1. महत्वपूर्ण तथ्य
- झालावाड़ जिले का कुल क्षेत्रफल = 6219 किमी²
- झालावाड़ जिले की जनसंख्या (2011) = 14,11,327
- झालावाड़ जिले का संभागीय मुख्यालय = कोटा
2. भौगोलिक स्थिति
- भौगोलिक स्थिति: 24.59°N 76.16°E
- झालावाड़ राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक ज़िला है।
- इसके दक्षिण भाग में पहाड़ियाँ तथा मैदान हैं। यह मालवा के पठार के एक छोर पर बसा जनपद है।
- झालावाड़ हाडौती क्षेत्र का हिस्सा है।
3. इतिहास
- झालावाड़ में सोनगरा चौहानों ने परमारों से झालावाड़ को छीनकर अपनी राजधानी बनाया था।
- चौदहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में यहाँ का शासक कान्हड़देव था, जो एक शाक्तिशाली चौहान शासक था।
- सन 1305 ई. में कान्हड़देव ने तुर्की आक्रमण को विफल बनाया था। ऐसी मान्यता है कि तुर्कों (ख़िलजी) से कान्हड़देव का कई वर्षों तक संघर्ष चलता रहा और अंत में इसी संघर्ष में कान्हड़देव मारा गया। इस प्रकार झालावाड़ पर ख़िलजी का अधिकार हो गया।
- कान्हड़देव की वीरता की गाथाएँ आज भी मारवाड़ के लोक जीवन में प्रतिध्वनित होती हैं।
4. कला एवं संस्कृति
- मालवी और हड़ भाषाएँ प्रचलित हैं।
- यह राजस्थानी परंपरा एवं संस्कृति की छाप छोड़ने वाले एक संभाग है ।
- राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोए यह शहर अपने खूबसूरत सरोवरों, क़िला और मंदिरों के लिए जाना जाता है।
- पुरातत्व की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण ‘झालरापाटन’ के पास ‘चंद्रावती नगर’ तथा ‘खोवली गाँव’ के पास पत्थर के स्तूप प्रमुख हैं।
5. शिक्षा
- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा हेतु सरकारी, स्कूल एवं निजी क्षेत्र की कई स्कूल हैं
- तकनिकी शिक्षा के लिए इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा कॉलेज हैं
6. खनिज एवं कृषि
- यहाँ पर सभी प्रकार की फसलों की खेती की जाती है
7. प्रमुख स्थल
- गढमहल झाला वंश के राजाओं का भव्य महल था। शहर के मध्य स्थित इस महल के तीन कलात्मक द्वार हैं
- गागरन किला: काली सिंध नदी और आहु नदी के संगम पर स्थित गागरन फोर्ट झालावाड़ की एक ऐतिहासिक धरोहर है।
- सूर्य मंदिर: झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को घाटियों का शहर भी कहा जाता है। शहर में मध्य स्थित सूर्य मंदिर झालरापाटन का प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
- झालावाड़ और झालरापाटन शहरों के बाहर जैन धर्म और बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिर भी पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। इसमें चांदखेड़ी का दिगंबर जैन मंदिर और कोलवी स्थित बौद्ध धर्म के दीनयान मत की गुफाएं काफी प्रसिद्ध हैं।
8. नदी एवं झीलें
- चंबल एवं काली सिंध यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं।
- शहर से करीब 6 किमी. दूर कृष्ण सागर नामक विशाल सरोवर है।
- गोमती सागर: झालरापाटन का यह विशाल सरोवर गोमती सागर के नाम से जाना जाता है। इसके तट पर बना द्वारिकाधीश मंदिर एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है।
9. परिवहन और यातायात
- झालावाड राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर स्थित है।
- झालावाड़ का निकटतम एयरपोर्ट जयपुर है
- झालावाड़ का नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटा है।
- यहाँ से जयपुर, बूंदी, अजमेर, कोटा, दिल्ली, इंदौर आदि शहरों से बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
10. उद्योग और व्यापार
- सूती कपड़े बुनना, फर्शी दरी बुनना और चाकू, तलवार आदि हरबे हथियार बनाना यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।