आज के टॉप करेंट अफेयर्स

सामयिकी: 2 अप्रैल 2020

Table of Contents

1. पर्यटन मंत्रालय ने ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ पोर्टल का किया शुभारम्भ

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने भारत में विभिन्न हिस्सों में फंसे विदेशी पर्यटकों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से एक पोर्टल का शुभारम्भ किया है। इस पोर्टल पर अपने-अपने देश से दूर भारत में फंसे विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न सेवाओं से जुड़ी जानकारियां दी गई हैं।

  • इस पोर्टल का नाम ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ है और इसका उद्देश्य विदेशी पर्यटकों के लिए एक सहायक नेटवर्क के रूप में काम करना है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस के चलते अचानक पैदा हुए हालात का सामना कर रही है और यह पर्यटकों विशेषकर दूसरे देशों से घूमने आए पर्यटकों की बेहतरी सुनिश्चित करने की दिशा में किया गया एक प्रयास है।
  • पोर्टल में निम्नलिखित जानकारियां दी गई हैं, जो पर्यटकों की जरूरतों के लिहाज से उपयोगी होंगी :
  • i)   कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर्स या कॉल सेंटरों से जुड़ी व्यापक जानकारी। विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए इनके माध्यम से संपर्क कायम कर सकते हैं।
  • ii)  विदेश मंत्रालय के नियंत्रण केंद्रों से जुड़ी विविध जानकारियां और संपर्क के लिए उनके दूरभाष नंबर।
  • iii) राज्य आधारित/क्षेत्रीय पर्यटन सहायक बुनियादी ढांचे से जुड़ी जानकारियां।
  • iv) विदेशी पर्यटकों को ज्यादा जानकारी देने और संबंधित अधिकारियों की मदद करने के लिए हेल्प सपोर्ट सेक्शन।

भारतीय पर्यटन के मुख्य बिंदु

  • विश्व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मक सूचकांक (टीटीसीआई) में भारत  2013 में 65वें पायदान पर था, जबकि 2019 में देश 34वें स्थान पर आ गया है।
  • जनवरी-नवंबर 2019 के दौरान विदेशी पर्यटन आगमन (एफटीए) की संख्या 96,69,633 थी, जबकि जनवरी, नवंबर 2018 के दौरान 93,66,478 विदेशी पर्यटन आए थे। विदेशी पर्यटकों की संख्या में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • जनवरी-नवंबर 2019 के दौरान 25,51,211 पर्यटक ई-पर्यटक वीजा पर भारत आए, जबकि जनवरी-नवंबर 2018 में यह संख्या 20,61,511 थी। ई-पर्यटक वीजा पर आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में 23.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में ई-वीजा योजना 169 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
  • “भारत पर्व” आयोजित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय को नोडल मंत्रालय बनाया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह के एक भाग के रूप में दिल्ली के लाल किले में किया गया था।
  • पर्यटन मंत्रालय ने 21 जून, 2019 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मेगा फैम टूर का आयोजन किया था। इस मेगा फैम टूर में 20 देशों के पर्यटन संचालकों, ट्रैवल मीडिया के प्रतिनिधियों और प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया था। मेगा फैम टूर के प्रतिभागियों ने 21 जून, 2019 को लाल बाग, बेंगलुरु में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया था।
  • पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत वेबसाइट को फिर से तैयार किया है। इसमें भारत को एक संपूर्ण गंतव्य के रूप में दिखाया गया है। इसमें आध्यात्मिकता, विरासत, एडवेंचर, संस्कृति, योग, आरोग्य आदि को शामिल किया गया है। अतुल्य भारत का हिन्दी रूप 20 अगस्त, 2019 को अशोक होटल, नई दिल्ली में आयोजित पर्यटन मंत्री सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।
  • भारतीय पर्यटन और आतिथ्य संघों के परिसंघ (एफएआईटीएच) ने 23 से 25 सितम्बर, 2019 तक नई दिल्ली में इंडिया टूरिज्म मार्ट (आईटीएम) 2019 का आयोजन किया था। इस आयोजन को पर्यटन मंत्रालय ने समर्थन दिया था। इस कार्यक्रम में 51 देशों के लगभग 240 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। क्रेता और विक्रेता प्रतिनिधियों के बीच बी2बी बैठक एवं नेटवर्किंग सत्र 24 तथा 25 सितम्बर, 2019 को आयोजित किए गए थे। आईटीएम सरकारी व निजी हितधारकों को विदेशी प्रतिनिधियों से बातचीत करने का एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है।

