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1. ओडिशा में बनेगा देश का सबसे बड़ा 1000 बेड वाला कोरोना अस्पताल
- कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी मजबूती से लड़ने की तैयारी कर रहीं हैं। इसी क्रम में ओडिशा सरकार ने अब 1000 बेड का अस्पताल बनाने का फैसला किया है। यह अस्पताल पूरी तरह से कोरोना वायरस (Covid-19) के मरीजों के लिए डेडिकेटेड रहेगा।
- इस अस्पताल को बनाने के किये ओडिशा सरकार, कॉरपोरेट्स और मेडिकल कॉलेजों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के बाद ओडिशा सरकार इस अस्पताल को बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है।
- ओडिशा देश में ऐसा पहला राज्य बन गया है, जो अलग से कोरोना मरीजों के लिए इतना बड़ा अस्पताल बनाने जा रहा है। सरकार का कहना है कि 1000 बेड का यह अस्पताल सिर्फ 15 दिन में तैयार हो जाएगा और मरीजों के लिए उपलब्ध होगा।
- ऐसा ही उदाहरण चीन के वुहान में देखने को मिला था कोरोना वायरस फैलने के बाद वहां की सरकार ने 10 दिन में अस्पताल तैयार किया था और वहां 1400 डॉक्टरों की टीम तैयार कर दी थी।
- हालाँकि ओडिशा में कोरोना वायरस के सिर्फ दो मरीज सामने आए हैं। जबकि भारत की बात करें तो महाराष्ट्र इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां अभी तक इसके 124 मामले आ चुके हैं। लखनऊ में चार, महाराष्ट्र में दो, एमपी में पांच, छत्तीसगढ़ में पांच, राजस्थान और बिहार में दो-दो नए मामले सामने आए हैं। इसी बीच सरकार ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।
2. जी20 नेताओं ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये 5,000 अरब डालर देने का किया वादा
जी20 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इससे लड़ने के लिये विश्व की अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर खर्च करने का ऐलान किया है।
- बैठक के बाद जी20 देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम इस साझा खतरे के प्रति संयुक्त मोर्चा बनाने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम इस महामारी के सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय असर को कम करने के लिये लक्षित राजकोषीय नीतियों, आर्थिक उपायों, गारंटी शुदा योजनाओं के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर डाल रहे हैं।’’
- यह आपातकालीन बैठक ऐसे समय में हुई है जब कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया भर में 21 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इस मुद्दे पर सुस्ती बरतने को लेकर जी20 की आलोचना हो रही थी।
- चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरे विश्व को अपने चपेट में ले चुका है। इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की दहलीज पर पहुंच गयी है। इसी के मद्देनजर सऊदी अरब के सुल्तान किंग सलमान की अध्यक्षता में जी20 देशों की आपातकालीन बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वीडियो कांफ्रेंस के जरिये शामिल हुए थे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में चिकित्सकीय शोध एवं विकास के फायदों को खुले और मुक्त रूप से साझा करने की जरूरत पर बल दिया है। प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं में सुधार की भी बातें भी कही हैं।
- इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के अलावा संक्रमण से प्रभावित अन्य देश जैसे स्पेन, जॉर्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड तथा संयुक्त राष्ट्र और विश्वबैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी हिस्सा लिया था।
- वर्तमान अध्यक्ष सऊदी अरब को जी-20 की अध्यक्षता जापान से मिली है जो उसको ओसका सम्मलेन 2019 के बाद प्रदान की गई थी इसीलिए इस बैठक की अध्यक्षता सऊदी अरब ने की थी। जी-20 वैश्विक अर्थव्यवस्था की 85% GDP का प्रतिनिधित्व करता है तथा 80% वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्त्व करता है। अत: वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर विचार करने का यह सबसे बड़ा मंच है।
G-20 से सम्बन्धित तथ्य
- गठन – सितम्बर, 1999 में
- सदस्य देश – अर्जेण्टीना, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, ब्राज़ील, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, कनाडा, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, चीन, इण्डोनेशिया, दक्षिण कोरिया, रूस, तुर्की, सऊदी अरब व यूरोपीय यूनियन
कार्य –
