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सामयिकी: 17 अप्रैल 2020

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Table of Contents

Current Affairs: 17 April 2020

1.  लॉकडाउन के दौरान खराब होने वाले उत्पादों के अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए कॉल सेंटर लॉन्च

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कोविड-19 के खतरे के कारण जारी लॉकडाउन की मौजूदा परिस्थिति के दौरान खराब होने वाले उत्पादों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए कृषि भवन में आयोजित एक समारोह में अखिल भारतीय कृषि परिवहन कॉल सेंटर लॉन्च किया है।

  • इस कॉल सेंटर के नम्बर 18001804200 और 14488 हैं। इन नम्बरों पर दिन या रात को किसी भी समय मोबाइल या लैंडलाइन फोन से कॉल किया जा सकता है।
  • 24×7 सेवा प्रदान करने वाला यह अखिल भारतीय कृषि परिवहन कॉल सेंटर खराब होने वाले सब्जियों और फलों, बीज, कीटनाशक और उवर्रक आदि जैसे कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए राज्यों के बीच अंतर-राज्यीय सहयोग के लिए कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग (DAC&FW – Department of Agriculture, Cooperation and Farmers Welfare) भारत सरकार की एक पहल है।

कौन मांग सकता है मदद?

  • कृषि, बागवानी या बीज और उर्वरकों के अलावा अन्य खराब होने वाली वस्तुओं को एक से दूसरे राज्य में भेजने में कठिनाइयों का सामना कर रहे ट्रक चालक और सहायक, व्यापारी, खुदरा व्यापारी, ट्रांसपोर्टर्स, किसान, विनिर्माता या अन्य हितधारक इस कॉल सेंटर पर सम्पर्क करके मदद मांग सकते हैं।
  • कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव्स राज्य सरकार के अधिकारियों को मसलों को सुलझाने में सहायता करने के साथ-साथ वाहनों और खेप के विवरण उपलब्ध कराएंगे।

24×7 किया जाएगा संचालित

  • इफ्को किसान संचार लिमिटेड (आईकेएसएल) की ओर से फरीदाबाद, हरियाणा में उसके कार्यालयों से परिचालित इन कॉल सेंटर लाइन्स द्वारा शुरूआत में 10 कस्टमर्स एक्जीक्यूटिव्स द्वारा चौबीसों घंटे 8-8 घंटे की तीन पालियों में सेवाएं प्रदान की जाएगी।
  • कॉल सेंटर सेवा को 20 सीट आधारित आवश्यकताओं की पूर्ण क्षमता तक विस्तारित किया जा सकता है। कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव्स हर प्रकार की समस्या के निपटान के रिकॉर्ड को बरकरार रखेंगे और उसे सत्यापित करेंगे।

यह 24×7 कॉल सेंटर कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लॉकडाउन की अवधि के दौरान फील्ड स्तर पर किसानों और खेतीबाड़ी की गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए किए गए विविध उपायों में से एक है।

2. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की जताई उम्मीद

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद की घोषणा की है। आईएमडी ने मानसून के लिए अपने प्रथम चरण लंबी दूरी पूर्वानुमान (LRF – Long Range Forecast) में कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) सीजन की वर्षा कुल मिला कर पूरे देश के लिए सामान्य (96-104 प्रतिशत) रहने का अनुमान है।”

