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सामयिकी: 29 अप्रैल 2020

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Table of Contents

Current Affairs: 29 April 2020

1. प्रधानमंत्री ने भगवान बसवेश्वर जयंती की दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को बसव जयंती (भगवान बसवेश्वर की जयंती) के मौके पर एक वीडियो संदेश में लोगों को शुभकामनाएं दी और भगवान बसवेश्वर को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। बसव जयंती 12वीं शताब्दी के दार्शनिक, समाज सुधारक और वीरशैव लिंगायत समाज के संस्थापक के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है।

भगवान बसवेश्वर

  • संत बसवेश्वर का जन्म 12वीं शताब्दी में बागेवाडी (कर्नाटक के संयुक्त बीजापुर जिले में स्थित) में हुआ था। ब्राह्मण परिवार में जन्मे बसवेश्वर के पिता का नाम मादरस और माता का नाम मादलाम्बिके था।
  • 8 साल की उम्र में बसवेश्वर का उपनयन संस्कार (जनिवारा- पवित्र धागा) हुआ था, लेकिन विद्रोही बालमन इस परंपरा में नहीं टिका और उन्होंने उस धागे को तोड़ घर त्याग दिया था। बसवेश्वरा यहां से कुदालसंगम (लिंगायतों का प्रमुख तीर्थ स्थल) पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वांगिण शिक्षा हासिल की।
  • बाद के दिनों में संत बसवेश्वर कल्याण पहुंचे जहां उस समय कलचुरी साम्राज्य के शासक बिज्जाला का शासन (1157-1167 ईसवी) था। बसवेश्वर के ज्ञान का सम्मान करते हुए कलचुरी साम्राज्य में उन्हें कर्णिका (अकाउंटेंट) का पद दिया गया। बाद में वह अपने प्रशासकीय कौशल के बदौलत राजा बिज्जाला के प्रधानमंत्री बने।
  • लेकिन बसवेश्वर को असल चिंता समाज की बिगड़ी हुई सामाजिक-आर्थिक दशा की थी। समाज में गरीब-अमीर की खाई लगातार चौड़ी हो रही थी। छुआछूत का व्यापक असर था। लैंगिक भेदभाव वाले समाज में महिलाओं का जीवन नारकीय बना हुआ था। उन्होंने अपने अनुभवों को एक गद्यात्मक-पद्यात्मक शैली में ‘वचन’ (कन्नड़ की एक साहित्यिक विधा) के रूप में लिखा।
  • बसवेश्वर ने वीरशैव लिंगायत समाज बनाया, जिसमें सभी धर्म के प्राणियों को लिंग धारण कर एक करने की कोशिश की। बसवेश्वर ने सबसे पहले मंदिरों में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुरीतियों को निशाना बनाया, जहां ईश्वर के नाम पर अमीर गरीबों का शोषण कर रहे थे। उनके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उनके युग को ‘बसवेश्वर युग’ का नाम दिया गया। बसवेश्वर को ‘भक्तिभंडारी बसवन्न’, ‘विश्वगुरु बसवण्ण’ और ‘जगज्योति बसवण्ण’ के नाम से भी जाना जाता है।

 

2. 2019 में सैनिक साजोसामान खर्च में दशक की सबसे ऊंची वृद्धि

दुनियाभर के देशों में सैनिक साजोसामान पर 2019 में दशक की सबसे ऊंची सालाना वृद्धि देखी गयी है। वर्ष के दौरान वैश्विक सैन्य खर्च में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 1989 से सैन्य खर्च में सर्वाधिक वृद्धि है।

  • शोध संस्थान की इस रिपोर्ट के अनुसार 2019 में वैश्विक सैन्य खर्च 1,917 अरब डॉलर रहा जो 2018 के सैन्य खर्च के मुकाबले 3.6 प्रतिशत अधिक है। सैन्य खर्च में बढ़ोत्तरी की यह 3.6 प्रतिशत वृद्धि दर 2010 के बाद सबसे अधिक है।

