हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस से दीपावली उत्सव की शुरुआत होती है। इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि (तेरहवीं तिथि), कृष्ण पक्ष (चंद्रमा का घटता चरण) के साथ मनाया जाता है।
धनतेरस 2022: जानिए क्या है महत्व
धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सतयुग के दौरान भगवान धन्वंतरि (औषधियों के देवता) और देवी लक्ष्मी (धन की देवी) समुद्र तल से निकले थे। ऐसा कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के अंत में उभरे थे जब देव और असुर अमरता (अमृत) के अमृत के साथ समुद्र मंथन कर रहे थे।
भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान धन्वंतरि ने अमृत युक्त कलश धारण किया था।
धनतेरस पर शाम को लक्ष्मी पूजा की जाती है और रात भर मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं। मां लक्ष्मी को पारंपरिक मिठाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है। पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के तीन रूपों देवी महालक्ष्मी, महाकाली और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कुबेर और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
धनतेरस 2022: पूजा का समय, तिथि और शुभ मुहूर्त द्रिक पंचांग के
अनुसार, धनतेरस के उत्सव और प्रसाद के लिए मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – शाम 6 बजकर 02 मिनट (शनिवार 22 अक्टूबर 2022) से।
- त्रयोदशी तिथि समाप्त – शाम 6 बजकर 3 मिनट (रविवार 23 अक्टूबर 2022) को।
- प्रदोष काल शुरू: शाम 5:45 बजे।
- प्रदोष काल समाप्त: रात 8:17 बजे।
- वृषभ काल प्रारम्भ: 7 बजकर 01 मिनट से।
- वृषभ काल समाप्त: रात 8 बजकर 56 मिनट पर।