  • मात्रा के लिहाज से दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) सीजन की वर्षा के 5 प्रतिशत की मामूली त्रृटि के साथ लंबी अवधि औसत (LPA -Long Period Average) का 100 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 1961-2020 की अवधि के लिए कुल मिला कर पूरे देश में सीजन की वर्षा का एलपीए 88 सीएम है।
  • मॉनसून के 1 जून को केरल के तिरुवनंतपुरम तक पहुंचने की उम्मीद है। मॉनसून विद्यमान सामान्य तिथियों की तुलना में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार जैसे राज्यों एवं उत्तर प्रदेश के हिस्सों में 3-7 दिन की देरी से पहुंचेगा।
  • तथापि, सुदूर उत्तर पश्चिम भारत में, मानसून अब थोड़ा पहले 15 जुलाई की वर्तमान तारीख की तुलना में 8 जुलाई को आता है। मानसून के 15 अक्तूबर को दक्षिण भारत से वापस हो जाने की उम्मीद है।
  • अभी आईएमडी ने ‘भारत भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आरंभ/प्रगति एवं वापसी की नई सामान्य तिथियां’भी जारी कीं हैं। आईएमडी द्वितीय चरण पूर्वानुमान के एक हिस्से के रूप में मई के अंतिम सप्ताह/जून 2020 के प्रथम सप्ताह में अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा।

ईएनएसओे और आईओडी की स्थिति

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार ‘न्यूट्रल एल नीनो साउदर्न आस्लिेशन (ईएनएसओे) स्थितियां प्रशांत महासागर और न्यूट्रल इंडियन ओसन डिपोल (आईओडी) स्थितियां हिन्द महासागर के ऊपर व्याप्त हो रही हैं। कुछ जलवायु मोडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि इन स्थितियों के आगामी मानसून सीजन के दौरान बनी रहने की उम्मीद है इसीलिए मानसून को सामान्य आंकलित किया गया है।

एल नीनो (El-Nino)

  • प्रशांत महासागर में दक्षिण अमेरिका के पश्चिम तटीय देश पेरू के निकट समुद्री धारा के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है। वर्तमान में इस शब्द का इस्तेमाल उष्णकटिवंधीय क्षेत्र में केंद्रीय और पूर्वी प्रशांत महासागर के सतही तापमान में कुछ अंतराल पर असामान्य रूप से होने वाली वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप होने वाले विश्वव्यापी प्रभाव के लिये किया जाता है।
  • इसका भारतीय मानसून पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो अल-नीनो की विपरीत परिस्थिति ला नीनो कहलाती है जो पूर्व-मध्य प्रशांत महासागर में सामान्य से ठंडी समुद्री सतह की स्थिति है यह बेहतर मानसून वर्षा और भारत में ठंडी हवाओं से जुड़ी है जबकि एल नीनो का प्रभाव देश में सामान्य से नीचे वर्षा के साथ जुड़ा है।

हिंद महासागर डाइपोल (IOD)

  • हिंद महासागर डाइपोल अल-नीनो के समान ही एक महासागर-वायुमंडल अंतर्संबंध की परिघटना है। IOD पश्चिमी हिंद महासागर (अरब सागर) और पूर्वी हिंद महासागर (इंडोनेशियाई तट का दक्षिण भाग) के समुद्र सतह के तापमान में अंतर के कारण उत्पन्न होता है।
  • इस परिघटना में पश्चिमी हिंद महासागर का जल पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में गर्म होता है तो इसे सकारात्मक IOD और इसकी विपरीत स्थिति को नकारात्मक IOD कहते हैं।
  • भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल-नीनो के समान ही IOD भी मौसम और जलवायु की घटनाओं को प्रभावित करता है, हालाँकि इसका प्रभाव अल-नीनो जैसी परिघटनाओं से कमज़ोर होता है क्योंकि हिंद महासागर का क्षेत्रफल प्रशांत महासागर की तुलना में कम है, इसके अतिरिक्त हिंद महासागर प्रशांत महासागर की तुलना में उथला भी है।

मानसून

  • मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है।
  • शीत ऋतु में हवाएँ उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहती हैं जिसे शीत ऋतु का मानसून कहा जाता है। ग्रीष्म ऋतु में हवाएँ इसके विपरीत दिशा में बहती हैं, जिसे दक्षिण-पश्चिम मानसून या गर्मी का मानसून कहा जाता है।