सैनिक साजोसामान पर खर्च करने वाले शीर्ष देश

  • स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की इस रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार है जब भारत और चीन दो एशियाई ताकतें सैनिक साजोसामान पर अधिक खर्च करने वाले दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल हुई हैं। इस खर्च वृद्धि में अमेरिका और उसके बाद चीन, भारत का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
  • सैनिक साजोसामान पर सबसे अधिक खर्च करने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे रहा है। अमेरिका ने 2019 में 732 अरब डॉलर का सैन्य खर्च किया जो 2018 के तुलना में 5.3 प्रतिशत अधिक है। यह राशि पूरी दुनिया में होने वाले ऐसे खर्च का 38 फीसदी है।
  • जबकि एशिया के दो बड़े देश चीन और भारत सैन्य खर्च में अधिक वृद्धि वाले तीन शीर्ष देशों में शामिल हुए हैं। इस दौरान चीन का सैन्य खर्च 2018 के तुलना में 5.1 प्रतिशत बढ़कर 261 अरब डॉलर रहा है। वहीं भारत का सैन्य खर्च 6.8 प्रतिशत बढ़कर 71.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाले दुनिया के पांच शीर्ष देशों में अमेरिका, चीन, भारत के बाद रूस चौथे और सऊदी अरब पांचवे स्थान पर है। दुनियाभर में सैनिक साजो सामान पर कुल खर्च में इन देशों का हिस्सा 62 प्रतिशत तक है।
  • वहीं एशिया में चीन और भारत के अलावा सैनिक साजोसामान पर सबसे अधिक खर्च करने वालों में जापान और दक्षिण कोरिया भी शामिल हैं। इनका सैन्य खर्च 2019 में क्रमश: 47.6 अरब डॉलर और 43.9 अरब डॉलर रहा है।
  • सिप्री में वरिष्ठ शोधार्थी सिमॉन टी. वेजीमन ने कहा, ‘‘भारत के सैन्य खर्च में बढ़ोत्तरी की प्रमुख वजह उसका दोनों पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के साथ जारी तनाव और पुरानी दुश्मनी है।’’

 

3. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में 28.6 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा एक्सिस बैंक

निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक के बोर्ड ने मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अतिरिक्त 29 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दे दी है। इस डील के मुताबिक मैक्स लाइफ का अधिग्रहण 6-9 महीने में पूरा होगा। एक्सिस बैंक, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के 55.6 करोड़ शेयर खरीदेगा।

  • यह सौदा करीब 1600 करोड़ रुपए में होगा। इस सौदे के बाद एक्सिस बैंक मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का रणनीतिक साझेदार बन जाएगा। साथ ही एक्सिस बैंक को डायरेक्टर नियुक्त करने का अधिकार होगा। विदित है कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस इस समय भारत की सबसे बड़ी नॉन बैंक ओन्ड प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी है।
  • रिपोर्ट के अनुसार मैक्स फाइनेंशिल सर्विसेज और एक्सिस बैंक के बीच मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में साझेदारी को लेकर फरवरी 2020 में एक विशेष और गुप्त समझौता हुआ था। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में अभी एक्सिस बैंक की 2 फीसदी हिस्सेदारी है, जो इस सौदे के बाद बढ़ जाएगी। हालांकि, इस ट्रांजैक्शन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के अलावा मार्केट और इंश्योरेंस रेगुलेटर की इजाजत की जरूरत होगी।
  • कंपनियों के बीच यह डील पूरी होने के बाद मैक्स लाइफ मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज और एक्सिस बैंक के बीच 70:30 का संयुक्त वेंचर बन जाएगा। मालूम हो कि एक्सिस बैंक तीसरा सबसे बड़ा निजी बैंक है और मैक्स लाइफ भारत में चौथा सबसे बड़ा निजी जीवन बीमाकर्ता है।
  • इस डील से ऐक्सिस बैंक HDFC ग्रुप, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे दिग्गज प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर बैंकों की जमात में शामिल हो जाएगी जिन्होंने लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों में बड़ा स्टेक लिया हुआ है।

 

4. स्वामित्व स्कीम संबंधी दिशा-निर्देश और ई-ग्राम स्वराज की मानक संचालन प्रकिया जारी

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पंचायत राज मंत्रालय की एक नई पहल- स्वामित्व योजना के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए। मंत्री जी ने इस अवसर पर ई-ग्राम स्वराज के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी भी जारी की है।