- (a) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग तथा तत्कालीन विश्व अर्थव्यवस्था पर परिचर्चा
- (b) प्रत्येक वर्ष शीर्ष नेताओें का सम्मेलन
- (c) केन्द्रीय बैंक के गवर्नर व वित्तमंत्रियों की बैठक
- (d) वैश्विक मुद्दों पर सतत् बातचीत के लिए शेरपा व्यवस्था ओसाका सम्मेलन में भारत के शेरपा “सुरेश प्रभु’ थे। इससके पहले शेरपा “शक्तिकांत दास’ थे।
सम्मेलन | ||
क्रम | दिनाँक | स्थान |
प्रथम | नवम्बर, 2008 | वॉशिंगटन, अमेरिका |
13वां | नवम्बर-दिसम्बर, 2018 | ब्यूनस आयर्स, अर्जेण्टीना |
14वां | 28-29 जून, 2019 | ओंसका, जापान |
15वां | 2020 | रियाद, सऊदी अरब |
3. संयुक्त राष्ट्र ने स्कूल नहीं जा पा रहे 1.5 अरब छात्रों की मदद के लिए टेक फर्मों से किया समझौता
संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा एजेंसी यूनेस्को ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे 1.5 अरब से ज्यादा विद्यार्थियों की मदद के लिए उसने कुछ तकनीकी/प्रौद्योगिकी फर्मों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ समझौता किया है।
- समझौते के तहत यूनेस्को अपनी सर्वोत्तम दूरस्थ शिक्षा प्रथाओं को बढ़ाने और जोखिम में सबसे अधिक बच्चों और युवाओं तक पहुंचने के लिए देशों का समर्थन करने के लिए यह वैश्विक शिक्षा गठबंधन (global education coalition) शुरू कर रहा है।
- पेरिस स्थित यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री एजुले ने कहा, ‘‘इससे पहले हमने कभी भी इस पैमाने पर शिक्षा में अवरोध आते नहीं देखा है।’’ एजेंसी का अनुमान है कि दुनिया के 87 प्रतिशत से ज्यादा छात्र स्कूल बंद होने से प्रभावित हो रहे हैं और उनमें से कई उपलब्धता के आधार पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तथा दूरस्थ शिक्षा तकनीकों को अपनाने पर मजबूर हो रहे हैं।
- इस समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र के इन प्रौद्योगिकी सहयोगियो में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और वीडियो कांफ्रेंसिंग विशेषज्ञ जूम के अलावा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों का एसोसिएशन जीएसएमए भी शामिल है।
विशेष रूप से, गठबंधन का उद्देश्य है:
- i) दूरस्थ रूप से शिक्षा प्रदान करने के लिए संसाधनों को जुटाने और अभिनव और संदर्भ-योग्य समाधानों को लागू करने में देशों की मदद करना, उच्च तकनीक, कम तकनीक और नो-टेक दृष्टिकोण का लाभ उठाना
- ii) न्यायसंगत समाधान और सार्वभौमिक पहुंच से शिक्षा को सुनिश्चित करना
- iii) समन्वित प्रतिक्रियाओं को सुनिश्चित करना और अतिव्यापी प्रयासों से बचना
- iv) जब स्कूल फिर से खुलते हैं तो ड्रॉपआउट दर को रोकना तथा छात्रों की स्कूल में वापसी को सुनिश्चित करना
यूनेस्को
- यूनेस्को (UNESCO) ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)’ का लघुरूप है।
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन नवम्बर 1946 को हुआ था।
- इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बने।
- यूनेस्को के 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोगी सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है। वर्तमान में यूनेस्को की डायरेक्टर जनरल फ्रांस की ऑड्री एजुले हैं।
4. हर जिले में भूख राहत केंद्र खोलेगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया कि नोवल कोरोना वायरस को लेकर देश में बंद के मद्देनजर जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराने के लिए भूख राहत केंद्र खोले जाएं।
- कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आदेश जारी कर सभी जिला मजिस्ट्रेटों से हर निगम वार्ड में दो केंद्र खोलने को कहा है।
- जिला मजिस्ट्रेट हर भूख राहत केंद्र के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जहां बेघर और वंचित लोगों को दोनों वक्त का खाना दिया जाएगा। इन केन्द्रों में खाना परोसते समय सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉलों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
- इसके अलावा राज्य सरकार ने लोगों से जरूरी सामान जमा नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण उनसे अधिक कीमत ली जाती हैं तो वे अधिकारियों को इसकी जानकारी दे। सरकार ने जोनल अधिकारियों के फोन नंबर जारी किए हैं जिन पर लोग यह बता सकते हैं कि किस दुकानदार ने अधिक कीमत ली है।
5. रिजर्व बैंक भी आया हरक़त में रेपो दर 0.75% और सीआरआर में 1.00% कटौती