3. कोरोना को रोकने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की संदिग्ध भूमिका का आरोप लगाकर अमेरिका ने रोकी फंडिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी जाने वाली सालाना अमेरिकी धनराशि को रोकने की घोषणा की है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर आरोप लगाया है कि उसने नोवल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद के मामले में ठीक से प्रबंधन नहीं किया और सही जानकारी नहीं दी।

  • ट्रंप ने व्हाइट हाउस में महामारी पर अपने दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘‘आज मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं, साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छिपाने की कोशिश के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है। हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ।’’
  • ट्रम्प ने कहा कि अमरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन को चालीस करोड़ से पचास करोड डॉलर हर वर्ष देता रहा है जबकि चीन एक साल में लगभग चार करोड़ डॉलर काया इससे भी कम योगदान देता है।
  • ट्रम्प ने आगे कहा कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में वस्तुस्थिति का सही मूल्यांकन करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ भेजे होते और चीन द्वारा पारदर्शिता न बरते जाने को उजागर किया होता, तो वायरस के संक्रमण को स्रोत पर ही रोका जा सकता था और मौत के मामले सीमित रखे जा सकते थे।
  • मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए ट्रम्प ने कहा कि दुनिया डब्ल्यूएचओ पर निर्भर है कि वह देशों के साथ काम करे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरों के बारे में सटीक जानकारी समय पर साझा की जाए लेकिन डब्ल्यूएचओ इस मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
  • जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार कोरोना वायरस, जो नवंबर में मध्य चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में उत्पन्न हुआ था, उसके चलते अब तक अमेरिका में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दुनिया भर में कम से कम 1.19 लाख लोग मारे गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर विश्व के 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी।
  • इसका उद्देश्य संसार के लोगो के स्वास्थ्य का स्तर ऊँचा करना है। डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है।
  • यह विश्व के देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देश हैं। भारत भी विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक सदस्य देश है और इसका भारतीय मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है।
  • इथियोपिया के डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वर्तमान महानिदेशक हैं।

4. कोरोना संकट के बीच दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनाव संपन्न

कोरोना महामारी के संकट के मध्य दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनाव संपन्न हो गए है इन चुनावों में वोटरों ने भारी मतदान किया है। मतदान केंद्रों पर वोटिंग के दौरान लोगों ने मास्क पहन रखा था और उन्होंने शारीरिक दूरी का पालन किया।

  • नेशनल असेंबली (संसद) के 300 सदस्यों को चुनने के लिए ये चुनाव संपन्न हुए हैं। लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध होने के बावजूद दक्षिण कोरिया की सरकार ने अपने 4 करोड़ 40 लाख मतदाताओं को आश्वस्त किया था कि उनके लिए वोट डालने के लिए घर से बाहर निकलना पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • विदित है कि कोरोना संक्रमण फैलने के शुरुआती दौर में चीन के बाद दक्षिण कोरिया में ही सबसे ज्यादा मामले पाए गए थे।  लेकिन बड़े पैमाने पर किए गए टेस्ट और तमाम उपायों के जरिये महामारी पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है।
  • इसी के चलते संसदीय चुनाव कराने की राह आसान हुई थी। हालांकि इन चुनावों को स्थगित करने की मांग भी उठी थी, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने चुनाव कराने का फैसला लिया।

क्या थी मतदान की प्रक्रिया?

  • दक्षिण कोरिया दुनिया का पहला देश है जहाँ कोरोना वायरस के फैलने के बाद संसदीय चुनाव करवाए गए हैं। जैसे ही लोग वोट डालने पहुंचते हैं उनका तापमान लिया जाता है अगर उनका तापमान 99.5 डिग्री से अधिक निकलता है तो दूसरे स्थान पर वोट डालने के लिए ले जाया जाता है। उसका कोरोना का टेस्ट करवाया जाता है और मतदान केंद्र को डिसइंफ़ेक्ट यानि कीटाणुरहित कर दिया जाता है।