स्वामित्व योजना

  • स्वामित्व योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2020 से की गई है जिसका लक्ष्य ग्रामीण लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज के साथ अधिकार प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक प्रयोजनों के लिए अपनी संपति का इस्तेमाल कर सकें।
  • यह कार्यक्रम फिलहाल छह राज्यों यथा हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में प्रायोगिक तौर शुरू किया गया है। इसके तहत नवीनतम सर्वेक्षण पद्धतियों और ड्रोन का इस्तेमाल कर ग्रामीण आवासन भूमि का मानचित्रण किया जा सकता है।
  • इस कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति और संपदा अधिकारों पर स्पष्टता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे संपत्ति संबंधित विवादों के समाधान में भी सहायता मिलेगी। पंजाब और राजस्थान में, इस वर्ष के दौरान 101 सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (कॉर्स) स्थापित किए जाएंगे जो अगले साल गांवों के बसे हुए क्षेत्रों के वास्तविक सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए मंच तैयार करेंगे।

ई-ग्राम स्वराज

  • ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2020 से की गई है ई-ग्राम की मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी के पालन से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पंचायतों को दी गई धनराशि का दुरूपयोग न हो और इसके इस्तेमाल में पारदर्शिता कायम की जा सके।
  • इस अनुप्रयोग का लक्ष्य विकेन्द्रीकृत नियोजन, प्रगति रिपोर्टिंग और कार्य-आधारित लेखांकन के माध्यम से देश भर में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में ई-शासन में बेहतर पारदर्शिता और मजबूती लाना है।
  • यह पंचायतों की विश्वसनीयता बढ़ाने में भी मदद करेगा जो पीआरआई को धन के अधिक से अधिक विकास के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा, ई-ग्राम स्वराज उच्च अधिकारियों द्वारा प्रभावी निगरानी के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह पंचायतों की सभी योजनाओं और लेखांकन आवश्यकताओं के लिए एक एकल मंच होगा।

 

5. किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल बना

 

उत्तर प्रदेश का किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय प्लाज्मा थेरेपी द्वारा सफलतापूर्वक उपचार शुरू करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। 27 अप्रैल को इसकी शुरुआत 58 वर्ष के एक व्यक्ति को प्लाज्मा थेरेपी देकर की गई है। कोविड संक्रमण से पीडित 58 वर्षीय मरीज की हालत प्लाज्मा देने के बाद पहले से बेहतर हुई है।

  • किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने इसे एक एहतियात के तौर पर बताया और कहा कि उनका संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से प्लाज्मा थैरेपी को अनुमति दिए जाने के बाद से ही इसकी तैयारी कर रहा था।
  • इसके लिए प्लाज्मा उन 3 मरीजों से लिया गया जो कि किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में अपने कोविड संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज करवाकर स्वस्थ हो चुके थे। विदित है कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने रोगियों के लिए इलाज के लिए आईसीएमआर के मानकों के तहत प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की अनुमति दी है।

प्लाज्मा थेरेपी

  • कोविड-19 से ठीक हुए किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में एंटीबॉडी होते हैं जो व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा वायरस पर हमला करने के लिए बनाये जाते हैं। इस तरह के प्लाज्मा को एक रोगी में स्थानांतरित करने के बाद उसमें इस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी की शक्ति स्थानांतरित की जाती है।
  • 18 साल से 55 साल का कोई भी पुरुष जो कोरोना से ठीक हो चुका है प्लाज्मा दे सकता है। सभी अविवाहित या विवाहित महिला लेकिन जिसके बच्चे ना हो ऐसी महिला प्लाज्मा दे सकती हैं। यह प्लाज्मा कोरोना के बहुत गंभीर और बहुत कम लक्षणों वाले मरीजों को नहीं दिया जा सकता है। औसत लक्षणों वाले कोविड 19 से संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा से ठीक किया जा सकता है ।
  • इलाज का यह तरीका कोनवालेस्सेंट सीरम थेरेपी कहलाता है जो 1918 के ‘स्पैनिश फ्लू’ महामारी के समय का है।

 

