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सामयिकी: 18 अप्रैल 2020

Current Affairs: 18 April 2020 हम यहां आपके लिए महत्वपूर्ण हालिया और नवीनतम करेंट अफेयर्स प्रदान करने के लिए हैं 18 अप्रैल 2020, हिंदू, इकनॉमिक टाइम्स, पीआईबी, टाइम्स ऑफ इंडिया, पीटीआई, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस जैसे सभी अखबारों से नवीनतम करेंट अफेयर्स 2020 घटनाओं को यहा प्रदान कर रहे है। यहा सभी डाटा समाचार पत्रों से लिया गया हे।

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Table of Contents

Current Affairs: 18 April 2020

1. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित किया गया राष्ट्रीय खरीफ फसल सम्मेलन 2020

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खरीफ फसलें 2020 पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, उन्होंने राज्यों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार राज्यों के सामने आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेगी।

  • अभी राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए खरीफ की खेती की तैयारियों के बारे में राज्यों के परामर्श से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना और कदम उठाना है।
  • विशेष सचिव, अतिरिक्त सचिव (कृषि) और कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
  • कृषि क्षेत्रों में खरीफ सीजन के दौरान क्षेत्र कवरेज, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए संबंधित राज्यों में अपनाई जाने वाली रणनीतियों, चुनौतियों, उपलब्धियों को साझा करने के लिए पांच समूहों में सभी राज्यों के कृषि उत्पादन आयुक्तों और प्रमुख सचिवों के साथ एक बातचीत सत्र भी आयोजित किया गया।

खरीफ फसल

  • वर्षा ऋतु की फसलों को खरीफ कहा जाता है। अरबी भाषा में ‘ख़रीफ़’ शब्द का मतलब ‘पतझड़’ होता है। ख़रीफ़ की फ़सल अक्टूबर में पतझड़ के मौसम में तैयार होती है इसलिए इसे इस नाम से बुलाया जाता है। इनको जून से जुलाई के बीच में बोया जाता है और इनकी कटाई सितम्बर और अक्टूबर के बीच में की जाती है।
  • खरीफ की फसल को दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के समय बोया जाता है। फसल के बोये जाने के समय आर्द्रता  अधिक होती है जबकि कटाई के समय शुष्कता अधिक होती है। खरीफ फसल के मुख्य उदहारण हैं – धान, मक्का, जूट, सोयाबीन, ज्वार, बाजरा, मूँग, मूँगफली, गन्ना इत्यादि।

खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति

  • वर्ष 2020-21 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 298.0 मिलियन टन निर्धारित किया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 291.10 मिलियन टन रखा गया है जबकि विभिन्न फसलों के क्षेत्र कवरेज और उत्पादकता में वृद्धि के कारण अधिक उत्पादन होकर लगभग 292 मिलियन टन होने का अनुमान है।
  • पिछले वर्ष (2018-19) में खाद्यान्न का 285 मिलियन टन रिकॉर्ड उत्पादन होने के अलावा, देश ने लगभग 25.49 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 313.85 मिलियन मीट्रिक टन बागवानी उत्पादन किया, जो फलों के कुल विश्व उत्पादन का लगभग 13 प्रतिशत है। चीन के बाद भारत सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • पिछले दो दशकों (1988-89 से 2018-19) के दौरान खेती योग्य / कृषि भूमि में लगभग 2.74 मिलियन हेक्टेयर तक की कमी आई है। हालांकि, इसी अवधि के दौरान सकल फसली क्षेत्र 182.28 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 196.50 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जिसमें विशुद्ध बोया गया क्षेत्र काफी हद तक 140 मिलियन हेक्टेयर पर अपरिवर्तित रहा है। विभिन्न तकनीकी और नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण खाद्यान्न का उत्पादन 169.92 मिलियन टन से बढ़कर 284.96 मिलियन टन हुआ है।

2. सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) केन्द्रों से संचालित आईटी कंपनियों को किराये में 4 महीने की छूट