5. पूल टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर की स्वीकृति

देशभर में कोरोना से लोगों को बचाने का अभी तक एक ही इलाज है वह है ज्यादा से ज्यादा कोरोना का टेस्ट करना। इसी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने देश में कोरोना वायरस की पूल टेस्टिंग को मंजूरी दे दी है और इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है।

  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एडवाइजरी में कहा गया है कि “लैबों द्वारा किए जा रहे टेस्ट की संख्या बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि कुल मामलों में संक्रमित मामलों अन्य देशों की तुलना में दर अभी भी कम है। अतः पूल टेस्टिंग से इसमें मदद मिल सकती है।”

क्या है पूल टेस्टिंग?

  • पूल टेस्टिंग वह प्रणाली है जिसमें एक-एक सैंपल टेस्ट करने के बजाय सभी सैंपल को मिक्स कर लिया जाता है और इस मिक्स सैंपल का टेस्ट किया जाता है। यदि यह नमूना निगेटिव आता है तो सारे निगेटिव मान लिए जाते हैं। अगर नमूना पॉजिटिव आता है तो फिर सभी नमूनों की अलग-अलग जांच होती है।
  • जिस इलाके में कोरोना संक्रमण की आशंका हो, वहां यह टेस्ट बेहद कारगर है। साथ ही यह ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग में मददगार होगा, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं होते हैं।
  • पूल टेस्टिंग के जरिए बड़ी संख्या में टेस्ट ही नहीं बल्कि पैसा भी बचाया जा सकता है। अगर पांच लोगों का पूल टेस्ट किया जाता है और इसका नतीजा नेगेटिव आता है तो ऐसा करने से चार टेस्ट किट बचती हैं। घर-घर जाकर टेस्टिंग की प्रक्रिया में भी ये बेहद सहायक है।

6. चीन ने कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत को भेजी 650,000 चिकित्सा किट्स

चीन ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने में मदद के लिए भारत को 650,000 कोरोना वायरस चिकित्सा किट्स भेजी हैं। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट्स और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स समेत कुल 650,000 किटों को ग्वांग्झू हवाईअड्डे से भारत के लिए रवाना किया गया है।

  • कोरोना वायरस से करीब ढाई महीने तक जूझने के बाद चीन में कारखानों ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है और वह भारत समेत दुनियाभर में वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) समेत चिकित्सा सामान की भारी मांग को एक बड़े कारोबारी अवसर के तौर पर देख रहा है।
  • भारत ने 30 लाख जांच किटों के अलावा कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों के लिए चीन से 1.5 करोड़ निजी सुरक्षा उपकरण खरीदने का ऑर्डर दिया है। चीन से इन सामान के आयात के लिये निजी और सरकारी कंपनियां दोनों ही ऑर्डर दे रही हैं।
  • इस डिलीवरी से पूर्व भारत सरकार ने चीन से आने वाले कोरोना वायरस के टेस्टिंग किट्स की डिलीवरी में देरी होने की वजह से दक्षिण कोरिया, जर्मनी और फ्रांस जैसे अन्य देशों में निर्मित तथा स्वदेशी जांच किट के उपयोग को भी मंजूरी दे दी है।

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई)

  • व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण या पीपीई ऐसे उपकरण हैं जो किसी व्यक्ति द्वारा उन परिस्थितियों में पहने जाते हैं या धारण किये जाते हैं जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं।  मास्क, सुरक्षा चश्मा, सुरक्षा जूते के अलावा, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों में बड़ी संख्या में श्वसन सुरक्षा उपकरण, सुरक्षात्मक कपड़े शामिल हैं, जिसमें हेलमेट, काले चश्मे, श्रवण रक्षक (कान प्लग), सुरक्षा दस्ताने, सुरक्षा जूते, श्वासयंत्र आदि शामिल हैं।

7. कोविड – 19 के प्रकोप के बारे में क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियों और निर्णयों में मदद के लिए एकीकृत भू-स्थानिक मंच