6. नो-मास्क – नो वैजिटेबिल और नो मास्क – नो पेट्रोल अभियान

 

त्रिपुरा में अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के सरकार के आदेश के बाद अगरतला में विभिन्न सब्जी बाजार और पेट्रोल पम्प नो-मास्क – नो वैजिटेबिल और नो मास्क – नो पेट्रोल के अभियान के साथ आगे आए हैं।

  • शहर के सबसे बडे थोक बाजार महाराजगंज में दुकानों पर नो मास्क – नौ वैजिटेबिल की लिखी तख्तियां लगा दी गई हैं और कहा गया है कि मास्क पहनना अनिवार्य है।
  • महाराजगंज मार्किट विक्रेता संघ के सचिव नकुल देवनाथ ने बताया कि मार्किट में मास्क न पहनने वाले ग्राहकों को सब्जियां न बेचने का फैसला किया है।

क्यों जरूरी है मास्क?

  • सरकार की सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस से जुड़ी एक नियमावली कहती है कि एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आने पर कोविड-19 वायरस आसानी से फैलता है। वायरस को ले जाने वाली बूंदें इसे तेजी से फैलाती हैं और हवा में जीवित रहते हुए यह आखिरकार विभिन्न सतहों के संपर्क में आ जाता है। कोविड-19 को फैलाने वाला वायरस सार्स-कोव-2 किसी ठोस या तरल सतह (एयरोसोल) पर तीन घंटे तक और प्लास्टिक व स्टेनलेस स्टील पर तीन दिन तक जीवित रहता है।
  • इस नियमावली में कहा गया है कि मास्क के उपयोग से संक्रमित व्यक्ति से निकले द्रव कणों में मौजूद वायरस के किसी दूसरे व्यक्ति के श्वसन तंत्र में प्रवेश की आशंका कम हो जाती है। सुरक्षित मास्क पहनकर वायरस के सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश की संभावनाएं कम हो जाती हैं, जो इसके प्रसार को रोकने के लिहाज से अहम हो सकता है। हालाँकि, ,मास्क को ऊष्मा, यूवी लाइट, पानी, साबुन और अल्कोहल के एक संयोजन के उपयोग से स्वच्छ किया जाना जरूरी है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए इस नियमावली में कहा गया है कि “मास्क उन्हीं लोगों पर प्रभावी हैं जो अल्कोहल युक्त हैंडवॉश या साबुन और पानी से हाथ साफ करते हैं। यदि आप मास्क पहनते हैं, तो आपको इसके इस्तेमाल और इसके उचित निस्तारण के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • इस नियमावली में यह भी कहा गया है अगर 50 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो सिर्फ 50 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। पर, 80 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो इस महामारी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जा सकती है।

 

7. मशहूर कलाकार जरीना हाशमी का निधन

अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाली भारतीय पेंटर, शिल्पकार जरीना हाशमी का लंबी बीमारी के बाद लंदन में उनकी भांजी के आवास पर निधन हो गया है वह 83 वर्ष की थीं।

  • एक कलाकार के रूप में अपना पहला नाम रखने वाली ज़रीना का जन्म विभाजन से एक दशक पहले अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता, शेख अब्दुर रशीद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में इतिहास के प्रोफेसर थे।
  • जरीना ने एएमयू में गणित का अध्ययन किया और साद हाशमी से शादी की। साद का 45 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिसके बाद जरीना ने न्यूयॉर्क में रहना चुना। हालाँकि, वह अक्सर भारत आती रहती हैं।
  • उन्होंने पेरिस में स्टेनली विलियम हैटर के साथ प्रिंट-मेकिंग का अध्ययन किया और जापान में वुडब्लॉक प्रिंटिंग सीखी। साठ के दशक में, वह भारत लौट आईं और जयपुर में पेपरमेकर्स के साथ काम किया। 70 के दशक की शुरुआत में, वह न्यूयॉर्क चली गईं, जो चार दशकों से निर्वासन में उनका घर बन गया था।

 

