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Current Affairs: 2 May 2020
1. राजा रवि वर्मा की 172वीं जयंती
- राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ने प्रसिद्ध चित्रकार और कलाकार राजा रवि वर्मा को उनकी 172वीं जयंती पर एक वर्चुअल टूर के माध्यम से श्रद्धांजलि दी है। नई दिल्ली के एनजीएमए के संरक्षित संग्रह में उनकी कलाकृतियों के संपूर्ण संग्रह का प्रदर्शन किया गया है।
- इस अवसर पर गूगल ने भी अपनी गैर लाभकारी पहल ‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर पर उनके चित्रों की डिजिटल प्रदर्शनी शुरू की ही। उनके कृतत्व पर नजर डालने वाली इस प्रदर्शनी में उनके द्वारा बनाए चित्रों, रेखा चित्रों और दुर्लभ तस्वीरों के 700 छवियां शामिल की गई हैं।
राजा रवि वर्मा
- राजा रवि वर्मा का जन्म केरल के एक कुलीन परिवार में हुआ था। राजा रवि वर्मा काफी हद तक यूरोपीय शैली के एक स्व-प्रशिशक्षित चित्रकार थे। लेकिन यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि राजा रवि वर्मा तैल चित्रण में वरदहस्त थे और उन्होंने यूरोपीय प्रकृतिवाद की शैली के साथ एक बेजोड़ सामजस्य स्थापित किया था।
- हालांकि राजा रवि वर्मा भारतीय चित्रकला परंपरा और उभरते यूरोपीय अकादमिक प्रकृतिवाद के कलादीर्घा चित्रकारों के बीच एक परिवर्तनकालिक अवस्था के चित्रकार थे पर उन्होंने दोनों परंपराओं के सौंदर्य सिद्धांतों को अपनी शैली में समाहित किया था।
- उन्होंने भारतीय कल्पनाओं को चित्र के माध्यम से साकार रूप देते हुए हिंदू पौराणिक गाथाओं को चित्रित किया जो उनके समय के समाज को प्रतिबिंबित करती हैं। कला इतिहासकारों के अनुसार, राजा रवि वर्मा के अद्भुद ऐतिहासिक चित्रों ने दादासाहेब फाल्के और बाबूराव पेंटर जैसे भारतीय सिनेमा के पथ-प्रदर्शकों को भी प्रभावित किया।
- उन्होंने अपनी चित्रकारी को एक नया आयाम देने के लिए व्यापक रूप से भारत की यात्रा की। उन्होंने जर्मन तकनीक के साथ एक प्रेस की स्थापना की, ताकि व्यापक स्तर पर मांग को पूरा करने के लिए सस्ते ऑलोग्राफ बनाए जा सकें। उनकी चित्रकारी इतनी सुसंगत है कि यह आज भी लोकप्रिय दृश्य संस्कृति पर अपनी गहरी छाप छोड़ती है।
- राजा रवि वर्मा ने एक चित्रकार के रूप में ऐतिहासिक चित्रकला, महिलाओं पर चित्रकारी के साथ-साथ अन्य कई शैलियों को अपनाने हुए उत्कृष्ट चित्रकारी का प्रदर्शन किया। उनके कुछ चर्चित काम में “द बेगम्स बाथ”, “देअर कम्स पापा”, “डेकिंग द ब्राइड”, “पोर्ट्रेट ऑफ अ लेडी”, “कादंबरी” आदि शामिल हैं।
2. रामायण धारावाहिक ने सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कार्यक्रम का विश्व रिकॉर्ड बनाया
- राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण धारावाहिक ने सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कार्यक्रम का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। प्रसार भारती ने एक ट्वीट में कहा है कि इस महीने की 16 तारीख को एक ही दिन में इस कार्यक्रम को सात करोड़ 70 लाख लोगों ने देखा है। इस नंबर के साथ यह शो एक दिन में दुनियाभर में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो बन गया है।
- कुछ दिनों पहले डीडी नेशलन के सीईओ शशि ने इस बात की जानकारी दी थी कि साल 2015 से लेकर अब तक जनरल एंटरटेनमेंट कैटगरी (सीरियल्स) के मामले में ये शो टॉप पर है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मुझे यह बताते हुए काफी खुशी महसूस हो रही है कि दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहा शो ‘रामायण’ साल 2015 से अब तक का सबसे अधिक टीआरपी जनरेट करने वाला हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट शो है।’
- जिस दिन रामायण के पहले एपिसोड का प्रसारण हुआ था उस दिन इसे 17 मिलियन (एक करोड़, 70 लाख) लोगों ने देखा था। अन्य मशहूर धारावाहिक जैसे बुनियाद, शक्तिमान, श्रीमान श्रीमती और देख भाई देख भी टीआरपी के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
- कोरोना वायरस से देशभर के लोग इस समय अपने घर के अंदर बंद है। टीवी पर किसी भी सीरियल का कोई नया एपिसोड प्रसारित नहीं हो रहा है क्योंकि टीवी धारावाहिक, फिल्मों और वेब सीरिज की शूटिंग 17 मार्च से बंद है। इसके अलावा लंबे समय से लोगों की मांग थी कि रामायण को दोबारा प्रसारित किया जाए।
