प्रयागराजरामेश्वर घाट (सवाईमाधोपुर) चम्बल, बनास व सीप का संगम स्थल
56बिश्नोई समाज का प्रवर्तन कब, कहाँ और किसने1485 ई. में, सम्भराथल (बीकानेर), जाम्भोजी ने
57बिश्नोई सम्प्रदाय कितने नियमो का पालन29
58जसनाथी सम्प्रदाय कितने नियमों का पालन36
59दादू पंथ के सत्संग स्थलअलख-दरीबा कहलाते है
60राजस्थान की राधामीराबाई
61वागड़ की मीरागँवरी बाई
62राजस्थान का कबीरसंत दादू दयाल
63दादू पंथियों की प्रधान गद्दीनरायणा (जयपुर)
64जसनाथ जी को कतरियासर किसने भूदान में दियासिकन्दर लोदी
65सिद्ध रुस्तमजी ने किसको परचा दिखलायाऔरंगजेब
66नाई जाति की कुल देवीनारायणी देवी
67डामोर के घरघेर
68सहरिया के घरटापरी
69भीलों के घरकू
7052 स्तम्भरामानंद जी के शिष्यों को
71राजस्थान में भक्ति आन्दोलन के प्रणेतासंत धन्ना (रामानंद जी के शिष्य)
72हरडेबानीरज्जब जी (दादू दयाल जी के शिष्य) द्वारा रचित
73निष्कलंक सम्प्रदायसंत मावजी द्वारा स्थापित
74रामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तकसंत रामचरण (शाहपुरा, भीलवाड़ा)
75संत पीपाजीगागरोन (झालावाड़) में जन्म, समदड़ी (बाड़मेर) में मंदिर, वास्तविक नाम – प्रतापसिंह
76हाकड़ा समुन्द्र को आचमनआवड़ माता (जैसलमेर) ने
77शीतला माता की सवारी व पुजारीसावरी – गधा, पुजारी – कुम्हार
78मीणा किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?भूरिया बाबा (गौतमेश्वर) की
79भील किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?केसरिया नाथ जी (धुलेव, उदयपुर) पर चढ़ी केसर का पानी पीकर
80कंजर किसकी झूठी कसम नहीं खाते ?हाकिम राजा का प्याला पी कर
81दशहरे को कौन से पक्षीलीलटांस पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है
82‘अरजन-सुरजन’ किसके भाईगोगाजी के मौसेरे भाई
83गोड़िया सम्प्रदाय की प्रमुख पीठगोविन्द जी का मंदिर (जयपुर)
84रामानंद सम्प्रदाय का प्रमुख पीठगलता जी (जयपुर)
85निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठसलेमाबाद (अजमेर), इसे राधावल्लभ सम्प्रदाय व सनकादि सम्प्रदाय भी कहते है।
86रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठें1 – रैण (नागौर) – संत दरियाव जी

2 – शाहपुरा (भीलवाड़ा) – संत रामचरण

3 – सिंहथल (बीकानेर) – हरिराम जी

4 – खेड़ापा (जोधपुर) – रामदास जी

87पुष्टि मार्ग का प्रमुख केंद्रनाथद्वारा (राजसमन्द)
88लालदासी सम्प्रदाय की प्रमुख पीठनगला (भरतपुर)
89जाम्भोजी ने बिश्नोई पंथ को कहाप्रहलाद पंथी बिश्नोई
90शिला देवी का मंदिरजयपुर, पूर्वी बंगाल के राजा केदार को हराकर जयपुर के राजा मानसिंह प्रथम यह मूर्ति लाये
91करणीमाता का मंदिरदेशनोक (बीकानेर), चारण समाज की कुलदेवी
92समय अंकित सर्वप्राचीन मंदिरशीतलेश्वर महादेव मंदिर (689 ई.)
93राणी सती का मंदिरझुंझुनू
94केला देवी का मंदिरकरौली
95जैन स्वर्ण मंदिरफालना (पाली)
96स्थापत्य कला का जनकराणा कुम्भा
97राजस्थान का जिब्राल्टरतारागढ़ (अजमेर)
98किलों का सिरमौरचित्तोडगढ़, सोनारगढ़ (जैसलमेर)
99‘यह दुर्ग इतनी बुलन्दी…..’कुम्भलगढ़ (राजसमन्द) किले की अत्यधिक ऊंचाई को देखते हुए अबुल फजल ने कहा “यह दुर्ग इतनी बुलन्दी पर बसा हुआ है कि नीचे से देखने पर सिर की पगड़ी गिर जाती है।”
100मेवाड़ की आँखकटारगढ़ (कुम्भलगढ़) को
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