ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटलीकरण से जोड़े जाने की कमान अब युवतियों के हाथों में होगी। ग्रामीणों के साथ ऑनलाइन फर्जीवाडा नहीं हो, इसे लेकर अब हर पंचायत स्तर पर पांच युवतियों का चयन किया जाएगा। इन युवतियों को ऑनलाइन कार्य व सरकार की योजनाओं की जानकारी होगी। ई-सखी डिजिटल प्रोजेक्ट पर कार्य आगामी माह से किया जाएगा। पूरे प्रदेश की पंचायतों के अटल केंद्रों पर इसका शुभारंभ होगा। इसके अलावा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इन युवतियों को दो सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के आधार पर ही वह गांवों में जानकारी देगी। ऑनलाइन जमाबन्दी व दूसरे दस्तावेज होने से पूरी फीडिंग स्क्रीन पर आ रहे दस्तावेज़ के अनुसार मशीन में जमा हो रही है। ऐसी सुविधाओं में धोखाधड़ी नहीं हो, इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से ई-सखी डिजिटल की शुरुआत की जा रही है। जो इन सभी जानकारी को ग्रामीण लोगों को देगा।
बनाना होगा डिजिटल साक्षर
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के एसीपी (उप निदेशक) गणेशा राम ने बताया कि योजना के अन्तर्गत ई-सखी एक क्षेत्रीय विकास एवं सामाजिक उत्थान में रुचि रखने वाली स्वयंसेविका, स्काउट परिवार की गाइड, रैंजर या एनएसएस सरीखी सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाली महिलाओं को ई-सखी के रूप में तैयार किया जाएगा। इन्हें अपने इलाके में अन्य लोगों को डिजिटल साक्षर बनाना होगा। इन्हें संविदा अथवा राजकीय कर्मी के रूप में कार्य नहीं करना है।
रजिस्ट्रेशन शुरू
गणेशा राम ने बताया कि इनके द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्य के लिए इन्हें कोई मानदेय नहीं मिलेगा, लेकिन प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इनको राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन के केन्द्रों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। आरकेसीएल इनके लिए प्रशिक्षण सामग्री, मास्टर ट्रेनरों की तैनाती, आंतरिक मूल्यांकन करेगी। ई-सखी बनने की इच्छुक महिलाएं गूगल प्ले स्टोर से ई-सखी एप डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं।
युवा केन्द्र चलाएगा अभियान
नेहरू युवा केन्द्र की ओर से स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटरशिप अभियान चलाया जाएगा। जिला युवा समन्वयक ओमप्रकाश जोशी ने बताया कि इसमें स्वच्छता पर आधारित गतिविधियों में व्यक्तिगत व सामूहिक श्रमदान के कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम 31 जुलाई तक चलेगा। नेहरू युवा केन्द्र से संबद्ध युवा मंडल के सदस्य 15 मई तक पंजीकरण करा सकते हैं। जोशी ने बताया कि एक मई से 31 जुलाई तक सौ घंटे अथवा पांच युवाओं की टीम 20 घंटे तथा 10 युवाओं की टीम 10 घंटे श्रमदान कर सकने वाले पंजीकरण करा सकते हैं। अभियान में उत्कृष्टों को स्वच्छ भारत मिशन की ओर से प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जिला स्तर पर पहला पुरस्कार 30 हजार, दूसरा 20 हजार व तीसरा पुरस्कार दस हजार का मिलेगा। इसमें शामिल युवाओं को ग्रामीण क्षेत्र के घरों में संपर्क कर स्वच्छता के लिए प्रेरित करने के साथ ही नुक्कड़ नाटक आदि की गतिविधियां भी करनी पड़ेगी।