13 मार्च, 2020 को भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों की एक्सपोजर सीमा में संशोधन किया। इससे पहले RBI ने अपने पूंजीगत धन का 15% एकल उधारकर्ताओं को और 40% धन का 40% उधारकर्ताओं के समूह को अनुमति दी थी । अब इसने उधारकर्ता निधि सीमा के समूह को संशोधित कर अपने फंड का 25% कर दिया है ।
मुख्य बिन्दु
एक्सपोजर लिमिट के अलावा सेंट्रल बैंक ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग को भी 75% तक बढ़ा दिया। ये बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना के जरिए पेश किए थे।
एक्सपोजर लिमिट
एक्सपोजर लिमिट एक बैंक अपने उधारकर्ता को प्राप्त अधिकतम क्रेडिट है। सरल शब्दों में, एक्सपोजर सीमा अधिक, उच्च अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध ऋण हैं।
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण
RBI द्वारा बैंकों को दी जाने वाली यह अहम भूमिका है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कृषि, सूक्ष्म और लघु उद्यम, निम्न आय वर्ग, आवास के लिए गरीब लोग, शिक्षा ऋण, कमजोर वर्गों के लिए ऋण शामिल हैं ।
कृषि और संबद्ध गतिविधियों में किसान और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं
लघु उद्योगों को ऋण प्राथमिकता क्षेत्र ऋण भी है। इस श्रेणी के तहत प्रत्यक्ष वित्त में प्रसंस्करण, वस्तुओं का संरक्षण, विनिर्माण शामिल है। श्रेणी में अप्रत्यक्ष वित्त में कुटीर उद्योग, कारीगर, उत्पादकों और कारीगरों की सहकारी समितियां शामिल हैं ।