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने कोविड – 19 के प्रकोप के दौरान निर्णय लेने में मदद करने एवं रिकवरी के चरण में सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को संभालने के लिए क्षेत्र – विशिष्ट में रणनीति के निर्धारण में सहयोग करने के लिए उपलब्ध भू-स्थानिक डेटासेट, मानकों पर आधारित सेवाओं और विश्लेषणात्मक उपकरणों को मिलाकर एक एकीकृत भू-स्थानिक प्लेटफ़ॉर्म बनाया है।

  • शुरू में, इस मंच से राज्य एवं केंद्र सरकारों की सार्वजनिक स्वास्थ्य वितरण प्रणाली को मजबूत करने और आगे चलकर नागरिकों एवं एजेंसियों को स्वास्थ्य, सामाजिक-आर्थिक संकट और आजीविका संबंधी चुनौतियों से जुड़ी आवश्यक भू-स्थानिक सूचना सहयोग प्रदान करने की उम्मीद है।
  • यह एकीकृत भू-स्थानिक मंच कोविड – 19 के प्रकोप के कारण राष्ट्र के स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन को मजबूत करेगा और स्थानिक डेटा, सूचना, और मानव, चिकित्सा, तकनीकी, अवसंरचनात्मक और प्राकृतिक संसाधनों के बीच संबंध के सहज प्रावधान के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक सुधार प्रक्रिया का समर्थन करेगा।
  • भू-स्थानिक सूचनाओं को एकीकृत करने में डीएसटी के इन प्रयासों से देश को बहुपक्षीय संकट, जो इस महामारी द्वारा लाया गया है, का सामना करने के लिए तेजी से स्थानिक सूचना-आधारित निर्णय लेने और इन निर्णयों के प्रभावों को देशभर में फैलाने में मदद मिल सकती है।

मोबाइल एप्लिकेशन “सहयोग”

  • मोबाइल एप्लिकेशन “सहयोग” के साथ – साथ भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) द्वारा तैयार और प्रबंधित वेब पोर्टल को इस महामारी के प्रति भारत सरकार की प्रतिक्रियात्मक गतिविधियों को मजबूत करने के उद्देश्य से समुदाय के सहयोग के जरिए कोविड – 19 विशिष्ट भू-स्थानिक डाटासेट का संग्रहण करने के लिए अनुकूलित किया गया है।
  • “सहयोग”  एप्लिकेशन में महामारी के बड़े प्रकोपों के लिए भारत सरकार की रणनीति एवं रोकथाम योजना के अनुरूप आवश्यक सूचना मापदंडों को शामिल किया गया है।
  • यह मोबाइल एप्लिकेशन भारत सरकार द्वारा संपर्कों का पता लगाने (कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग), जनजागरूकता (पब्लिक अवेयरनेस) और स्व – मूल्यांकन (सेल्फ-असेसमेंट) के उद्देश्यों से शुरू किये गये “आरोग्य सेतु” मोबाइल एप्लिकेशन का पूरक होगा।

8. अभिनेता रंजीत चौधरी का निधन

अभिनेता रंजीत चौधरी का निधन 15 अप्रैल को हो गया है। वह फिल्म प्रशंसकों के बीच ‘खट्टा-मीठा’, ‘बातों बातों में’ और ‘बॉलीवुड/हॉलीवुड’ में निभाए गए किरदारों से लोकप्रिय थे। रंजीत चौधरी विख्यात रंगमंच कलाकार पर्ल पदम्सी के बेटे हैं।

  • उन्हें 14 अप्रैल को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आंत के अल्सर ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था। उनका ऑपरेशन भी हुआ लेकिन अस्पताल में ही उनका निधन हो गया।
  • रंजीत चौधरी यहां दांत के इलाज के लिए भारत में थे और उन्हें बंद की वजह से यहीं रूकना पड़ा था। अभिनेता की पत्नी और उनका 16 साल का बेटा न्यूयॉर्क में हैं। चौधरी दिसंबर-जनवरी से यहीं थे और 18 अप्रैल को वापस जाने वाले थे।

9. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप 2021 के लिए किया क्वालीफाई

पूरे विश्व में कोरोना वायरस और लॉकडाउन संकट के बीच भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2021 में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है। यह विश्व कप न्यूजीलैंड में 6 फरवरी से 7 मार्च के बीच खेला जाना है।

  • भारत के साथ चार अन्य देशों ने भी इस विश्व कप के लिए सीधे तौर पर एंट्री पाई है। भारत के अलावा जिन चार देशों ने क्वालीफाई किया है उसमें मेजबान देश न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीमें हैं। न्यूजीलैंड की टीम को मेजबान होने की वजह से सीधा प्रवेश मिला है।
  • टीम इंडिया के विश्व कप में जगह बनाने का फैसला आईसीसी की महिला चैंपियनशिप टेक्निकल कमेटी द्वारा किया गया है। समिति के अनुसार आईसीसी महिला चैंपियनशिप में 2017 से 2020 के बीच सभी आठ टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ तीन-तीन मैचों की सीरीज खेली है। मेजबान न्यूजीलैंड और तालिका में शीर्ष पर रहने वाली अगली चार टीमों ने इस एकदिवसीय टूर्नमेंट के लिए सीधे क्वॉलिफाइ किया है।
  • गौरतलब है आईसीसी की इस कमेटी ने यह फैसला लिया है कि सभी टीमें के बीच तीनों ही सीरीज के अंक बराबर बांटे जाएंगे। रैंकिंग के आधार पर बाकी की अन्य चार टॉप प्वाइंट्स हासिल करने वाली टीमें सीधा वनडे विश्व कप के लिए जगह बनाने में कामयाब हो जाएंगी।
  • ऑस्ट्रेलिया की टीम के इस समय 37 अंक हैं और वो पहले नंबर पर विराजमान है। दूसरा स्थान इंग्लैंड के पास है जिसके 29 अंक हैं। इसके अलावा साउथ अफ्रीका के 25 अंक हैं। भारतीय टीम के 23 अंक हैं और उसने टॉप चार टीमों में रहते हुए विश्व कप में जगह बनाई है।

10. मैच फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए कानून बनवाना चाहता है पीसीबी

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने क्रिकेट में मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए सरकार से कानून बनाने का आग्रह किया है। पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनी ने कहा कि फिलहाल उनके पास भ्रष्टाचार के मामलों की गहन जांच के लिए गवाहों को बुलाने या बैंक खाते जांचने का वैधानिक अधिकार नहीं है।

  • पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनी ने कहा कि कानून के बनने से खिलाड़ियों में डर बैठेगा। साथ ही अपराधियों को सजा भी दिलाई जा सकेगी। पाकिस्तान क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के कई मामले सामने आए हैं। इनमें कुछ पूर्व टेस्ट कप्तान सलीम मलिक, दानिश कनेरिया, सलमान बट्ट, मो. आसिफ, मो. आमिर और शर्जील खान जैसे उदाहरण हैं।
  • मनी ने कहा कि पीसीबी कानून की उस प्रक्रिया को करीब से समझ रहा है, जिसे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने मैच फिक्सरों के खिलाफ कानून बनाने के दौरान अपनाया था क्योंकि पीसीबी चाहता है कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार की गतिविधि को आपराधिक मामला माना जाए।
  • विदित है कि आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे क्रिकेट खेलने वाले देश पहले ही मैच फिक्सिंग को आपराधिक मामला बनाने से जुड़ा कानून बना चुके हैं।
  • मनी ने हालांकि कहा कि जब तक कानून नहीं बन जाता तब तक पीसीबी आईसीसी की मौजूदा भ्रष्टाचार रोधी संहिता का पालन करता रहेगा जो प्रतिबंध और रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद खिलाड़ी को क्रिकेट में वापसी की स्वीकृति देती है।
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