2. बैंकों का मेगा विलय 1 अप्रैल 2020 से लागू, इतिहास बन गए 6 बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि पहली अप्रैल से दस सरकारी बैंकों के विलय के बाद चार बैंक काम करने लगे हैं। विलय होने वाले बैंकों की शाखाएं उस बैंक के रूप में काम करेंगी जिसमें उन्हें मिलाया गया है।

  • सरकार ने चार मार्च को सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े और मजबूत बैंक बनाने की सुदृढ़ीकरण योजना के एक भाग के रूप में इन दस सरकारी बैंकों के विलय की अधिसूचना जारी की थी।
  • इस योजना के अनुसार ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया गया है, सिंडीकेट बैंक को केनरा बैंक में मिलाया गया है, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में और आँध्रा तथा कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मिलाया गया है।
  • विलय होने वाले बैंकों के ग्राहक और जमाकर्ता पहली अप्रैल 2020 से उन बैंकों के ग्राहक माने जा रहे हैं जिनमें इनका विलय किया गया है।
  • इस विलय के पूरा होने के बाद सरकारी क्षेत्र में सात बड़े और पांच छोटे बैंक रह गए हैं। वर्ष 2017 तक देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक थे। एक अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष में देश में सरकरी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है।

विलय

  • पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया गया है, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार हुआ है और जिनका बिजनेस लगभग 17.95 लाख करोड़ का होगा।
  • केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया गया है, जिससे चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है और इसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का है। इसके अलावा, यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया गया है, जिससे देश का पाँचवा सबसे बड़ा सरकारी बैंक तैयार हुआ है। वहीं इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय हुआ है जिसके बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक बन गया है। विलय इस प्रकार है –

i)   विलय-1

पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (दूसरा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-17.95 लाख करोड़ रुपये)

ii)  विलय-2

केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक (चौथा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-15.20 लाख करोड़ रुपये)

iii) विलय-3

यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक (पाँचवा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-14.6 लाख करोड़ रुपये)

iv) विलय-4

इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक (सातवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-8.08 लाख करोड़ रुपये)

विलय के लाभ

  • व्यापक स्तर पर हुए इस एकीकरण से बैंकों को न सिर्फ वैश्विक बैंकों के साथ तुलनात्मक क्षेत्र में अपितु भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने में मदद मिलेगी।
  • इस एकीकरण के माध्यम से बड़े पैमाने पर लागत लाभ को सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय बैंकिंग प्रणाली में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और सकारात्मक प्रभाव का विस्तार करने में सक्षम बनेंगे।
  • इसके अतिरिक्त, इस एकीकरण से इन बैंकों में बड़े स्तर के ऋणों में सहायता के साथ-साथ व्यापक वित्तीय क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक कार्य संचालनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सभी एकीकृत बैंकों में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने से बैंकों में उनकी लागत कुशलता और जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा एवं व्यापक पहुंच के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य में भी वृद्धि होगी।
  • सभी एकीकृत बैंकों में उन्नत तकनीकियों को अपनाने से न सिर्फ व्यापक योग्य समूह और एक बड़े डाटा बेस तक पहुंच होगी, अपितु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तेजी से डिजिटल होते बैंकिंग परिदृश्य में विश्लेषणात्मक कार्य क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धा का लाभ लेने की स्थिति में होंगे।

3. विदेश व्यापार नीति, 2015-20 को मिला एक साल का विस्तार

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में बदलावों की घोषणा की है। वर्तमान नीति 1 अप्रैल, 2015 से 5 साल के लिए लागू की गई थी, जो 31 मार्च, 2020 तक के लिए वैध थी।

