UPSC की IAS परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों की संख्या को देख कर भारतीय युवाओं के बीच प्रशासनिक नौकरियों की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता स्पष्ट दिखाई देती है। प्रत्येक वर्ष इस परीक्षा में करीब 5 लाख युवा शामिल होते हैं और इससे भी अधिक आवेदक राज्य पीसीएस परीक्षाओं में अपना भाग्य आजमाते हैं। हालांकि यूपीएससी की आईएएस परीक्षा और राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता की संभावना काफी कम होती है ( एक बार में 1% से भी कम) लेकिन इस नौकरी के प्रोफाइल से जुड़ी प्रतिष्ठा और विशेषाधिकार अभी भी बड़े पैमाने पर बुद्धिजीवी वर्ग को आकर्षित करते हैं।
आईए IAS और PCS अधिकारियों के सेवा कोड में मूल अंतर को समझें
1. चयन प्रक्रिया और प्रशासन
आईएएस (Indian Administrative Services) a.इनकी बहाली संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सिविल सर्विसेस परीक्षा के माध्यम से होती है। b. केंद्र सरकार द्वारा स्थापित केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) लोक सेवकों की भर्ती और सेवा संबंधित सभी मामलों का फैसला करता है। |
पीसीएस (Provincial Civil Services) a. ये राज्य लोक सेवा आयोग (एसपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य सिविल सेवा परीक्षा द्वारा भर्ती किए जाते हैं। b. संबंधित राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा स्थापित राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एसएटी) राज्य सरकार के कर्मचारियों की भर्ती और सेवा संबंधित सभी मामलों का फैसला करता है। |
2. परीक्षा का पैटर्न और पाठ्यक्रम
IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) |
PCS ( राज्य लोक सेवा) |
a. परीक्षा तीन चरणों– प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में होती है। प्रश्न तथ्यात्मक की तुलना में अधिक अवधारणात्मक होते हैं।
b. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अनिवार्य योग्यता एप्टीट्यूड परीक्षा (सीसैट) होती है जो उम्मीदवारों की तर्क कौशल का आसानी से परीक्षण करता है। c. इसमें एकमात्र क्वालिफाइंग क्षेत्रीय भाषा का पेपर होता है। |
a. यह भी तीन चरणों में होती है लेकिन इसमें अवधारणात्मक प्रश्नों की बजाय तथ्यात्मक प्रश्नों पर जोर दिया जाता है।
b. राज्य लोक सेवा परीक्ष में सीसैट का पेपर हो भी सकता है और नहीं भी। c. कुछ राज्यों में अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय भाषा का पेपर या सांख्यिकी का पेपर होता है। |
3.नियुक्ति
आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा होती है लेकिन ये उन्हें आवंटित किए गए कैडर में राज्य सरकार के अधीन कार्य करते हैं। पीसीएस अधिकारियों की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा होती है इसलिए ये पूरी तरह से राज्य सरकार के नियंत्रण में होते हैं।
4.निष्कासन
एक आईएएस अधिकारी को सेवा से निष्कासित करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार (विशेषतौर पर राष्ट्रपति) को है। राज्य सरकार के पास इन अधिकारियों के स्थानांतरण, निलंबन और निष्कासन का पूरा अधिकार होता है।
5. वेतन और वेतनमान
IAS |
PCS |
a. इनका वेतन और पेंशन कैडर राज्य देता है। चाहे ये किसी भी राज्य में सेवा दे रहे हों पूरे देश में इसका वेतनमान एकसमान होता है।
b. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग भारत में केंद्रीय कार्मिक एजेंसी है जो लोक सेवकों की नौकरी, वेतन, कैडर प्रबंधन और प्रशिक्षण के वर्गीकरण से संबंधित है। |
a. इनका वेतन और पेंशन पूरी तरह से राज्य सरकार के हाथों में होता है। ये जिन राज्यों में सेवा दे रहे होते हैं उनके अनुसार इनका वेतनमान अलग हो सकता है।
b. कार्मिक विभाग या आम प्रशासनिक विभाग राज्य की केंद्रीय कार्मिक एजेंसी होती है और यही एजेंसी इनकी नौकरी, वेतन, कैडर प्रबंधन और प्रशिक्षण के वर्गीकरण से संबंधित होती है। |