कोविड-19 के प्रकोप और उसके बाद लॉकडाउन से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारत के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों (एसटीपीआई) से संचालित छोटी आईटी इकाइयों को किराये के भुगतान से राहत प्रदान की है। इनमें से अधिकतर इकाइयां या तो टेक एमएसएमई या स्टार्टअप हैं।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने देश के एसटीपीआईपरिसरों में स्थित इन इकाइयों को 01.03.2020 से 30.06.2020 तक यानी 4 महीने की अवधि के लिए किराये में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है।
  • विदित है कि भारत का सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्तशासी सोसाइटी है और इसके देश भर में 60 केन्द्र हैं।
  • इन केन्द्रों स्थित इकाइयों को किराये में छूट प्रदान करने की पहल से कोविड-19 महामारी के कारण उभरी संकट की स्थिति में उद्योग को राहत मिलेगी। यह पहल इन 60 एसटीपीआई केन्द्रों से संचालित लगभग 200 आईटी / आईटीईएस एमएसएमई को लाभ प्रदान करेगी।
  • 01.03.2020 से 30.06.2020 के बीच 4 महीने की अवधि के दौरान इन इकाइयों को प्रदान की गई किराये में छूट का कुल अनुमानित खर्च करीब 5 करोड़ रुपये है। यह प्रयास लगभग 3,000 आईटी/आईटीईएस कर्मचारियों के बड़े हित में है जिनकी जीविका प्रत्यक्ष तौर पर इन इकाइयों से जुड़ी हुई है।

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स आफ इंडिया

  • भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है। जिसमे सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स आफ इंडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज देश भर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के उद्देश्य से उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सांवधिक सहायता का पर्याय बन गया है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता विकास को उत्प्रेरक के रूप में पहचान करते हुए और सामरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में ‘सॉफ्टवेयर निर्यात, सॉफ्टवेयर विकास एवं प्रशिक्षण’ पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भारत सरकार द्वारा 1986 में अपनाई गई नीति के फलस्वरूप समर्पित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों की स्थापना करने का विचार उत्पन्न हुआ था।
  • सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एस.टी.पी.आई.) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सोसाइटी है जिसकी स्थापना भारत द्वारा सॉफ्टवेयर निर्यात को प्रोत्साहित,बढ़ावा एवं वृद्धि करने के उद्देश्य से सोसाइटीज पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी सोसाइटी के रूप में 5 जून, 1991 को की गई थी।
  • सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया, अपनी सेवाएं के सम्पादन के लिए आंतरिक इंजीनियरिंग संसाधनों का अनुरक्षण करता है। इन सेवाओं में नेटवर्क डिजाइन, प्रणाली एकीकरण, विविध क्षेत्रों में अप्रयुक्त नेटवर्क और सुविधाओं के संस्थापन, प्रचालन और उनका अनुरक्षण शामिल है।
  • प्रक्रिया का विकास गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के आधार पर है। एस.टी.पी.आई. के केन्द्र भी आई.एस.ओ 9001 प्रमाणन का अनुपालन करते हैं।

3. आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाया

कोरोना वायरस महासंकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राहत की घोषणाएं की हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की है। अब रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी से घट कर 3.75 फीसदी हो गई है।

  • नकदी संकट को दूर करने के लिए निवेश को बढाया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए। बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके।
  • इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को सलाह दी थी कि वे अगले तीन महीने तक ग्राहकों को ईएमआई में राहत दें।
  • गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है। वायरस संकट के चलते शेयर सूचकांकों में जनवरी के बाद से 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हो चुकी है।
  • लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर नुकसान हो रहा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है।

रिवर्स रेपो रेट

  • जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। यह सामान्यत: रेपो रेट से 50/40 बेसिक पॉइन्ट कम होती है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आती है। बाज़ार में नकदी को घटाने के लिए आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है और बाज़ार में नकदी को बढ़ने के लिए आरबीआई रिवर्स रेपो रेट घटा देती है, जैसा कि अभी किया है।

4. इस साल शून्य रह सकती है एशिया की आर्थिक वृद्धि दर: आईएमएफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह आशंका व्यक्त की है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल एशिया की आर्थिक वृद्धि दर शून्य रह सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यह पिछले 60 साल का सबसे बुरा प्रदर्शन होगा।