  • नोवल कोविड-19 महामारी के चलते अचानक पैदा हुए वर्तमान हालात को देखते हुए सरकार ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति को एक साल यानी 31 मार्च, 2021 तक के लिए विस्तार देकर विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत राहत जारी रखने का फैसला किया है।
  • वर्तमान एफटीपी के तहत नीतिगत व्यवस्था को जारी रखते हुए इसकी वैधता को 31.03.2020 से बढ़ाकर 31.03.2021 तक कर दिया गया है। इसके अलावा हैंडबुक ऑफ प्रोसिजर्स की वैधता को विस्तार देकर इससे संबंधित प्रक्रियाओं को भी इसी प्रकार विस्तार दे दिया गया है।
  • निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं (एसईआईएस को छोड़कर) और अन्य योजनाओं के अंतर्गत अभी तक उपलब्ध लाभ अन्य 12 महीनों के लिए जारी रहेंगे। एसईआईएस को जारी रखने का फैसला बाद में लिया जाएगा।

विदेश व्यापार नीति, 2015-21 के मुख्य बिंदु

  • विदेश व्यापार नीति सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यमों, श्रमोन्मुखी उद्योगों और कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है। इसमें वस्तु निर्यात योजना (MEIS) और सेवा निर्यात योजना (SEIS) का दायरा बढ़ाया गया है।
  • वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) का उद्देश्य विशेष बाजारों को विशेष वस्तुओं का निर्यात करना है, जबकि सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस का उद्देश्य अधिसूचित सेवाओं का निर्यात बढ़ाना है। इसके तहत पात्रता और उपयोग के लिए अलग-अलग शर्तें रखी गई हैं। इन योजनाओं के तहत जारी की जाने वाली किसी भी स्क्रिप (पावती-पत्र) के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है।
  • एमईआईएस और एसईआईएस के तहत जारी की जाने वाली ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप और इन स्क्रिप के एवज में आयात की जाने वाली वस्तुएं पूरी तरह से हस्तांतरण योग्य हैं। एमईआईएस के तहत इनाम देने के लिए देशों को तीन समूहों में श्रेणीबद्ध किया गया है। एमईआईएस के तहत इनाम की दरें 2 से लेकर 5 फीसदी तक हैं।
  • नई विदेश व्यापार नीति में ‘व्यापार को सुविधाजनक बनाने’ एवं ‘कारोबार करने में और ज्यादा आसानी सुनिश्चित करने’ पर भी विशेष जोर दिया गया है। नई एफटीपी का एक प्रमुख उद्देश्य सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे ‘कागज रहित कामकाज’ की तरफ कदम बढ़ाना है।
  • वाणिज्य विभाग में एक नया लॉजिस्टिक्स प्रभाग बनाया गया है, ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के एकीकृत विकास में समन्वय स्थापित किया जा सके। इसके लिये नीतिगत बदलाव किये जाएंगे, मौजूदा प्रक्रियाओं को बेहतर किया जाएगा और विभिन्न बाधाओं की पहचान की जाएगी।
  • रेशम के कालीन और जूट से बने सामानों, चमड़ा क्षेत्र, कृषि उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक तथा दूरसंचार उपकरणों, चिकित्सा उपकरणों तथा समुद्री उत्पादों के लिये अतिरिक्त वार्षिक प्रोत्साहन दिया जाएगा।

4. जम्मू कश्मीर में मूल्य निर्धारण और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) की स्थापना

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में मूल्य निर्धारण और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) की स्थापना के साथ ही देश में पीएमआरयू वाले राज्यों और संघशासित प्रदेशों की संख्या बढकर 12 हो गई है।

  • केरल, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और मिजोरम में पीएमआरयू की स्थापना पहले ही की जा चुकी है।
  • ऐसे समय में जबकि देश कोविड जैसी महामारी से जूझ रहा है,पीएमआरयू द्वारा जम्मू कश्मीर में दवाओं की ज्यादा कीमतें वसूले जाने के मामलों की निगरानी करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर जमाखोरी के कारण दवाओं की कमी जैसी समस्याओं का पता लगाये जाने का काम काफी महत्वपूर्ण होगा।