रामायण
- रामायण वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है, जिसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं, जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी है। इसे ‘वाल्मीकि रामायण’ या ‘बाल्मीकि रामायण’ भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं, जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ भी कहा जाता है।
- कुछ भारतीय कहते हैं कि यह 600 ईपू से पहले लिखा गया है। उसके पीछे युक्ति यह है कि महाभारत जो इसके पश्चात आया बौद्ध धर्म के बारे में मौन है यद्यपि उसमें जैन, शैव, पाशुपत आदि अन्य परम्पराओं का वर्णन है। अतः रामायण गौतम बुद्ध के काल के पूर्व का होना चाहिये। भाषा-शैली से भी यह पाणिनि के समय से पहले का होना चाहिये।
- रामायण का पहला और अन्तिम कांड संभवत: बाद में जोड़ा गया था। अध्याय दो से सात तक ज़्यादातर इस बात पर बल दिया जाता है कि राम भगवान विष्णु के अवतार थे। कुछ लोगों के अनुसार इस महाकाव्य में यूनानी और कई अन्य सन्दर्भों से पता चलता है कि यह पुस्तक दूसरी सदी ईसा पूर्व से पहले की नहीं हो सकती, अतः हम कह सकते हैं कि इसके समय काल की धारणा विवादास्पद है।
रामायण के सात अध्याय हैं जो निम्न हैं –
- i)बालकाण्ड
- ii)अयोध्याकाण्ड
- iii)अरण्यकाण्ड
- iv) किष्किन्धाकाण्ड
- v) सुंदरकाण्ड
- vi)लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड)
- vii)उत्तरकाण्ड
3. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यंम उद्यमों से जुड़ी योजनाओं के बैंक, परिकल्पनाओं, नवाचारों एवं रिसर्च पोर्टल का शुभारंभ
- केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुड़ी योजनाओं के बैंक, परिकल्पनाओं, नवाचारों एवं रिसर्च पोर्टल (http://ideas.msme.gov.in/)का शुभारंभ किया।
क्या हैं पोर्टल की विशेषताएं?
- यह पोर्टल केंद्र, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की सभी योजनाओं तक पहुंच सुलभ कराता है तथा इसमें परिकल्पनाओं, नवाचारों एवं अनुसंधानों को अपलोड करने का प्रावधान है। इसमें जानकारियों के श्रेणी-वार वर्गीकरण एवं विश्लेषण तथा उपलब्धियां प्रकाशित की जा सकती हैं।
- इस पोर्टल में न केवल परिकल्पनाओं की क्राउड सोर्सिंग की अनूठी विशेषताएं हैं, बल्कि क्राउड सोर्सिंग द्वारा परिकल्पनाओं के मूल्यांकन और रेटिंग की भी सुविधा है। यह उद्यम पूंजी (वेंचर कैपिटल), विदेशी सहयोग आदि की आमद को भी आसान बना सकता है।
- इससे ग्रामीण जनजातीय ज्ञान जैसे अनुसंधान गतिविधियों में मदद मिलेगी और कौशल को अपने ज्ञान का प्रसार करने का मौका मिलेगा। इसी प्रकार, यह किसानों को उनकी उपज के लिए योजना बनाने,उत्पादन,भंडारण और विपणन में सहायता कर सकता है।
- यूजर्स अपनी परिकल्पना, नवाचार या अनुसंधान को इस मंच पर साझा कर सकते हैं, जिसकी समीक्षा संबंधित अधिकारी द्वारा की जायेगी और उन्हें सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रकाशित किया जाएगा। पंजीकृत यूजर्स इन विचारों (क्राउड सोर्सिंग) का आकलन कर सकते हैं और पूंजीपति परिकल्पनाओं, नवाचारों या अनुसंधानों से लैस यूजर्स से जुड़ सकते हैं।
- आवेदक अपने सेक्टर (रूरल टेक्नोलॉजी इनोवेशन, वेस्ट – टू – वेल्थ, एग्रो – प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज,खादी,कॉयर,आदि) को इंगित कर सकता है। उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल बनाने के लिहाज से पोर्टल में परिकल्पना (संकल्पना, प्रोटोटाइप या वाणिज्यिक) के चरण को इंगित करने की सुविधा है।
- यह पोर्टल व्यवसायीकरण के लिए तैयार परिकल्पनाओं, नवाचारों और अनुसंधानों के वन-स्टॉप कम्पेंडियम के रूप मेंसंभावित उद्यमियों को लाभान्वित करेगा। परिकल्पनाओं की रेटिंग को सार्वजनिक रूप से देखा जा सकता है जोकि निर्णय लेने में मदद करेगा।
- वेंचर कैपिटलिस्ट परिकल्पना या नवाचार से लैसव्यक्तितथासूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों से बातचीत कर सकते हैं। इसी तरह, भविष्य में बैंक, गवर्नमेंट लैब्स, इनक्यूबेटर्स, एक्सेलेरेटर्स, फॉरेन कोलैबोरेशन को जोड़ने के विकल्प उपलब्ध हैं।