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ाने और कर्ज सस्ता करने के लिये रेपो दर, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) रिवर्स रेपो दर में बड़ी कटौती की घोषणा की है।
- केन्द्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति की तीन दिवसीय समिति की बैठक के बाद रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद रेपो दर 4.40 प्रतिशत पर आ गई। है इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में भी 0.90 प्रतिशत की कटौती कर इसे 4 प्रतिशत पर ला दिया है।
- रिजर्व बैंक ने बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कमी की है जो कि घटकर तीन प्रतिशत रह गई है। इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ने का अनुमान है।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक मिशन में रहकर काम कर रहा है। मौजूदा परिस्थिति में जो भी जरूरी होगा रिजर्व बैंक वह कदम उठायेगा। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक पहले अप्रैल के प्रथम सप्ताह में होनी थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुये इसे 25 से 27 मार्च के बीच कर दिया गया है।
मौद्रिक नीति समिति
- मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति है जिसका गठन वाणिज्यिक बैंकों के लिए ब्याज दर निर्धारण, अर्थव्यवस्था में समावेशी विकास तथा सरकार द्वारा निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु 27 जून, 2016 को किया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934 में संशोधन करते हुए भारत में नीति निर्माण का कार्य नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सौंप दिया गया है।
- नई एमपीसी में छह सदस्यों का एक पैनल है जिसमें तीन सदस्य आरबीआई से होते है और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जाते हैं। आरबीआई के तीन अधिकारीयों में एक गवर्नर, एक डिप्टी गवर्नर तथा कार्यकारी निदेशक शामिल होता है।
- मौद्रिक नीति सर्वसम्मति से निर्णय लेती है। यदि बराबर मत है तो गवर्नर को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है।
मौद्रिक नीति के कुछ मात्रात्मक उपकरण
- रेपो रेट – इस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को अल्पकालीन ऋण देता है। रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे क्योंकि जब बैंकों को RBI से सस्ता ऋण मिलेगा तो बैंक भी लोगों को प्रदान किये जाने वाले ऋण में कमी करेगा। रेपो रेट कम होने से होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह सभी सस्ते हो जाते हैं।
- रिवर्स रेपो रेट – जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। यह सामान्यत: रेपो रेट से 50/40 बेसिक पॉइन्ट कम होती है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आती है। बहुत ज्यादा नकदी होने पर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है।
- सीआरआर (Cash Reserve Ratio) – बैंकिंग नियमों के तहत सभी बैंकों को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है, जिसे कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर कहते हैं।
- एमएसएफ (Marginal Standing Facility) – भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति (2011-12) में सीमांत स्थायी सुविधा शुरू की थी। एमएसएफ यानि मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी के तहत कमर्शियल बैंक एक रात के लिए अपने कुल जमा का 1 फीसदी तक लोन ले सकते हैं।
- एसएलआर (Statutory Liquidity Ratio) – SLR (वैधानिक तरलता अनुपात) बैंकों के पास उपलब्ध जमाओं का वह हिस्सा होता है, जोकि उन्हें अपनी जमाओं पर लोन जारी करने के पहले अपने पास रख लेना अनिवार्य होता है। यह नकदी (cash), स्वर्ण भंडार (gold reserves), सरकारी प्रतिभूतियों (government approved securities) वगैरह किसी भी रूप में हो सकता है।
6. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 पर टॉस्कफोर्स का किया गठन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग (डीएसटी) कोरोना वायरस से संबंधित मसलों से निपटने के लिए उपयुक्त तकनीकी विकसित करने और भारत में निर्माण के लिए एक प्रयास का समन्वय कर रहा है। साथ ही नए और विकसित किए सॉल्यूसंस अधिक प्रासंगिक हैं ताकि देश को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए तैयार किया जा सके।
- डीएसटी ने शोध एवं विकास प्रयोगशालाओं, अकादमिक संस्थाओं, स्टॉर्टअप्स और एमएसएमई को मिलाकर से एक कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन किया है जिससे डॉयग्नोस्टिक, टेस्टिंग, स्वास्थ्य देखभाल संबंधी तकनीक व उपकरण मुहैया कराने को लेकर बाजार आधारित सॉल्यूसंस प्रदान किये जा सके।