मूल्य निर्धारण और संसाधन इकाई (पीएमआरयू)

  • पीएमआरयू, एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में, जम्मू कश्मीर प्रशासन के औषध नियंत्रक के प्रत्यक्ष नियंत्रण और पर्यवेक्षण के तहत कार्य करेगा। इसे एनपीपीए द्वारा आवर्ती और गैर-आवर्ती खर्चों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा।
  • पीएमआरयू सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने में एनपीपीए और राज्य औषध नियंत्रक की मदद करेगा। इसके द्वारा सभी के लिए दवाओं की उपलब्धता और सामर्थ्य वाले क्षेत्रों में सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों का आयोजन करने की भी संभावना है।
  • पीएमआरयू औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के लिए दवाओं के नमूने एकत्रित करेगा, डेटा एकत्र कर उनका विश्लेषण करेगा और दवाओं की उपलब्धता तथा उनकी ज्यादा कीमतें वसूले जाने के संबंध में रिपोर्ट करेगा।

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए)

  • राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) का गठन 29 अगस्त, 1997 को फार्मास्युटिकल विभाग (डीओपी), रसायन और उर्वरक मंत्रालय के एक संलग्न कार्यालय के रूप में दवाओं के मूल्य निर्धारण और सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक के रूप में भारत सरकार के संकल्प के साथ किया गया था।

5. टीआईएफआर ने शुरू की कोविड-19 पर जागरूकता फैलाने की पहल

कोविड-19 से संबंधित  मिथकों को दूर करने और महामारी से निपटने के लिए  अपनाई जा रही सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी वैज्ञानिक समझ प्रदान करने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) ने संचार सामग्री का एक पैकेज पेश किया है।

  • टीएफआईआर के शोधकर्ताओं ने बहु-भाषी संसाधनों (यूट्यूब वीडियो) का एक सेट बनाया है, जिसमें बताया गया है कि कोविड-19 जैसे वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना क्यों आवश्यक है।
  • टीआईएफआर द्वारा शुरू की गई इस सार्वजनिक आउटरीच पहल को ‘चाय ऐंड व्हाई?’ नाम  दिया गया है। यह एक ऐसा मंच है, जहां वैज्ञानिक सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ संवाद करते हैं और गलत सूचनाओं की वास्तविकता को स्पष्ट करते हैं। इसके साथ-साथ वे वायरस के पीछे के विज्ञान की व्याख्या भी करते हैं।
  • टीआईएफआर के वैज्ञानिक प्रोफेसर अर्नब भट्टाचार्य ने बताया कि “फैकल्टी, छात्रों और परिवारों के स्वैच्छिक प्रयासों से नौ भाषाओं – अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, कोंकणी, मराठी, मलयालम, उड़िया, तमिल और तेलुगू में जागरूकता प्रसार की पहल शुरू की गई है।” जल्द ही यह प्रचार सामग्री गुजराती, पंजाबी, हरियाणवी और असमिया में भी जारी की जाएगी।
  • इस पहल को शुरू करने का उद्देश्य सही सूचना को प्रसारित करना और विभिन्न मिथकों को दूर करने में मदद करना है। इसके अंतर्गत सूचनाएं कुछ इस तरह से पेश जाती हैं, जिससे उन्हें आसानी से समझा जा सके।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर)

  • टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) उच्च शिक्षा की बेहतरीन भारतीय संस्थाओं में से एक है। यहां मुख्यतः प्राकृतिक विज्ञान, गणित और कम्प्यूटर विज्ञान में अनुसंधान कार्य किया जाता है। यह मुम्बई के कोलाबा क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है।
  • यह स्नातक कार्यक्रम अधोलिखित सभी विषयों में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पी एच डी) की उपाधि प्रदान करता है। यह संस्थान होमी भाभा के निर्देशन में सन् 1945 में स्थापित हुआ था। इसे जून 2003 में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ था।

6. ‘कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, 2020

‘कोविड-19’ के प्रकोप के मद्देनजर अनेक सेक्टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के बारे में किए गए कई महत्वपूर्ण राहत उपायों के संबंध में   केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं, को प्रभावी करने के लिए सरकार ने 31 मार्च, 2020 को एक अध्यादेश जारी किया है।