4. आयुष मंत्रालय ने शुरू किया आयुर्रक्षा कार्यक्रम
- कोविड योद्धाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने ‘कोरोना से जंग, दिल्ली पुलिस के संग’ नामक कार्यक्रम तैयार किया है। आयुर्रक्षा कार्यक्रम के तहत औषधियों के किट तैयार किए गए हैं जो दिल्ली पुलिस के सभी कर्मचारियों को दिए जाएंगे।
- केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सहयोग से दिल्ली पुलिस और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद ने मिलकर कोरोना के खिलाफ यह अभियान शुरू किया है। इस अभियान को ‘आयुर्रक्षा- कोरोना से जंग, दिल्ली पुलिस के संग’ नाम दिया गया है। नए पुलिस मुख्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग को कायम रखते हुए इस अभियान को लॉन्च किया गया।
- इस हेतु दिल्ली पुलिस को एक किट दिया गया है। जिसमे आयुर्वेद से जुड़ी चीजें दी गई हैं जिससे उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत मिलेगी। ये उपाय आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुरूप हैं। च्वयनप्राश (मुख्य तत्व के रूप में आंवला), अनु तैला एवं संशामणि वटी (गुडुची से निर्मित्त) जैसे अनुशंसित फार्मूलेशन की सरल औषधियां हैं जो समय सिद्ध हैं और प्रतिरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं।
- सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में मोर्चे पर डटे दिल्ली पुलिस के जवानों और उनकी तरह के अन्य कोरोना वारियर्स को संक्रमण की चपेट में आने से बचाने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोशक क्षमता में इजाफा हो।
5. अजय तिर्की ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव का पदभार संभाला
- अजय तिर्की ने नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) में सचिव के रूप में पदभार संभाल लिया है। उन्होंने रविंद्र पंवार का स्थान लिया है, जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए हैं।
- वह मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अजय तिर्की सचिव का पदभार संभालने से पहले इसी मंत्रालय में विशेष सचिव का पद संभाल रहे थे।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अपर सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले उन्होंने वर्ष 2017 में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया था।
- वह वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक रक्षा मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं।
- अजय तिर्की वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के प्रधान सचिव थे और उन्हें होम कैडर में अपनी नियुक्तियों में चिकित्सा शिक्षा, श्रम एवं रोजगार तथा ग्रामीण विकास के विभागों (पोर्टफोलियो) को संभालने का व्यापक अनुभव है।
- वह राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड), मध्य प्रदेश के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। इससे पहले वह सीधी, होशंगाबाद और रायपुर के जिला कलेक्टर थे। इसके अलावा, उन्होंने मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर काम किया है।
6. राम कृष्ण मठ और मिशन ने मानाया अपना स्थापना दिवस
- राम कृष्ण मठ और मिशन ने 01 मई को अपना स्थापना दिवस मनाया है। स्वामी विवेकानंद ने उत्तरी कोलकाता के बाघ बाजार में 1897 में राम कृष्ण मिशन की स्थापना की थी जिसे अब बलराम मंदिर के नाम से जाना जाता है।
राम कृष्ण मिशन
- रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने 1 मई, 1897 में की थी। उनका उद्देश्य ऐसे साधुओं और सन्न्यासियों को संगठित करना था, जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखें, उनके उपदेशों को जनसाधारण तक पहुँचा सकें और संतप्त, दु:खी एवं पीड़ित मानव जाति की नि:स्वार्थ सेवा कर सकें।
- रामकृष्ण मिशन विकासोन्मुख संस्था है और इसके सिद्धान्तों में वैज्ञानिक प्रगति तथा चिन्तन के साथ प्राचीन भारतीय अध्यात्मवाद का समन्वय इस दृष्टि से किया गया है कि यह संस्था भी पाश्चात्य देशों की भाँति जनकल्याण करने में समर्थ हो।