- इनमें मास्क और अन्य सुरक्षात्मक सामाग्री शामिल हैं। मसलन इसमें सैनिटाइजर, स्क्रीनिंग के लिए किफायती किट्स, वेंटीलेटर और ऑक्सिजनेटर, ट्रैकिंग और निगरानी के लिए डेटा एनालिटिक्स, और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट आधारित समाधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विकसित करना शामिल है।
- टास्क फोर्स में डीएसटी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), स्टार्टअप इंडिया और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- टास्क फोर्स सबसे तेज तर्रार स्टार्टअप्स की पहचान करने के लिए है, जिन्हें वित्तीय या अन्य मदद की आवश्यकता हो सकती है या तेजी से बड़े पैमाने पर मांग या संपर्क करने की आवश्यकता होगी, उन्हें टास्क फोर्स मदद मुहैया कराएगी।
- तेजी से विकास, विनिर्माण और प्रासंगिक प्रौद्योगिकी विकल्पों को लेकर इस्तेमाल किए जा रहे तंत्र के हिस्से के रूप में, डीएसटी ने पहले ही दो अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, जिनमें क्रमशः विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) एवं प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के तहत हैं। इससे नए और मौजूदा समाधान दोनों के वैज्ञानिक समाधान और वाणिज्यिक विनिर्माण की दिशा में मदद मुहैया कराई जा सकती है।
7. महिंद्रा एंड महिंद्रा 7500 रुपये में बनाएगी वेंटिलेटर
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने कहा है कि वह महज 7,500 रुपये में वेंटिलेटर पेश कर सकती है, जिसकी अभी कीमत करीब 10 लाख रुपये है।
- मौजूदा समय में देश में वेंटिलेटर कम ही अस्तपतालों में मुहैया हैं। इसका कारण इनकी ऊंची कीमत है जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए यह बहुत अहम है।
- कंपनी ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि वह ऑटोमेटेड वॉल्व मास्क वेंटिलेटर, जिसे आमतौर पर अंबु बैग भी कहा जाता है, का प्रोटोटाइप को तीन दिन में अप्रूवल के लिए पेश करेगी।
- इससे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका ने कहा कि कंपनी दो बड़े पीएसयू और एक मौजूदा वेटिंलेटर निर्माता कंपनी के साथ काम कर रही है ताकि बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जा सके। उन्होंने ट्वीट किया, ‘एक तरफ हम दो बड़े पीएसयू और एक मौजूदा वेंटिलेटर यूनिट के साथ काम कर रहे हैं ताकि डिजाइन को आसान बनाया जा सके और बड़े पैमाने पर उत्पादन हो। हमारे इंजीनियर्स उनके साथ काम में जुटे हैं।’
- आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘हम बैग वॉल्व मास्क वेंटिलेटर (आमतौर पर अंबु बैग कहा जाने वाला) के ऑटोमेटेड वर्जन पर काम कर रहे हैं। हम आशा करते हैं कि 3 दिन में यह अप्रूवल के लिए तैयार हो जाएगा। एक बार इस पर मुहर लग जाए तो यह मैन्युफैक्चरिंग के लिए सभी को उपलब्ध कराया जाएगा।
वेंटिलेटर
- वेंटिलेटर एक मशीन है जो रोगी को सांस लेने में मदद करती है। इसके लिए मुंह, नाक या गले में एक छोटे से कट के माध्यम से एक ट्यूब श्वास नली में डाली जाती है। इसे मैकेनिकल वेंटिलेशन भी कहा जाता है। यह एक जीवन सहायता उपचार है। मैकेनिकल वेंटिलेशन की जरुरत तब पड़ती है जब कोईरोगी प्राकृतिक तरीके से अपने आप सांस लेने में सक्षम नहीं होता है। इसके कई अन्य नाम भी हैं जैसे – ब्रीथिंग मशीन या रेस्पिरेटर या मैकेनिकल वेंटिलेटर इत्यादि।
8. एक बार फिर दूरदर्शन पर होगा ऐतिहासिक रामायण का प्रसारण
कोरोनावायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन है। लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। इसबीच, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि जनता की मांग पर दूरदर्शन पर 28 मार्च से रामायण सीरियल का प्रसारण होगा। पहला एपिसोड 28 मार्च को ही सुबह 9 बजे और दूसरा रात 9 बजे दिखाया जाएगा।
- दूरदर्शन पर पहली बार रामायण का प्रसारण 25 जनवरी 1987 में शुरू हुआ था और आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को देखने को मिला था।
- रामानंद सागर की रामायण हर मायनों में ऐतिहासिक थी। शो का हर किरदार अमर हो गया था। लोगों ने इसको इतना प्यार मिला कि आज भी लोग रामायण के किरदार को भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
रामायण
