1. महत्वपूर्ण तथ्य
- टोंक जिले का कुल क्षेत्रफल = 7194 किमी²
- टोंक जिले की जनसंख्या (2011) = 14,21,711
- टोंक जिले का संभागीय मुख्यालय = अजमेर
2. भौगोलिक स्थिति
- भौगोलिक स्थिति: 26.17°N 75.78°E
- टोंक शहर, राजस्थान राज्य के मध्य में स्थित है।
- टोंक बनास नदी के ठीक दक्षिण में स्थित है।
3. इतिहास
- टोंक की स्थापना 1643 में हुई थी और यह छोटी पर्वत श्रृंखला की ढलानों पर अवस्थित है।
- इसके ठीक दक्षिण में क़िला और नए बसे क्षेत्र हैं। आसपास का क्षेत्र मुख्यत: खुला और समतल है, जिसमें बिखरी हुई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं।
- भूतपूर्व टोंक रियासत में राजस्थान एवं मध्य भारत के छह अलग-अलग क्षेत्र आते थे, जिन्हें पठान सरदार अमीर ख़ाँ ने 1798 से 1817 के बीच हासिल किया था।
- 1948 में यह राजस्थान राज्य का अंग बना।
- टोंक शहर का नाम अजयमेरू के नाम पर पडा हैं।
4. कला एवं संस्कृति
- टोंक में राजस्थानी, हिंदी एवं उर्दू भाषा बोली जाती हैं ।
- टोंक में 35% से अधिक मुस्लिम आबादी हैं, जो राजस्थान के किसी भी जिले का सर्वाधिक हैं
- टोंक में हिंदू, मुस्लिम एवं जैन धर्म के निवासी सभी त्यौहारों को सौहार्द पूर्वक मनाते हैं ।
5. शिक्षा
- यहाँ सरकारी एवं अन्य निजी संस्थान हैं
- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा हेतु सरकारी, स्कूल एवं निजी क्षेत्र की कई स्कूल हैं
6. खनिज एवं कृषि
- टोंक इस क्षेत्र का प्रमुख कृषि बाज़ार एवं निर्माण केंद्र है।
- ज्वार, गेहूं, चना, मक्का, कपास और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।
- यहाँ मुर्ग़ीपालन व मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक व बेरिलियम का खनन होता है।
7. प्रमुख स्थल
- डिग्गी कल्याण मन्दिर, डिग्गी
- अरबी फारसी शोध संस्थान
- माण्डव ऋषि की तपोभूमि – इसे लघु-पुष्कर भी कहा जाता है। यह नगरदुर्ग के पास स्थित है।
8. नदी एवं झीलें
- बनास एवं बांडी टोंक की दो प्रमुख नदियाँ हैं
9. परिवहन और यातायात
- टोंक पहुँचने के लिए सबसे बेहतर रोड द्वारा है
- निकटतम हवाई अड्डा, जयपुर है
10. उद्योग और व्यापार
- सूती वस्त्र बुनाई, चर्मशोधन और नमदा बनाने की हस्तकला यहाँ के मुख्य उद्योग हैं।
- यहाँ मुर्ग़ीपालन व मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक व बेरिलियम का खनन होता है।