  • हालांकि आईएमएफ का यह भी मानना है कि आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में अन्य क्षेत्रों की तुलना में अभी भी एशिया बेहतर स्थिति में है। आईएमएफ ने ‘कोविड-19 महामारी और एशिया-प्रशांत क्षेत्र: 1960 के दशक के बाद की सबसे कम वृद्धि दर’ शीर्षक से एक ब्लॉग में कहा कि इस महामारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गंभीर और अप्रत्याशित असर होगा।
  • आईएमएफ ने कहा, ‘‘2020 में एशिया की वृद्धि दर शून्य रहने की आशंका है। एशिया की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7 प्रतिशत और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3 प्रतिशत थी. शून्य वृद्धि दर करीब 60 साल की सबसे खराब स्थिति होगी।’’
  • इसके साथ ही आईएमएफ ने जोड़ा कि अब भी एशिया क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर कर सकता है। इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट आने के अनुमान हैं। इस साल चीन और भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 1.2 और 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • आईएमएफ के अनुसार, एशिया के दो बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका और यूरोप में क्रमश: छह प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान हैं। आईएमएफ ने दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में क्रमश: 3.5 प्रतिशत और नौ प्रतिशत की कटौती की है।

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 1944 के ब्रेट्टनवुड सम्मेलन में हुई थी तथा 1945 से यह प्रभाव में आया था।
  • स्थापना के समय इसमें 29 सदस्य थे। वर्तमान में इसमें 189 सदस्य है। इसका मुख्यालय अमेरिका के वाशिंगटन में स्थित है।
  • यह विश्व में आर्थिक स्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संवर्धन, देशों के चालू खाते के स्थिरीकरण, अल्पकालीन ऋण, विश्व से गरीबी उन्मूलन तथा वैश्विक-वित्तीय समावेशन के लिए कार्य करता है।
  • ‘World Economic Outlook’ नामक शीर्षक से IMF प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट जारी करता है।
  • वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ बुल्गारिया की क्रिस्टालिना जॉर्जीवा हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ हैं।

5. गृह मंत्रालय द्वारा जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग पर परामर्श जारी

गृह मंत्रालय के तहत साइबर कॉर्डिनेशन सेंटर (साइकॉर्ड) ने निजी व्यक्तियों द्वारा जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग पर परामर्श जारी किया है। इस परामर्श में कहा गया है कि यह प्लेटफॉर्म सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आधिकारिक उद्देश्यों हेतु उपयोग के लिए नहीं है।

  • दस्तावेज में इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के आरंभ के परामर्शों का संदर्भ दिया गया है और कहा गया है कि जूम सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है। ये दिशानिर्देश उन निजी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए हैं जो अभी भी निजी उद्वेश्यों के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करना चाहेंगे।
  • इस परामर्श का व्यापक उद्देश्य जूम कॉन्फ्रेंस रूम में किसी भी अनधिकृत प्रवेश को रोकना और अनधिकृत प्रतिभागियों को कांफ्रेंस में अन्य यूजर्स के टर्मिनलों पर दुर्भावनापूर्ण हमले करने से बचाना है।
  • इस अडवाइजरी में वे ऑप्शन बताए गए हैं जिससे कुछ सेटिंग्स को इनेबल या डिसेबल करके कॉन्फ्रेंस रूम में किसी अनऑथराइज्ड एंट्री को रोका जा सकता है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि सिर्फ पावसवर्ड और ऐक्सिस ग्रांट करके ही यूजर्स को कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल करें ताकि DOS अटैक से बचा जा सके।

प्रष्ठभूमि

  • पिछले कुछ दिनों से इस वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप्स के जरिए डाटा लीक्स जैसी कई खबरें सामने आ रहीं थी। पिछले दिनों ही एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक, जिसमें जूम अकाउंट्स की डिटेल्स 15 पैसे से कम कीमत में ऑनलाइन बेचे जाने के बारे में बताया गया था। पहले भी इस ऐप की सिक्युरिटी को लेकर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं।
  • गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। अधिकतर लोग घर से काम कर रहे हैं और ऐसे में ज़ूम विडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।

