- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीसामी ने घोषणा की है कि ताम्रपर्णी-कारूमेनी-नांपियारू नदी संपर्क योजना इसी वर्ष लागू की जाएगी यह योजना काफी समय से चर्चा में थी इस परियोजना की आधारशिला एक दशक पहले रखी गई थी।
- तमिलनाडु सरकार का कहना है कि समुद्र से होने वाले भूमि कटाव को रोकने के लिए 52 करोड़ 46 लाख रूपये की योजना अलनथराई में लागू की जाएगी और थुथुकुडी जिले में 10 करोड़ रूपये की लागत से पेयजल योजना शुरू की जाएगी ताकि एक नदी के जl आधिक्य का उचित उपयोग किया जा सके।
- नदियों को आपस में जोड़ना नदियों के पानी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने का एक तरीका है। इस प्रक्रिया में अधिक पानी वाली नदी को कम पानी वाली नदियों से जोड़ा जाता है। ठोस कानूनी प्रावधान का न होना और पर्यावरणीय चिंता इसकी राह में कुछ बड़ी बाधाएँ बनकर सामने आती रही हैं।
भारत में नदी संपर्क
- भारत में नदी जोड़ो का विचार सर्वप्रथम 1858 में एक ब्रिटिश सिंचाई इंजीनियर सर आर्थर थॉमस कॉटन ने दिया था। लेकिन तब से अब तक इस मुद्दे पर कोई खास प्रगति नहीं हुई है इतना समय बीत जाने के बाद भी अभी यह उम्मीद के अनुसार क्रियान्वयन की ओर नहीं बढ़ पाया है।
- अभी तक केवल केन-बेतवा संपर्क पर ही कुछ काम हुआ है और धरातल पर हुई प्रगति दिखाई भी देती है। यह देश का ऐसा पहला नदी जोड़ो प्रोजेक्ट है जिस पर कुछ प्रगति हुई है। इस नदी संपर्क के तहत केन नदी का अतिरिक्त पानी नहरों के माध्यम से बेतवा नदी में डाला जाना है। इस परियोजना के पूरा हो जाने से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को लाभ पहुँचेगा और वहाँ सिंचाई, जल-विद्युत और पीने के पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
- नदी जोड़ो परियोजना एक महत्त्वाकांक्षी और महत्त्वपूर्ण परियोजना है। लेकिन राज्यों के बीच पानी को लेकर जारी विवाद नदियों को जोड़ने की राह में सबसे बड़ी बाधा है। संविधान में पानी को राज्यों का विषय माना गया है, लेकिन जो नदियाँ एक से अधिक राज्यों में बहती हैं।