बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।
विभिन्न चरणों में बालिका के अभिवावकों को आर्थिक सहायता
बालिका के जन्म से लेकर कक्षा 12वीं तक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य व देखभाल के लिए अभिभावक को 50,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ये राशि निम्न चरणों में दी जाती है।
- बेटी के जन्म के समय 2500 रुपये
- एक वर्ष का टीकाकरण होने पर 2500 रुपये
- पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000 रुपये
- कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000 रुपये
- कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 रुपये
- कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर 25000 रुपये
योजना के लाभ की पात्रता
राजश्री योजना की पहली दो किश्त उन सभी बालिकाओं को मिलेगी जिनका जन्म किसी सरकारी अस्पताल एवं जननी सुरक्षा योजना (जे.एस.वाई.) से रजिस्टर्ड निजी चिकित्सा संस्थानों में हुआ हो। ये दोनों किश्त उनके अभिभावकों को तब भी मिलेगी जिनके तीसरी संतान बालिका हो, किंतु योजना में आगे की किश्तों का लाभ उन्हें नहीं मिल पायेगा।
अब राजश्री योजना का लाभ लाभार्थी को सीधा अपने बैंक खाते में मिले, इसके लिए भामाशाह कार्ड से योजना को जोड़ा गया है।
अब राजश्री योजना का लाभ सुविधापूर्वक अपने खाते में प्राप्त करने के लिए भामाशाह कार्ड ज़रूर बनवायें। योजना के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए अपने ज़िले में कार्यक्रम अधिकारी, महिला अधिकारिता या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क करें।
भामाशाह कार्ड की अनिवार्यता
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी का भामाशाह कार्ड अनिवार्य है।
- 15 मई, 2017 के बाद लाभार्थी का भामाशाह कार्ड होने पर भुगतान सीधे उसके बैंक खाते किया जायेगा।
- लाभ प्राप्त करने के लिए गर्भवती महिला प्रसव पूर्व जांच/एएनसी जांच के दौरान भामाशाह कार्ड एवं भामाशाह कार्ड से जुड़ा हुआ बैंक खाते का विवरण निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र पर ए.एन.एम./आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा राजकीय चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध करवायें।
- जिन लाभार्थी महिलाओं का भामाशाह नामांकन नहीं हुआ है, ऐसी महिलाएं अपने निकटतम ई-मित्र केन्द्र से भामाशाह कार्ड बनवाकर निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र अथवा राजकीय चिकित्सा संस्थान में विवरण उपलब्ध करवाये।