ज़ूम वीडियो कम्युनिकेशंस इंक

  • ज़ूम वीडियो कम्युनिकेशंस इंक या ज़ूम, एक अमेरिकी संचार प्रौद्योगिकी कंपनी है जिसका मुख्यालय सैन जोस, कैलिफोर्निया में स्थित है। यह क्लाउड-आधारित और पीयर-टू-पीयर सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से वीडियो चैट और ऑनलाइन चैट सेवाएं प्रदान करता है और इसका उपयोग टेलीकांफ्रेंसिंग, टेलकम्यूटिंग, दूरस्थ शिक्षा और सामाजिक संबंधों के लिए किया जाता है।

6. भारत 55 देशों को मलेरियारोधी दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भेजेगा

भारत ने 55 देशों को मलेरियारोधी दवाई हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन भेजने का फैसला किया है। इनमें से 21 देशों को वाणिज्यिक आधार पर दवाई भेजी जाएगी, जबकि अन्य देशों को बहुत कम मात्रा में अनुदान के रूप में दवाई भेजी जाएगी।

  • विश्व के 53 देशों में कुल तीन हजार तीन सौ छत्तीस भारतीय कोविड-19 से संक्रमित हैं। संक्रमण के कारण विदेशों में 25 भारतीयों की मृत्यु हुई है।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन

  • हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन(एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से अलग) एक मौखिक दवा है जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ के उपचार में किया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 मार्च को कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन -एज़िथ्रोमाइसिन के कॉकटेल के उपयोग के बारे में ट्वीट किया था जिसके बाद दवा का इस्तेमाल किया गया था।
  • 19 मार्च को द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में को लिखे गए एक लेख में इस दवा के फायदे और बीमारियों से लड़ने की क्षमता के बारे में बताया गया था। खासतौर से  यह दवा कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटीवायरल गतिविधि को दर्शाती है।
  • इस दवा का खास असर SARS-CoV-2  [ यह वही वायरस जो COVID-2 का कारण बनता है ] ड्रग कंसंट्रेशन और विट्रो ड्रग टेस्टिंग पर आधारित फार्मालॉजिकल मॉडलिंग के मुताबिक हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के साथ प्रोफिलैक्सिस SARS-CoV-2 संक्रमण और वायरल को रोक सकता है।
  • दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के उत्पादन और निर्यात में भारत का शीर्ष स्थान है। वैश्विक आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। फार्मास्क्युटिकल्स विभाग ने बताया कि देश में एपीआई का पर्याप्त भंडार है और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की उत्पादन क्षमता देश की आवश्यकता और निर्यात की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
  • इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने नई दिल्ली में कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन एक रोग प्रतिरोधक है और यह इलाज नहीं है। कोविड-19 महामारी के इलाज में इसकी आम जनता के लिए कभी भी सिफारिश नहीं की गई है।

7. पानी में भारी धातु की खोज को आसान बनाने के लिए पोर्टेबल सेंसर विकसित

सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CeNS – Centre for Nano and Soft Matter Sciences) ने पानी में भारी धातु के आयनों का पता लगाने के लिए एक कॉम्पैक्ट सॉलिड-स्टेट सेंसर विकसित किया है। यह एक पोर्टेबल यंत्र है जो दूरदराज के क्षेत्रों में ऑनसाइट खोज में मदद कर सकता है।

  • सीसा, पारा और कैडमियम जैसे भारी धातु के आयन सजीव प्राणियों के लिए बेहद गंभीर खतरे पैदा करते हैं क्योंकि वे आसानी से उनके शरीर में जमा हो सकते हैं और किसी भी रासायनिक या जैविक प्रक्रियाओं द्वारा उन्हें बाहर (डीटोक्सीफाई) नहीं किया जा सकता है।
  • पानी में भारी धातु के आयनों से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए इन आयनों के तेजी से ऑनसाइट खोज के लिए कुशल और पोर्टेबल सेंसर विकसित करने की जरुरत भारत के लिए काफ़ी पहले से थी।

