कक्षा 6 से 11वीं तक के बच्चों के लिए सरकार की ओर से एक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. परीक्षा ‘विद्यार्थी विज्ञान मंथन’ छात्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के मकसद से एनसीईआरटी, विज्ञान प्रसार और विज्ञान भारती स्कूल स्तर पर आयोजित की जा रही है. इस परीक्षा में कक्षा 6 से 11वीं तक के विद्यार्थी अप्लाई कर सकते हैं.
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अनुसार, विद्यार्थी विज्ञान मंथन छठी से 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका मकसद विज्ञान से जुड़े मेधावी छात्रों की पहचान करना है. इसके लिए 30 सितंबर तक बिना लेट फीस और 15 अक्टूबर तक लेट फीस के साथ पंजीकरण कराया जा सकेगा.
कब होगी परीक्षा: परीक्षा 25 नवंबर या 28 नवंबर 2018 को आयोजित की जाएगी, जिसकी जानकारी जल्द ही जारी कर दी जाएगी. विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा दो घंटे की अवधि की होगी, जिसमें 100 बहु विकल्प प्रश्न पूछे जायेंगे और हर सवाल के लिए एक नंबर निर्धारित होगा.
यह परीक्षा दो श्रेणियों में होगी. इसमें छठी से आठवीं कक्षा के लिए एक श्रेणी और नौवीं से 11वीं कक्षा तक दूसरी श्रेणी होगी. परीक्षा अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी, तमिल और तेलुगु में आयोजित की जाएगी. इसमें 50 प्रतिशत सवाल विज्ञान और गणित से होंगे. साथ ही विज्ञान में भारत का योगदान, डा. मेघनाद साहा और श्रीनिवास रामानुजम के जीवन से जुड़ी कहानियों से संबंधित सवाल और तार्किक अभिरूचि से जुड़े सवाल भी पूछे जायेंगे.
यह परीक्षा दो श्रेणियों में होगी. इसमें छठी से आठवीं कक्षा के लिए एक श्रेणी और नौवीं से 11वीं कक्षा तक दूसरी श्रेणी होगी. परीक्षा अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी, तमिल और तेलुगु में आयोजित की जाएगी. इसमें 50 प्रतिशत सवाल विज्ञान और गणित से होंगे. साथ ही विज्ञान में भारत का योगदान, डा. मेघनाद साहा और श्रीनिवास रामानुजम के जीवन से जुड़ी कहानियों से संबंधित सवाल और तार्किक अभिरूचि से जुड़े सवाल भी पूछे जायेंगे.
राज्य स्तर पर प्रति कक्षा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले इन छात्रों को क्रमश: 5000 रूपये, 3000 रूपये और 2000 रूपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले इन छात्रों को क्रमश: 25000 रूपये, 15,000 रूपये और 10,000 रूपये तथा प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. विद्यार्थी विज्ञान मंथन का आयोजन एनसीईआरटी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत विज्ञान प्रसार एवं विज्ञान भारती कर रहा है.