चाइल्ड लेबर रोकने के लिए यूं तो कई कानून है, लेकिन उनका असर ज्यादा देखने को मिलता नहीं है। कारण ये है कि कानून तो सरकार ने बना दिए हैं, लेकिन चाइल्ड लेबर की शिकायतें सरकार के पास नहीं आती है। अब इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ‘पेंसिल पोर्टल’ लॉन्च किया है। इस पोर्टल को मिनिस्ट्री ऑफ लेबर की तरफ से लॉन्च किया गया है। पोर्टल की लॉन्चिंग के वक्त होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में हर 10 में से 1 चाइल्ड लेबर है और इसे रोकने का संकल्प हम पूरा करेंगे। इस दौरान मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट मिनिस्टर संतोष सिंह गंगवार और नोबल अवॉर्ड विनर कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे। केंद्र सरकार इस पोर्टल को सभी राज्यों और जिलों से जोड़ेगा।
क्या है पेंसिल पोर्टल?
‘पेंसिल’ यानी ‘प्लेटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड लेबर’ पोर्टल को मंगलवार को लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लेबर से जुड़ी शिकायत को दर्ज करा सकता है। शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले आपको इसकी वेबसाइट http://www.pencil.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इसके बाद ही आप इस पोर्टल पर अपनी शिकायत कर सकते हैं। इसके नाम के पीछे का कारण बताते हुए लेबर डिपार्टमेंट के जॉइंट सेक्रेटरी ने बताया कि ‘इस पोर्टल का नाम पेंसिल रखने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि बचपन हमेशा से पेंसिल से ही शुरू होता है, इसलिए डिपार्टमेंट ने इसका नाम पेंसिल रखा।’
कैसे करेगा ये काम?
पेंसिल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जब कोई चाइल्ड लेबर के खिलाफ अपनी शिकायत करेगा, तो एजेंसियां उस पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगी। इन शिकायतों का एक ट्रेकिंग आईडी भी होगी, जिसके बेसिस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद लेबर डिपार्टमेंट राज्य सरकारों की तरफ से शिकायतों की कार्रवाई का फीडबैक भी लेगा। शिकायत करते समय शिकायतकर्ता को बच्चे से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी, जैसे- उसका नाम, फोटो, स्थान। इस वेबसाइट पर शिकायत करने वाला अपनी रिपोर्ट भी ले सकता है।
बच्चों के लिए बने स्पेशल कोर्ट: कैलाश सत्यार्थी
नोबेल अवॉर्ड विनर कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की मांग की है। चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूस, चाइल्ड ट्रेफिकिंग और लेबरिंग पर जोर देते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि, ‘बच्चों से जुड़े इन मुद्दों के लिए एक स्पेशल कोर्ट होना चाहिए, हम भारत यात्रा के जरिए भी इस बात की मांग कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘POCSO एक अच्छा कानून है, लेकिन इसके इंप्लीमेंटेशन में कमी है। बच्चों की सुरक्षा के लिए हमारा एक दृष्टिकोण होना चाहिए, यही कारण है कि मैं होम मिनिस्टर से रिक्वेस्ट करता हूं कि ट्रेफिकिंग बिल को जल्द से जल्द पास किया जाए।’
प्रश्न-हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ‘पेंसिल’ पोर्टल का शुभारंभ किया गया। वह संबंधित है-
(a) शिक्षा से
(b) बाल मजदूरी से
(c) प्रौढ़ शिक्षा से
(d) चिकित्सा शिक्षा से
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 26 सितंबर, 2017 को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल श्रमिक सम्मेलन में ‘पेंसिल’ (Platform for Effective Enforcement for no child labour) पोर्टल का शुभारंभ किया।
- ‘पेंसिल’, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा विकसित एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म है, जिससे बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने में मदद मिलेगी।
- इसका लक्ष्य केंद और राज्य सरकारों, जिला स्तरीय प्रशासन, सिविल सोसाइटी और आम लोगों को शामिल करते हुए बाल श्रमिक मुक्त समाज का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करना है।
- ‘पेंसिल’ पोर्टल के निम्नलिखित घटक हैं-
1. चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम
2. शिकायत प्रकोष्ठ
3. राज्य सरकार
4. राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना
5. परस्पर सहयोग। - उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बाल श्रम (निषेध और संशोधन) अधिनियम, 2016 पारित किया है, जिसे 1 सितंबर, 2016 से लागू किया गया।
- इस संशोधन के अनुसार, किसी भी व्यवसाय या प्रक्रिया में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को रोजगार प्रदान करना पूरी तरह निषिद्ध है।
- राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना वर्ष 1988 में प्रारंभ की गई थी।
- इसका उद्देश्य बाल श्रम के सभी रूपों से बच्चों को बाहर करना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करना था।
- इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के अंतर्गत, 70,000 से 75,000 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया।
- इसके अलावा, बाल श्रम संबधी प्रवर्तन एजेंसियों के कार्यान्वयन के लिए मानक प्रचालन पक्रियाएं (SOP) भी जारी की गई।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=171124
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=67332
http://pencil.gov.in/