कॉम्पैक्ट सॉलिड-स्टेट सेंसर

  • डॉ. प्रलय के. संतरा की अगुवाई में सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज के शोधकर्ताओं की एक टीम ने भारी धातु आयनों के प्रभावी ऑनसाइट खोज, मसलन सीसा आयनों (Pb2 +) को 0.4 भाग प्रति एक अरब (पीपीबी – parts per billion) तक, के लिए एक कॉम्पैक्ट सॉलिड – स्टेट सेंसर विकसित किया है।
  • इस सेंसर की फिल्म को मैंगनीज डोप्ड जिंक सल्फाइड क्वांटम डॉट्स एवं एक ग्लास सब्सट्रेट पर रिड्यूस्ड ग्राफीन ऑक्साइड के बीच संश्लेषण करके तैयार किया गया है।
  • ये विशेष क्वांटम डॉट्स पानी में घुलनशील हैं और इनमें उच्च मात्रा में फोटोलुमिनेसेंस (~ 30%) क्वांटम  हैं, जिसकी वजह से वे ल्यूमिनेन्स – आधारित सेंसिंग के लिए उपयुक्त हैं।
  • ये क्वांटम डॉट्स 254 एनएम के हैंडहेल्ड यूवी प्रकाश से उद्दीप्त हो सकते हैं और इस प्रकार वे दूरदराज के क्षेत्रों में भी एक पोर्टेबल डिवाइस को संभव बना सकते हैं। अगर पारा, सीसा, कैडमियम आदि जैसे भारी धातु के आयनों वाली पानी की एक बूंद को इस मिश्रित फिल्म से जोड़ा जाता है, तो फिल्म का उत्सर्जन चंद सेकंडों के भीतर हो जाता है।
  • यह अध्ययन पानी में भारी धातु आयनों की आसान पहचान को दर्शाता है। हालांकि, शोधकर्ताओं की टीम पहचान की चयनात्मकता में सुधार लाने की रणनीति विकसित कर रही है।

8. चित्रा जीनलैंप-एन ने 2 घंटे में कोविड-19 की पुष्टि करने वाला टेस्ट किट किया विकसित

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय महत्व के संस्थान श्री चित्रा तिरुनाल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने एक डायग्नोस्टिक टेस्ट किट विकसित की है, जो काफी कम खर्चे में 2 घंटे के भीतर कोविड19 की पुष्टि कर सकती है।

  • वायरल न्यूक्लिक एसिड के रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस लूप-मीडिएटेड एम्प्लीफिकेशन (RT-LAMP – Reverse transcriptase loop-mediated amplification of viral nucleic acid) के इस्तेमाल से सार्स-कोव2 के एन जीन का पता लगाने वाला यह डायग्नोस्टिक टेस्ट दुनिया में अपनी तरह का पहला नहीं तो दुनिया के पहले कुछ में से एक होगा।
  • डीएसटी द्वारा वित्त पोषित टेस्ट किट को चित्रा जीनएलएएमपी-एन (लैंपएन-एन) कहते हैं, जो एसएआरएस-कोव-2 एन-जीन के लिए काफी विशिष्ट है और यह जीन के दो क्षेत्रों का पता लगा सकता है। किट यह सुनिश्चित करेगा कि भले ही वायरल जीन का एक क्षेत्र मौजूदा प्रसार के दौरान बदलाव से गुजरा हो, पर टेस्ट असफल न हो।
  • एनआईवी अलप्पुझा (आईसीएमआर द्वारा अधिकृत) में किए गए टेस्ट बताते हैं कि चित्रा जीन एलएएमपी-एन 100 फीसदी सटीक और आरटी-पीसीआर के इस्तेमाल से टेस्ट के परिणाम से मेल खाता है। भारत में कोविड-19 की जांच के लिए इसे मंजूरी देने के लिए आईसीएमआर को सूचित कर दिया गया है, जिसके बाद निर्माण के लिए सीडीएससीओ से लाइसेंस प्राप्त करने की जरूरत होगी।

क्या होंगे जीनएलएएमपी-एन के लाभ?