  • इसमें कराधान और बेनामी अधिनियमों के तहत विभिन्न समय सीमाएं बढ़ाने के प्रावधान किए गए हैं। इसमें उन नियमों या अधिसूचना में निहित समय सीमाएं भी बढ़ाने के प्रावधान किए गए हैं जो इन अधिनियमों के तहत निर्दिष्ट/जारी किए जाते हैं।
  • उपर्युक्त कराधान और बेनामी अधिनियमों के तहत समय सीमा बढ़ाने के अलावा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में एक सक्षम धारा शामिल की गई है जिसके तहत बाह्य आपूर्ति का विवरण, रिफंड दावे दाखिल करने, अपील दायर करने, इत्यादि सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए नियत तारीखों को बढ़ाने का अधिकार सरकार को दिया गया है, जैसा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर अधिनियम के तहत निर्दिष्ट, निर्धारित या अधिसूचित किया गया है।
  • इस अध्यादेश के जरिये पीएम केयर्स फंड में दिये गये योगदान पर भी उसी तरह 100 प्रतिशत की कर छूट देने का प्रावधान किया गया है जैसी छूट प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान देने पर मिलती है।
  • इस लिहाज से पीएम केयर्स फंड में किये गये दान पर आयकर कानून की धारा 80जी के तहत 100 प्रतिशत कर कटौती होगी। पीएम केयर्स फंड में दिये गये दान पर सकल आय की 10 प्रतिशत कटौती की सीमा भी लागू नहीं होगी।
  • अध्यादेश जारी होने के बाद वित्त वर्ष 2018- 19 की आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने और पैन के साथ आधार पहचान संख्या को जोड़ने की अंतिम तिथि को भी तीन माह के लिये 30 जून तक बढ़ा दिया गया है।
  • आयकर कानून अध्याय छह ए-बी के तहत धारा 80सी, 80डी, 80जी जिनके तहत क्रमश: बीमा पॉलिसी, पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत पत्र आदि, चिकित्सा बीमा प्रीमियम और दान आदि में किये गये निवेश, भुगतान पर कर कटौती दी जाती है ऐसे निवेशों के लिये भी समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया है। यानी 2019- 20 के दौरानल कर छूट पाने के लिये इनमें अब निवेश 30 जून तक किया जा सकेगा।

पीएम केयर्स फंड

  • कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक विशेष कोष बनाया गया है।

7. सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन बन रहा है चर्चा का विषय

कोरोनावायरस के मामले जहां कहीं भी मिल रहे हैं, वहां शहर और गांवों की गलियों, इमारतों, सड़कों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सेनिटाइज़ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्प्रे किया जा रहा है इसके तहत सोडियम हइपोक्लोराइट (Sodium Hypochlorite) केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है।

  • इसी के तहत उत्तर प्रदेश के बरेली में बच्चों और मजदूरों को केमिकल से सैनिटाइज करने का मामला सामने आया है। इस मामले में बरेली के जिलाधिकारी ने कहा है कि बसों को सैनिटाइज करने के लिए लगाए गए लोगों ने अति सक्रियता में ऐसा कर दिया है।

सोडियम हाइपोक्लोराइट

  • सोडियम हाइपोक्लोराइट एक क्लोरीन यौगिक है, जिसे अक्सर एक निस्संक्रामक या विरंजन एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। सोडियम हाइपोक्लोराइट संक्रमित क्षेत्र या जगह को साफ करने के लिए एक डिसइन्फेक्टेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। वाणिज्यिक ब्लीच, सफाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसमें कीटाणुनाशक घटक हैं।
  • सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हैल्थ केयर सर्विसेज़ में इंफेक्शन रोकने के लिए क्लोरीन बेस वाले केमिकल का उचित प्रयोग करने की सलाह देता है।
  • •  क्लोरीन बेस वाले सॉल्यूशन कितनी देर में वायरस को मार पाते हैं यह उस वायरस पर निर्भर करता है।  साथ ही इस बात पर भी निर्भर करता है कि इंफेक्टेड सर्फेस कितनी देर तक क्लोरीन बेस के सॉल्यूशन से भीगा रहा है।
  • इबोला और उसके जैसे दूसरे सूक्ष्म जीवाणुओं, जैसे कोरोनावायरस को मारने के लिए 0.5% से 1.0% के क्लोरीन सॉल्यूशन से संक्रमित जगह का कम से 10 मिनट भीगा रहना जरूरी है। इसके लिए कई बार दो या तीन बार सॉल्यूशन का छिड़काव करना पड़ेगा।

