राष्ट्रपति भवन में शुरू हुई तीन दिवसीय कुलाध्योक्ष सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू किया, जिसकी बुनियाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव पर रखी गयी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इम्प्रिंट इंडिया की विवरणिका का विमोचन किया और पहली प्रति राष्ट्रपति को भेजी.
• समाज में नवाचार के लिए आवश्यक क्षेत्रों की पहचान करना.
• पहचाने गए क्षेत्रों में प्रत्यक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान.
• इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए उचित कोष की आपूर्ति सुनिश्चित करना.
• इन अनुसंधानों के परिमाणों का शहरी और ग्रामीण क्षेत्र पर प्रभाव का आकलन करना.
इंप्रिंट इंडिया दस क्षेत्रों में कार्य करेगा इन दस क्षेत्र निम्न आईआईटी और आईआईएससी द्वारा समन्वित होंगे
• स्वास्थ्य की देखभाल – आईआईटी खड़गपुर,
• कम्प्यूटर साइंस और आईसीटी – आईआईटी खड़गपुर,
• अग्रिम सामग्री – आईआईटी कानपुर,
• जल संसाधन और नदी प्रणालियाँ – आईआईटी कानपुर,
• सतत शहरी डिजाइन – आईआईटी रुड़की,
• रक्षा – आईआईटी मद्रास,
• विनिर्माण – आईआईटी मद्रास,
• नैनो प्रौद्योगिकी हार्डवेयर- आईआईटी बॉम्बे,
• पर्यावरण विज्ञान और जलवायु परिवर्तन – आईआईएससी, बंगलौर
• ऊर्जा सुरक्षा – आईआईटी बॉम्बे
इसके अलावा, एक अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) को एकल खिड़की तंत्र के रूप में स्थापित किया जाएगा जो प्रमुख अनुसंधान और प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा अनुसंधान परियोजनाओं की छंटनी करेगा और उनके लिए कोष को स्वीकृति प्रदान करेगा.
आईएमजी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी), रक्षा मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सदस्य शामिल होंगे.