  • सीमित सुविधाओं और प्रशिक्षित लेबोरेटरी टेक्नीशियंस के साथ जिला अस्पतालों की लेबोरेटरीज में भी यह टेस्टिंग की सुविधा स्थापित की जा सकती है। मशीन में फ्लोरेसेंस में हुए परिवर्तन से परिणाम पढ़े जा सकते हैं। एलएएमपी टेस्टिंग के लिए नए उपकरण और एन जीन के 2 क्षेत्रों के लिए टेस्ट किट के साथ जांच का खर्च लेबोरेटरी के लिए 1000 रुपये प्रति टेस्ट से भी कम आएगा।
  • डिटेक्शन टाइम 10 मिनट का है और नमूने का नतीजा आने (स्वैब में आरएनए एक्स्ट्रैक्शन से लेकर आरटी-एलएएमपी डिटेक्शन टाइम तक) में 2 घंटे से कम समय लगेगा। एक मशीन से एक बैच में ही कुल 30 नमूनों की जांच की जा सकती है और इससे एक दिन में बड़ी संख्या में नमूनों की जांच कर सकते हैं।

क्या है टेस्ट की वर्तमान स्थिति?

  • भारत में मौजूदा पीसीआर (Polymerase Chain Reaction) किट से स्क्रीनिंग के लिए ई जीन और पुष्टि के लिए आरडीआरपी जीन को डिटेक्ट करते हैं। चित्रा जीन एलएएमपी-एन जीन टेस्टिंग में खर्च काफी कम होगा और स्क्रीनिंग टेस्ट के बिना ही एक टेस्ट में पुष्टि हो सकेगी।

9. रोहित शर्मा दुबई स्थित कोचिंग अकादमी के बने ब्रांड दूत

भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवरों के उप कप्तान रोहित शर्मा को दुबई स्थित क्रिकेट अकादमी ‘क्रिककिंगडम’ का ब्रांड दूत नियुक्त किया गया है। रोहित का नाम अकादमी के निदेशक के रूप में भी प्रस्तावित किया गया है।

  • प्रेस विज्ञप्ति में रोहित के हवाले से कहा गया, ‘‘क्रिककिंगडम खेल के महान खिलाड़ी तैयार करने वाली पारंपरिक विधियों को आधुनिक वैज्ञानिक ट्रेनिंग पद्धतियों के साथ मिलाना चाहता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका विजन दूरदर्शी है और वे प्रत्येक पहलू को पेशेवर और ढांचागत बनाना चाहते हैं।’’
  • यह अकादमी वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप कम होने के बाद अपने ‘आनलाइन प्लेटफार्म’ के जरिये भी कोचिंग की सुविधा देगी। क्रिककिंगडम की मदद से कोचों की सेवाएं लेने के अलावा मैदान और नेट की सुविधा की बुकिंग की जा सकती है और साथ ही यह अकादमियों का प्रबंधन भी करती है।
  • मुंबई के तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी भी इस अकादमी के मेंटर में से एक हैं। यह अकादमी चार वर्ग में कोचिंग देती है जिसमें पांच से आठ वर्ष, आठ से 13 वर्ष, 13 वर्ष से अधिक और क्लब एवं एलीट स्तर के क्रिकेटर शामिल हैं।

10. अनिश्चित काल के लिए स्थगित हुआ आईपीएल 2020

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खतरे के कारण देशभर में लॉकडाउन के तीन मई तक बढ़ने के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

  • आईपीएल का आयोजन 29 मार्च से होना था लेकिन पहले लगाए गए लॉकडाउन के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पहले आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने के बाद बीसीसीई ने आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया है।
  • आईपीएल के फिलहाल होने की कोई संभावना नहीं है। बीसीसीआई के पास एक विकल्प यह है कि यदि आईसीसी टी-20 विश्वकप (18 अक्टूबर से 15 नवंबर) को स्थगित करती है तो वह आईपीएल को अक्टूबर-नवंबर में करा सकता है।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अनिश्चितकाल के लिए टालने की आधिकारिक घोषणा करने के घंटे भर बाद ही श्रीलंका ने इसकी मेजबानी की इच्छा जाहिर कर दी है। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने दुनिया की इस सबसे महंगी टी-20 लीग को अपने द्वीप राष्ट्र में करवाने की पेशकश की, जिसमें कहा गया कि यहां कोरोना का प्रभाव कम है।

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