हिंदी के तद्धित-प्रत्यय (Nominal suffixes)
हिंदी के तद्धित-प्रत्यय ये है- आ, आई, ताई, आऊ, आका, आटा, आन, आनी, आयत आर, आरी आरा, आलू, आस आह, इन, ई, ऊ, ए, ऐला एला, ओ, ओट, ओटा औटी, औती, ओला, क, की, जा, टा, टी, त, ता, ती, नी, पन, री, ला, ली, ल, वंत, वाल, वा, स, सरा, सा, हरा, हला, इत्यादि।
तद्धित-प्रत्यय के प्रकार
हिंदी में तद्धित-प्रत्यय के आठ प्रकार हैं-
(1) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
(2) भाववाचक तद्धित प्रत्यय
(3) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
(4) गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
(5) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
(6) स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
(7) ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय
(8) सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय
(1) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय- कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में आर, इया, ई, एरा, हारा, इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर कर्तृवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | कर्तृवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आर | सोना | सुनार |
आर | लोहा | लुहार |
ई | तमोल | तमोली |
ई | तेल | तेली |
हारा | लकड़ी | लकरहारा |
एरा | साँप | सँपेरा |
एरा | काँसा | कसेरा |
(2) भाववाचक तद्धित प्रत्यय- भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
भाववाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में आ, आयँध, आई, आन, आयत, आरा, आवट, आस, आहट, ई, एरा, औती, त, ती, पन, पा, स इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर भाववाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | भाववाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आ | चूर | चूरा |
आई | चतुर | चतुराई |
आन | चौड़ा | चौड़ान |
आयत | अपना | अपनायत, अपनापन |
आरा | छूट | छुटकारा |
आस | मीठा | मिठास |
आहट | कड़वा | कड़वाहट |
ई | खेत | खेती |
एरा | अन्ध | अँधेरा |
औती | बाप | बपौती |
त | रंग | रंगत |
पन | काला | कालापन |
पन | लड़का | लड़कपन |
पा | बूढा | बुढ़ापा |
(3) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय- संबंध का बोध कराने वाले प्रत्यय संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में आल, हाल, ए, एरा, एल, औती, जा इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर सम्बन्धवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | सम्बन्धवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आल | ससुर | ससुराल |
हाल | नाना | ननिहाल |
औती | बाप | बपौती |
जा | भाई | भतीजा |
एरा | मामा | ममेरा |
एल | नाक | नकेल |
(4)गणनावाचक तद्धित प्रत्यय- संख्या का बोध कराने वाले प्रत्यय गणनावाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते है।
गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा-पदों के अंत में ला, रा, था, वाँ, हरा इत्यादि प्रत्यय लगाकर गणनावाचक तद्धितान्त संज्ञाए बनती है।
प्रत्यय | गणनावाचक संज्ञाएँ |
---|---|
ला | पहला |
रा | दूसरा, तीसरा |
था | चौथा |
वाँ | सातवाँ, आठवाँ |
हरा | दुहरा, तिहरा |
(5)गुणवाचक तद्धित प्रत्यय- गुण का बोध कराने वाले प्रत्यय गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में आ, इत, ई, ईय, ईला, वान इन प्रत्ययों को लगाकर गुणवाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | गुणवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आ | ठंड, प्यास, भूख | ठंडा, प्यासा, भूखा |
इत | पुष्प, आनंद, क्रोध | पुष्पित, आनंदित, क्रोधित |
ई | क्रोध, जंगल, भार | क्रोधी, जंगली, भारी |
ईय | भारत, अनुकरण, रमण | भारतीय, अनुकरणीय, रमणीय |
ईला | चमक, भड़क, रंग | चमकीला, भड़कीला, रंगीला |
वान | गुण, धन, रूप | गुणवान, धनवान, रूपवान |
(6)स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय- स्थान का बोध कराने वाले प्रत्यय स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में ई, वाला, इया, तिया इन प्रत्ययों को लगाकर स्थानवाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | स्थानवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
ई | जर्मन, गुजरात, बंगाल | जर्मनी, गुजराती, बंगाली |
वाला | दिल्ली, बनारस, सूरत | दिल्लीवाला, बनारसवाला, सूरतवाला |
इया | मुंबई, जयपुर, नागपुर | मुंबइया, जयपुरिया, नागपुरिया |
तिया | कलकत्ता, तिरहुत | कलकतिया, तिरहुतिया |
(7)ऊनवाचक तद्धित-प्रत्यय-ऊनवाचक संज्ञाएँ से वस्तु की लघुता, प्रियता, हीनता इत्यादि के भाव व्यक्त होता हैं।
ऊनवाचक तद्धितान्त संज्ञाए
संज्ञा के अन्त में आ, इया, ई, ओला, क, की, टा, टी, ड़ा, ड़ी, री, ली, वा, सा इन प्रत्ययों को लगाकर ऊनवाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | ऊनवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आ | ठाकुर | ठकुरा |
इया | खाट | खटिया |
ई | ढोलक | ढोलकी |
ओला | साँप | सँपोला |
क | ढोल | ढोलक |
की | कन | कनकी |
टा | चोर | चोट्टा |
टी | बहू | बहुटी |
ड़ा | बाछा | बछड़ा |
ड़ी | टाँग | टँगड़ी |
री | कोठा | कोठरी |
ली | टीका | टिकली |
वा | बच्चा | बचवा |
सा | मरा | मरा-सा |
(8)सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय- समता/समानता का बोध कराने वाले प्रत्यय सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा के अन्त में सा हरा इत्यादि इन प्रत्ययों को लगाकर सादृश्यवाचक संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | सादृश्यवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
सा | लाल, हरा | लाल-सा, हरा-सा |
हरा | सोना | सुनहरा |
तद्धितीय विशेषण
संज्ञा के अन्त में आ, आना, आर, आल, ई, ईला, उआ, ऊ, एरा, एड़ी, ऐल, ओं, वाला, वी, वाँ, वंत, हर, हरा, हला, हा इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर विशेषण बनते हैं। उदाहरण निम्नलिखित हैं-
प्रत्यय | संज्ञा | विशेषण |
---|---|---|
आ | भूख | भूखा |
आना | हिन्दू | हिन्दुआना |
आर | दूध | दुधार |
आल | दया | दयाल |
ई | देहात | देहाती |
ऊ | बाजार | बाजारू |
एरा | चाचा | चचेरा |
एरा | मामा | ममेरा |
हा | भूत | भुतहा |
हरा | सोना | सुनहरा |