8. पाकिस्तानी क्रिकेटर उमर अकमल पर तीन साल का प्रतिबंध

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने क्रिकेटर उमर अकमल को ऐंटी-करप्शन कोड के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद उन पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है। उनके खिलाफ यह प्रतिबंध क्रिकेट के सभी फॉर्मैट में लागू होगा। इसका मतलब यह हुआ कि उमर अकमल अब तीन साल तक क्रिकेट से दूर रहेंगे।

  • उन पर बोर्ड की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता की धारा 2.4. 4 के तहत फरवरी में हुए दो मामलों के तहत आरोप लगाए गए थे। दोनों मामले पाकिस्तान की टी20 लीग पीएसएल से जुड़े थे। अकमल ने पिछले महीने ही इन आरोपों के खिलाफ अपील नहीं करने का फैसला किया था। उसके बाद मामला अनुशासन समिति को सौंप दिया गया था।
  • इससे पहले, 29 वर्षीय अकमल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उन्हें एक मैच में दो गेंद छोड़ने के लिए फिक्सर की ओर से 2 लाख अमेरिकी डॉलर की पेशकश की गई थी।
  • अकमल ने पाकिस्तान के लिए अब तक 16 टेस्ट, 121 वनडे और 84 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले। उनके नाम टेस्ट में 1003, वनडे में 3194 और टी20 इंटरनैशनल में कुल 1690 रन हैं। उन्होंने 2009 में पाकिस्तान के लिए इंटरनैशनल डेब्यू किया था।

 

9. ब्रिटिश ग्रांप्री के लिए सर्किट पर मौजूद नहीं रहेंगे दर्शक

ब्रिटेन के सिल्वरस्टोन सर्किट के मालिकों ने पुष्टि की कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कोई दर्शक ब्रिटिश ग्रांप्री के दौरान सर्किट पर मौजूद नहीं रहेगा और अब तक यह एफवन रेस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी।

  • आयोजकों ने 19 जुलाई को होने वाली इस रेस को अब तक स्थगित या रद्द नहीं किया है। सिल्वरस्टोन के प्रबंध निदेशक स्टुअर्ट प्रिंगल ने पहले ही टिकट खरीद चुके प्रशंसकों को यह संदेश दिया है जिससे स्पष्ट हो गया है कि इस रेस के लिए दर्शक सर्किट पर मौजूद नहीं रहेंगे।
  • प्रिंगल ने कहा, ‘‘मैं बेहद निराशा के साथ आप लोगों को बता रहा हूं कि हम इस साल सिल्वरस्टोन में ब्रिटिश ग्रांप्री का आयोजन दर्शकों के सामने नहीं कर पाएंगे।’’

फ्रेंच ग्रांप्री रद्द

  • इससे पहले 28 जून को होने वाली फ्रेंच ग्रांप्री फार्मूला वन रेस को सोमवार को रद्द कर दिया गया है। फ्रेंच ग्रांप्री इस वैश्विक महामारी के कारण रद्द या स्थगित होने वाली 10वीं रेस है।
  • इसके अलावा जिन रेस को रद्द करने का फैसला किया गया है उसमें आस्ट्रेलिया और मोनाको की रेस शामिल हैं जबकि बहरीन, चीन, वियतनाम, नीदरलैंड, स्पेन, अजरबेजान और कनाडा में होने वाली रेस को स्थगित कर दिया गया है।

 

10. धनराशि जुटाने के लिए आनलाइन शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे कर्नाटक सरकार और एमपीएल

कर्नाटक सरकार का युवा अधिकारिता एवं खेल विभाग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए धनराशि जुटाने के इरादे से दो और तीन मई को आनलाइन शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन करेगा।

  • प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस टूर्नामेंट का आयोजन यूनाईटेड कर्नाटक शतरंज संघ और बेंगलुरू स्थित मोबाइल गेमिंग कंपनी मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) के सहयोग से किया जाएगा।
  • इस टूर्नामेंट का आयोजन एमपीएल ऐप पर किया जाएगा और इस टूर्नामेंट से होने वाली पूरी कमाई कर्नाटक मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की जाएगी।
  • इस टूर्नामेंट में भारत में रहने वाले सभी लोग हिस्सा ले सकते हैं और इसका प्रवेश शुल्क 50  रुपये है। टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि 10 लाख रुपये है जिसमें से विजेता को एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
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