- इसके द्वारा स्कूल, कॉलेज और अस्पताल चलाये जाते हैं और कृषि, कला एवं शिल्प के प्रशिक्षण के साथ-साथ पुस्तकें एवं पत्रिकाएँ भी प्रकाशित होती हैं। इसकी शाखाएँ समस्त भारत तथा विदेशों में हैं। इस संस्था ने भारत के वेदान्तशास्त्र का संदेश पाश्चात्य देशों तक प्रसारित करने के साथ ही भारतीयों की दशा सुधारने की दिशा में भी प्रशंसनीय कार्य किया है।
- नरेन्द्रनाथ दत्त (स्वामी विवेकानन्द) के मुख्य प्रेरक स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे। रामकृष्ण जी कलकत्ता के एक मन्दिर में पुजारी थे। उन्होंने भारतीय विचार एवं संस्कृति में अपनी पूर्ण निष्ठा जताई है। वे धर्मों में सत्यता के अंश को मानते थे। रामकृष्ण जी ने मूर्तिपूजा को ईश्वर प्राप्ति का साधन अवश्य माना, किन्तु उन्होंने चिह्न एवं कर्मकाण्ड की तुलना में आत्मशुद्धि पर अधिक बल दिया था।
जनवरी में बेलूर मठ में रात्रि विश्राम किया था प्रधानमंत्री ने
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 12 जनवरी 2020 को हावड़ा के बेलूर मठ में आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह को संबोधित किया था तथा उन्होंने बेलूर मठ रात्रि विश्राम किया था ।
- बेलूर मठ भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर बेलूर में स्थित है। यह रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है। इस मठ के भवनों की वास्तु में हिन्दू, इसाई तथा इस्लामी तत्वों का सम्मिश्रण है जो धर्मो की एकता का प्रतीक है।
- 40 एकड़ की भूमि पर अवस्थित इस मठ के मुख्य प्रांगण में स्वामी रामकृष्ण परमहंस, शारदा देवी, स्वामी विवेकानंद और स्वामी ब्रह्मानन्द की देहाग्निस्थल पर उनकी समाधियाँ व मन्दिर अवस्थित है, तथा रामकृष्ण मिशन के प्रमुख कार्यालय अवस्थित हैं।
7. कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा ‘सारंडा इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा’
एक तरफ पूरी दुनिया कोविड-19के संक्रमण को रोकने और उससे बचाव के तरीके ढूंढ रही है, वहीं आदिवासी बहुल पश्चिमी सिंहभूम जिले में वन विभाग पारंपरिक काढ़ा के ज़रिए कोरोना के फ्रंटलाइन वारियर्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में जुटा है।
- सारंडा वन प्रमण्डल ने आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन पर आधारित इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक तैयार किया है। आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज चाईबासा के पूर्व प्राचार्य डॉ मधुसूदन मिश्रा की देखरेख में इस काम को किया जा रहा है। विदित है कि अभी वायरल संक्रमण का इलाज संभव तो नहीं लेकिन शरीर में एंटीजेन तैयार कर हम उसे मात दे सकते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से ही संभव होता है।
- साल के वृक्षों के लिए मशहूर एशिया प्रसिद्ध सारंडा का वन क्षेत्र औषधीय पौधों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहीं से प्राप्त जड़ी बूटियों और अन्य वन उपजों को इकट्ठा कर स्थानीय वन समिति के जरिए इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक का वृहद पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है।
- सारंडा के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि इसे जिले के पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें दिया जाएगा।इसके उत्पादन से वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आमदनी को बढ़ाने में मदद तो मिलेगी ही, कोरोना के फ्रंटलाइनर योद्धाओं के लिए भी यह ड्रिंक सहायक साबित होगी।
8. 01 मई को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस
- 1 मई का दिन भारत समेत दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जो दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को समर्पित है। भारत में लेबर डे को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, मई दिवस, कामगार दिन, इंटरनेशनल वर्कर डे, वर्कर डे भी कहा जाता है।
- ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। इस दिन ज्यादातर कंपनियों में छुट्टी रहती है। दुनिया के कई देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत?
- अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदोलन पर चले गए थे।
- 1 मई, 1886 के दिन मजदूर लोग रोजाना 15-15 घंटे काम कराए जाने और शोषण के खिलाफ पूरे अमेरिका में सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान कुछ मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी थी जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
- इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें यह ऐलान किया गया कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी थी।
भारत में कब हुई मजदूर दिवस की शुरुआत?
- भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई थी। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। यही वह मौका था जब पहली बार लाल रंग झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।
- यह भारत में मजदूर आंदोलन की एक शुरुआत थी जिसका नेतृत्व वामपंथी व सोशलिस्ट पार्टियां कर रही थीं। दुनियाभर में मजदूर संगठित होकर अपने साथ हो रहे अत्याचारों व शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
9. विख्यात फुटबॉल खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी का निधन
- विख्यात फुटबॉल खिलाड़ी और प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर रह चुके चुन्नी गोस्वामी का निधन हो गया है। उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। कोलकाता के एक अस्पताल में 82 वर्षीय खिलाड़ी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
- उन्होंने साल 1962 में एशियन खेलों में भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी की थी और उस वक्त भारत के खाते में स्वर्ण पदक आया था वह बंगाल के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेले थे।
- गोस्वामी ने भारत के लिये बतौर फुटबालर 1956 से 1964 तक 50 मैच खेले थे। वहीं क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था।
- 60 के दशक में भारतीय फ़ुटबॉल अपने स्वर्णिम दौर में था और तब इस टीम में तीन दिग्गजों का जलवा था जिसमे पी के बनर्जी, चुन्नी गोस्वामी और तुलसीदास बलराम शामिल थे। 1956 में इसी तिकड़ी की बदौलत भारत मेलबोर्न में हुए ओलंपिक में सेमीफ़ाइनल तक पहुँचा था। भारत इस स्तर तक पहुँचने वाला एशिया का पहला देश था।
- चुन्नी गोस्वामी को 1963 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनकी मृत्यु से पहले पिछले महीने 20 मार्च को भारत के एक और दिग्गज फ़ुटबॉलर पी.के बनर्जी का निधन हुआ था।
10. आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भारत को हटा शीर्ष पर आया आस्ट्रेलिया
आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में टीम इंडिया का पहला स्थान 01 मई को छिन गया है। आईसीसी द्वारा ताजा जारी टेस्ट रैंकिंग में भारत को हटाकर ऑस्ट्रेलिया नंबर-1 टीम बन गई है। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम दो पायदान खिसककर तीसरे पायदान पर आ गई है।
- आईसीसी रैंकिंग नियम के मुताबिक 2016-17 के रिकॉर्ड को सालाना अपडेट में हटाने के बाद रैंकिंग में यह बदलाव देखने को मिला है। अक्टूबर 2016 के बाद यह पहला मौका है, जब टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान से नीचे खिसकी है।
- 2016-17 में टीम इंडिया ने 12 टेस्ट मैच जीते थे, जबकि महज एक में हार का सामना करना पड़ा था। उस दौरान विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने सभी पांच टेस्ट सीरीज जीती थीं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज भी शामिल थी। उस दौरान ऑस्ट्रेलिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी हार का सामना करना पड़ा था।
- भले ही आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भारत तीसरे पायदान पर आ गया हो लेकिन आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप प्वॉइंट टेबल में टीम इंडिया नंबर-1 टीम बनी हुई है। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 9 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिसमें सभी टीमें छह टेस्ट सीरीज खेलेंगी और इसके बाद प्वॉइंट टेबल के आधार पर टॉप-2 टीमों के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर फाइनल टेस्ट मैच खेला जाएगा।लेटेस्ट रैंकिंग में मई 2019 तक खेले गए मैचों को 100 फीसदी जगह मिली है, जबकि इससे पहले के दो साल में खेले गए मैचों को 50 फीसदी जगह मिली है। इसके बाद से ऑस्ट्रेलिया टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल रैंकिंग में भी टॉप पर पहुंच गया है। यह पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया टी20 रैंकिंग में टॉप पर पहुंचा है, जबकि इंग्लैंड क्रिकेट टीम वनडे इंटरनेशनल में टॉप पर बनी हुई है।