8. जम्मू-कश्मीर के नए डोमिसाइल नियम का घोषणा

जम्मू कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिए जाने के आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल नियम को लागू कर दिया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 15 सालों से रह रहे नागरिक इस डोमिसाइल के हकदार होंगे।

  • गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या जिसने सात साल की अवधि तक अध्ययन किया हो और वहां कक्षा 10 वीं / 12 वीं की परीक्षा में उपस्थित हुआ हो, उसे वहीं का अधिवास माना जाएगा।
  • इसके तहत जिन बच्चों ने सात वर्ष तक केंद्र शासित प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई की है और दसवीं या बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी है, वे भी जम्मू-कश्मीर के डोमिसाइल होंगे। उन्हें सरकारी नौकरियां भी मिल पाएंगी।
  • सरकार के आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारी और केंद्र सरकार के स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वैधानिक निकाय के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान, जिन्होंने सेवा 10 वर्षों की कुल अवधि के लिए जम्मू और कश्मीर में  सेवा की है उनके बच्चों को भी केंद्र शासित प्रदेश में अधिवासित माना जाएगा।
  • इस डोमिसाइल को उन चिंताओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो जम्मू और कश्मीर के लिए केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति में जनसांख्यिकीय बदलाव होने की बात कर रहे थे।
  • संसद द्वारा धारा 370 को खत्म किए जाने से पहले केवल पूर्ववर्ती राज्य के स्थायी निवासी माने जाने वाले लोग ही राज्य सरकार में नौकरी पा सकते थे। जब कश्मीरी राजनेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह से मिला था, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि केंद्र ने संघ राज्य क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने का इरादा नहीं किया है।

9. प्रसिद्ध इतिहासकार अर्जुन देव का निधन

प्रसिद्ध इतिहासकार एवं राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरटी) के पूर्व डीन प्रोफेसर अर्जुन देव का निधन हो गया है। वह 80 वर्ष के थे। अर्जुन देव पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे।

  • उनका जन्म अविभाजित पाकिस्तान के नार्थ वेस्ट फ्रंटियर में हुआ था। वह 2003 में एनसीआरटी से प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर, विपिन चन्द्र और रामशरण शर्मा की पुस्तकों का सम्पादन किया था तथा एनसीआरटी से प्रकाशित इतिहास की किताबें उनके नेतृत्व में निकली थी जिससे देश के स्कूलों में इतिहास की समझ विकसित हुई थी।
  • वह सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट से भी जुड़े थे। उन्होंने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की फ्रीडम ऑफ इंडिया परियोजना के एक खण्ड का सम्पादन किया था लेकिन उनके द्वारा संपादित दूसरा खण्ड नहीं छप सका। यह कुल 19 खंडों की योजना थी जिसमें देश के नामी गिरामी इतिहासकार जुड़े थे।

10. मार्सेली के पूर्व अध्यक्ष पापे डियोफ का कोरोना वायरस के कारण निधन

  • मार्सेली फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पापे डियोफ का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। डियोफ का जन्म चाड में हुआ था, लेकिन उनके पास फ्रांस और सेनेगल की नागरिकता थी।
  • डियोफ का जन्म चाड में हुआ था,  उन्होंने 2005 से 2009 तक क्लब की मजबूत टीम तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे उनका क्लब 2010 में लीग वन खिताब जीतने में सफल रहा था।
  • उन्हें फ्रांस में कोविड-19 के उपचार के लिये डकार से नीस के लिये रवाना होना था लेकिन इससे पहले उनकी सांसे थम गयीं।
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