यह कामकाजी आबादी पर महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए अमेरिका जैसे देशों द्वारा किए गए उपायों की तर्ज पर होगा। केंद्र सरकार संगठित कामगारों के एक वर्ग को बेरोजगारी लाभ देने की योजना बना रही है, जिन्होंने कोरोनावायरस महामारी के कारण अपनी नौकरियां गंवा दी हैं ।
हाइलाइट
सरकार की ‘अटल बीमित कल्याण योजना’ जो कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना की सदस्यता लेने वाले श्रमिकों को बेरोजगारी बीमा प्रदान करती है, कोरोनावायरस महामारी के दौरान ऐसे श्रमिकों को कवर करेगी। ESI भारत में औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक स्व-वित्तपोषण स्वास्थ्य बीमा योजना है जो कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) द्वारा प्रबंधित की जाती है।
अटल बीमित कल्याण योजना
जुलाई 2018 से चालू इस योजना के तहत बेरोजगार हो जाने वाले मजदूरों को बेरोजगारी के 3 माह तक नकद के रूप में मुआवजा मिलता है। लेकिन कामगार अपने जीवनकाल में केवल एक बार ही इस लाभ का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना के तहत कामगारों को अपनी नौकरी के पिछले दो साल में मिलने वाले औसत वेतन का 25 प्रतिशत तक नकद मिलता है। हालांकि, बेरोजगारी का लाभ पाने के लिए श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि उन्हें कम से दो साल तक ESI का ग्राहक होना चाहिए था । जब जुलाई 2018 में इस योजना को प्रभावी बनाया गया था, तो इसके तहत लगभग 1 मिलियन कामगार पात्र थे।