- रामायण वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है, जिसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं, जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी है। इसे ‘वाल्मीकि रामायण’ या ‘बाल्मीकि रामायण’ भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं, जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ भी कहा जाता है।
- कुछ भारतीय कहते हैं कि यह 600 ईपू से पहले लिखा गया है। उसके पीछे युक्ति यह है कि महाभारत जो इसके पश्चात आया बौद्ध धर्म के बारे में मौन है यद्यपि उसमें जैन, शैव, पाशुपत आदि अन्य परम्पराओं का वर्णन है। अतः रामायण गौतम बुद्ध के काल के पूर्व का होना चाहिये। भाषा-शैली से भी यह पाणिनि के समय से पहले का होना चाहिये।
- रामायण का पहला और अन्तिम कांड संभवत: बाद में जोड़ा गया था। अध्याय दो से सात तक ज़्यादातर इस बात पर बल दिया जाता है कि राम भगवान विष्णु के अवतार थे। कुछ लोगों के अनुसार इस महाकाव्य में यूनानी और कई अन्य सन्दर्भों से पता चलता है कि यह पुस्तक दूसरी सदी ईसा पूर्व से पहले की नहीं हो सकती, अतः हम कह सकते हैं कि इसके समय काल की धारणा विवादास्पद है।
रामायण के सात अध्याय हैं जो निम्न हैं –
- i) बालकाण्ड
- ii) अयोध्याकाण्ड
- iii) अरण्यकाण्ड
- iv) किष्किन्धाकाण्ड
- v) सुंदरकाण्ड
- vi) लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड)
- vii) उत्तरकाण्ड
9. प्रख्यात कलाकार सतीश गुजराल का 94 वर्ष की उम्र में निधन
पद्म विभूषण से सम्मानित और बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार, मूर्तिकार, लेखक और वास्तुकार सतीश गुजराल का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे।
- उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था।
- गुजराल की कलाकृतियों में उनके शुरुआती जीवन के उतार-चढ़ाव की झलक देखने को मिलती है जिनमें बचपन में उनके सुनने क्षमता को बाधित करने वाली बीमारी और देश का विभाजन शामिल है।
- सतीश गुजराल के चित्रों में आकृतियाँ प्रधान हैं। उन्होंने पशु और पक्षियों को अपनी कला में सहज स्थान दिया है। इतिहास, लोककथा, पुराण, प्राचीन भारतीय संस्कृति और विविध धर्मों के प्रसंगों को उन्होंने अपने चित्रों में उकेरा है।
- सतीश गुजराल ने कई पुरस्कार जीते हैं। जिनमें मेक्सिको का ‘लियो नार्डो द विंसी’ और बेल्जियम के राजा का ‘आर्डर आफ क्राउन’ पुरस्कार शामिल हैं। भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सन 1999 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
10. आईसीसी ने सभी क्वालीफाइंग टूर्नामेंट किये स्थगित
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोविड 19 महामारी के कारण 30 जून से पहले होने वाले सभी क्वालीफाइंग टूर्नामेंट स्थगित कर दिये हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस से 22000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और पांच लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं।
- आईसीसी के टूर्नामेंट प्रमुख क्रिस टेटली ने कहा ,‘दुनिया भर में यात्रा को लेकर पाबंदियों और मौजूदा माहौल में सेहत को लेकर चिंताओं को देखते हुए आईसीसी ने आगामी समीक्षा तक जून के आखिर तक सारे टूर्नामेंट स्थगित करने का फैसला किया है ।’’
- आईसीसी महिला विश्व कप क्वालीफायर श्रीलंका में तीन से 19 जुलाई के बीच होने हैं। आईसीसी पुरूष टी20 विश्व कप ट्राफी टूर भी अप्रैल में नहीं होगा। पुरूष टी20 विश्व कप 2021 और विश्व कप 2023 क्वालीफाइंग टूर्नामेंटों को लेकर लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है।
- आईसीसी ने कहा कि पुरुष टी-20 विश्व कप 2021 और विश्व कप 2023 क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंटों को लेकर लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है। इन आगामी ईवेंट्स को स्थगित कर दिया हैः
- i) आईसीसी मैन्स टी-20 वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर ए एशिया- मेजबान-कुवैतः 16-21 अप्रैल
- ii) आईसीसी मैन्स टी-20 वर्ल्ड कप सब रीजनल क्वॉलिफाईः अफ्रीका, मेजबानः दक्षिण अफ्रीका, 27 अप्रैल से 3 मई
- iii) आईसीसी मैन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2- मेजबान नामिबियाः 20-27अप्रैल
- iv) आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर ए-यूरोप-मेजबान-स्पेनः 16-22 मई
- v) आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर सी- यूरोप, मेजबान- बेल्जियम, 10-16 जून
- आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर बी-एशिया- मेजबान- मलयेशिया, 26 जून – 2 जुलाई
- vi) आईसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप क्वॉलिफायर बी – यूरोप-मेजबान फिनलैंड; 24 – 30 जून