a. 7वें वेतन आयोग के अनुसार IAS का वेतन
ग्रेड | वेतन | वेतनमान | वर्ष की सेवा अनिवार्य | पद |
कनिष्ठ स्केल | 50,000 – 1,50,000 | 16,500 | उप | सब– डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), एसडीओ या उप– कलेक्टर (2 वर्ष की परिवीक्षा के बाद) |
वरिष्ठ टाइम स्केल | 50,000 – 1,50,001 | 20,000 | 5 वर्ष | जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) या कलेक्टर या सरकार के मंत्रालय में संयुक्त सचिव |
कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड | 50,000 – 1,50,002 | 23,000 | 9 वर्ष | विशेष सचिव या अलग–अलग सरकारी विभागों के प्रमुख |
चयन ग्रेड | 1,00,000 – 2,00,000 | 26,000 | 12 से 15 वर्ष | मंत्रालय में सचिव |
सुपर टाइम स्केल | 1,00,000 – 2,00,000 | 30,000 | 17 से 20 वर्ष | सरकार के बेहद महत्वपूर्ण विभाग में प्रमुख सचिव |
सुपर टाइम स्केल से उपर | 1,00,000 – 2,00,000 | 30,000 | विविध | विविध |
एपेक्स स्केल | 2,25,000 (निर्धारित ) | लागू नहीं | विविध | राज्य के मुख्य सचिव, भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में संयुक्त सचिवालयों के प्रभारी |
कैबिनेट सेक्रेटरी ग्रेड | 2,50,000 (निर्धारित) | लागू नहीं | विविध | भारत के कैबिनेट सचिव |
b. PCS Salary and Pay Scale
PCS अधिकारी का वेतन एवं वेतनमान राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अन्तर्गत तय है। यह हर राज्य में अलग अलग होता है। उदहारण के लिए राजस्थान में
Pay Band: PB-3 (15600-39100)
Grade Pay: 5400
Basic Salary: 15600
6. पदोन्नति और पद
IAS |
PCS |
a. एक आईएएस अधिकारी अपना करिअर एसडीएम (स्वतंत्र कार्यालय) से शुरु कर सकता है और भारत सरकार में सचिव पद तक पहुंच सकता है।
b. नौकरी शुरु करने के बाद एक आईएएस अधिकारी को जिला का कलक्टर बनने में करीब 5-7 वर्षों का समय लग सकता है। c. इनकी कार्यप्रणाली सभी जानते हैं और सभी पदोन्नतियां समय पर होती हैं। |
a. एक पीसीएस अधिकारी अपने राज्य सेवा के नियमों के अनुसार करिअर की शुरुआत करता है। पीसीएस अधिकारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया जिन आईएएस अधिकारियों के साथ काम कर रहे होते हैं, उनकी तुलना में धीमी होती है।
b. राज्य सेवा में काम करने वाले व्यक्ति को आईएएस अधिकारी के पद जितना प्रगति करने में 15-17 वर्षों का समय लग सकता है और संभव है उस उंचाई तक पहुंचने से पहले वह सेवानिवृत्त भी हो जाए। c. हालांकि अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1951 के वरिष्ठ पदों पर तैंतीस वर्षों से अधिक नहीं होना चाहिए और आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सेवाओं के एक तिहाई पद राज्य सेवा में नियुक्त अधिकारियों के पदोन्नति द्वारा भरी जाने की आवश्यकता है। |
7. अन्य अवसर
आईएएस अधिकारी निर्देश के अनुसार केंद्र सरकार के विदेशों में स्थित अलग– अलग कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर अपनी सेवाएं देते हैं। आईएएस अधिकारी अंतर– कैडर स्थानांतरण के पात्र होते हैं और आवश्यकता के अनुसार इन्हें अलग– अलग राज्यों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किया जा सकता है।
पीसीएस अधिकारी को अलग– अलग विभागों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किया जा सकता है लेकिन अपने कैडर राज्य में ही।
हालांकि भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य लोक सेवा दोनों ही सेवाओं को देश में प्रशासनिक शासन के सुचारू संचालन के एक एजेंडे के तहत बनाया गया था लेकिन राज्य के अनुसार नौकरी के नियमों और विनियमों में अंतर है।
हमारे देश में स्पष्ट क्षेत्रीय विवधता की वजह से व्यापक राज्य केंद्रित सेवा की आवश्यकता है। इसलिए एक स्थानीय प्रशासक के लिए लोगों की तत्काल आवश्यकताओं को समझने में सक्षम होना और उनके क्षेत्रीय स्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देना अत्यंत आवश्यक है।