आज के टॉप करेंट अफेयर्स

सामयिकी: 29 – 30 मार्च 2020

हम यहां आपके लिए महत्वपूर्ण हालिया और नवीनतम करेंट अफेयर्स प्रदान करने के लिए हैं 29 – 30 मार्च 2020, हिंदू, इकनॉमिक टाइम्स, पीआईबी, टाइम्स ऑफ इंडिया, पीटीआई, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस जैसे सभी अखबारों से नवीनतम करेंट अफेयर्स 2020 घटनाओं को यहा प्रदान कर रहे है। यहा सभी डाटा समाचार पत्रों से लिया गया हे।

हमारे करेंट अफेयर्स मार्च 2020 सभी इवेंट्स से आपको बैंकिंग, इंश्योरेंस, SSC, रेलवे, UPSC, क्लैट और सभी स्टेट गवर्नमेंट एग्जाम में ज्यादा मार्क्स हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, आप यहा निचे दिये print बटन पर क्लिक करके PDF प्राप्त कर सकते हे .

Table of Contents

1. प्रधानमंत्री अवार्ड के लिए चनित हुई रीवा सौर परियोजना

  • विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक मध्यप्रदेश की रीवा सौर परियोजना को वर्ष 2019-20 में राज्य स्तर पर नवाचार के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में चयनित किया गया है। परितोषिक की घोषणा ‘सिविल सर्विस डे (21 अप्रैल)’ पर नई दिल्ली में की जाएगी।
  • परियोजना में तीन जनवरी 2020 से पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन प्रारंभ हो गया है। मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्र के लिए इस परियोजना ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व बैंक जैसे संस्थान द्वारा भी इसे वैश्विक पटल पर मान्यता दी गई है।
  • परियोजना से तत्कालीन समय का न्यूनतम टैरिफ रू 2.97/ यूनिट प्राप्त हुआ, जो अपनी समकालीन परियोजनाओं से प्राप्त टैरिफ रू 4.50- 5.0/ यूनिट की तुलना में रू 1.5 से 2.0 तक कम था। इस टैरिफ़ को प्राप्त करने के लिए भी NTPC और SECI जैसे संस्थानों द्वारा Viability Gap Funding का सहारा लिया जाता था।
  • रीवा सौर परियोजना मध्य प्रदेश की ऐसी प्रथम सौर परियोजना है जिससे प्राप्त विद्युत तापीय ऊर्जा से प्राप्त विद्युत से सस्ती है। इस परियोजना से पहली बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान (दिल्ली मेट्रो) को बिजली प्रदान की गई है।
  • कुल 750 MW क्षमता की रीवा सौर परियोजना, मध्य प्रदेश के रीवा जिले में, 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। परियोजना से उत्पादित विद्युत का 76% अंश प्रदेश की पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी को व 24% दिल्ली मेट्रो को प्रदाय किया जा रहा है।
  • आंतरिक ग्रिड समायोजन के लिए वर्ल्ड बैंक और सीटीएफ ऋण प्राप्त करने वाली यह देश की प्रथम परियोजना है, जिसे विश्व बैंक द्वारा राज्य शासन की गारंटी के बिना ऋण मिला है।

2. मंदी की गिरफ्त में आ गई है दुनिया: आईएमएफ

  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया विनाशकारी प्रभाव का सामना कर रही है और स्पष्ट रूप से आर्थिक मंदी की गिरफ्त में आ गई है। हालांकि, आईएमएफ ने अगले साल सुधार का अनुमान जताया है।
  • आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने कहा, ‘हमने 2020 और 2021 के लिए वृद्धि की संभावनाओं का फिर से मूल्यांकन किया है। अब यह स्पष्ट है कि हम मंदी की गिरफ्त में हैं, जो 2009 जितनी या उससे भी बुरी होगी। हमें 2021 में सुधार की उम्मीद है।’
  • उन्होंने कहा कि 2021 में सुधार की गुंजाइश तभी होगी जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय हर जगह इस वायरस पर काबू पाने में सफल हो और नकदी की समस्या से कंपनियां दिवालिया न हों।
  • जॉर्जीवा आईएमएफ के संचालनक मंडल अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं। कुल 189 सदस्यों वाले इस निकाय ने कोविड-19 की चुनौती पर चर्चा की है।
  • आईएमएफ प्रमुख ने कहा, ‘विश्व अर्थव्यवस्था के अचानक बंद होने के दीर्घकालिक प्रभावों में एक महत्वपूर्ण चिंता दिवालिया होने और छंटनी के जोखिम को लेकर है। ये न केवल सुधार धीमा कर सकती है, बल्कि हमारे समाजिक ताने-बाने को भी नष्ट कर सकती है।’

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 1944 के ब्रेट्टनवुड सम्मेलन में हुई थी तथा 1945 से यह प्रभाव में आया।
  • स्थापना के समय इसमें 29 सदस्य थे। वर्तमान में इसमें 189 सदस्य है। इसका मुख्यालय अमेरिका के वाशिंगटन में है।
  • यह विश्व में आर्थिक स्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संवर्धन, देशों के चालू खाते के स्थिरीकरण, अल्पकालीन ऋण, विश्व से गरीबी उन्मूलन तथा वैश्विक-वित्तीय समावेशन के लिए कार्य करता है।
  • ‘World Economic Outlook’ नामक शीर्षक से IMF प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट जारी करता है।
  • वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ बुल्गारिया की क्रिस्टालिना जॉर्जीवा हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ हैं।

3. अमेरिकी कंपनी ने विकसित किया टेस्ट, 5 मिनट में कर सकता है कोरोना संक्रमण की जांच

  • कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच से जुड़ी एक किट को अमेरिका में मंजूरी मिल गई है। ये किट संक्रमण की जांच महज 5 मिनट में ही नतीजे जारी करेगी। अमेरिका की दवा कंपनी एबोट (Abbott) ने इसे बनाया हैअमेरिकी दवा रेग्युलेटर USFDA ने भी इसे मंजूरी दे दी है।
  • कंपनी ने विज्ञप्ति में कहा कि यह टेस्ट उसके ID NOW प्लेटफॉर्म पर होगा। यह एक छोटा, हल्का और पोर्टेबल डिवाइस है, जो मोलिक्यूलर प्रौद्योगिकी पर काम करता है।
  • हल्का और छोटे होने के नाते इस उपकरण को क्लीनिक में भी प्रयोग किया जा सकता है। इस डिवाइस का इस्तेमाल अमेरिका में इन्फ्लुएंजा ए और बी, स्ट्रेप ए और आरएसवी परीक्षण  के लिए पहले से किया जा रहा है।
  • एबॉट लैब ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (USFDA) ने कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए मोलिक्यूलर प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट के लिए आपातकालीन उपयोग मंजूरी जारी कर दिया है। यह टेस्ट पांच  मिनट में पॉजिटिव और 13 मिनट में निगेटिव रिजल्ट दे सकता है।

अमेरिका की स्थिति

  • अमेरिका में कोरोना वायरस से स्थिति दिनों-दिन भयावह होती जा रही है। अमेरिका में कोरोना वायरस के अब तक एक लाख मामलों की पुष्टी हो चुकी है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के ट्रैकर ने यह आंकड़े सामने रखे हैं। यहां बीते 24 घंटों में 345 मौतें और 18000 नए मामले सामने आए हैं।
  • अमेरिका के बाद संक्रमण के मामलों में दूसरे नंबर पर इटली है अमेरिका में संक्रमित मामलों पर मृत्यु दर इटली के करीब 10.5 प्रतिशत के मुकाबले करीब 1.5 प्रतिशत है।
  • विश्व में कोरोना के पांच लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत की बात करें तो पिछले 24 घंटों में यहां कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण के 75 नए मामले सामने आए हैं और कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 800 से ज्यादा हो चुकी है।

4. आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों के तैयार किया एंटी बैक्टीरिया फैब्रिक

  • आईआईटी दिल्ली ने ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जो हानिकारक बैक्टीरिया को खुद खत्म कर देगा। इस कपड़े को कोरोना जैसे जानलेवा वारयस को मारने के लिए तैयार किया है, जो छूने से ही एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलते हैं।
  • कपड़े पर बैक्टीरिया मारने के सभी टेस्ट सफल हो चुके हैं। भारत सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अब कोरोना सैंपल टेस्ट लैब नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में इस एंटी बैक्टीरिया फ्रैब्रिक (फैबियोसिस) का परीक्षण किया जा रहा है।
  • आईआईटी दिल्ली के टेक्सटाइल और फैब्रिक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और वैज्ञानिक प्रो. सम्राट मुखोपाध्याय ने  बताया कि तीन साल की रिसर्च के आधार पर यह एंटी बैक्टीरिया फैब्रिक तैयार किया गया है। इस तकनीक को बनाने में आईआईटी के शोधकर्ता याती गुप्ता ने भी काम किया है।
  • इस फैब्रिक से तैयार गाउन, मास्क, दस्ताने, टोपी, बेडशीट आदि किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया को 99.9 फीसदी तक रोकने में सक्षम है। यदि पुणे की लैब में यह फैब्रिक बैक्टीरिया के साथ वायरस से निपटने में कारगर सिद्ध होता है तो फिर इसका प्रयोग देशभर के अस्पतालों में किया जा सकेगा। भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने आईआईटी को इसी शोधकार्य को आगे बढ़ाने के लिए पिछले दिनों 50 लाख रुपये की ग्रांट भी दी है।
  • इस तकनीक से सामान्य सूती कपड़े को इंफेक्शन प्रूफ फैब्रिक में बदला जाता है। सूती कपड़ों के रोल को कुछ रिएक्शन के साथ केमिकल्स से ट्रीट किया जाता है। यह ट्रीटमेंट इंडस्ट्री में मौजूद मशीनरी में हो सकता है। इस प्रोसेस से गुजरने के बाद कपड़ा एंटीमाइक्रोबीअल हो जाता है।
  • यह सस्ता भी है और भारतीय वॉशिंग के मानकों को भी फॉलो करता है। रिसर्च पर डेढ़ साल से काम कर रही इस टीम ने प्रोडक्ट के पायलट प्रोजेक्ट के लिए एम्स को पार्टनर बनाया है। दिल्ली-एनसीआर में बड़े लेवल पर इसे मैन्युफैक्चर करने के लिए ट्रायल भी चल रहे हैं।

कैसे तैयार होता है यह?

  • आईआईटी दिल्ली दिल्ली के मुताबिक, शुरुआती प्रक्रिया में कपड़ा दो रोलर से होकर गुजरता है और फिर उसे केमिकल में डुबाया जाता है। इसके बाद दूसरे स्टेप में कपड़े को फिर से दो रोलर से गुजारा जाता है, जिसमें कपड़े पर लगा एक्सट्रा केमिकल निकाला जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को केमिकल कोटिंग कहा जाता है, जो कि पैडिंग मैंगल इंन्स्ट्रूमेंट से की जाती है।
  • इस खास फैब्रिक से तैयार उत्पाद बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं। इसकी खास बात यह भी है कि इस फैब्रिक से तैयार उत्पाद को 30 बार तक धोया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फैब्रिक में कॉटन का प्रयोग पर्यावरण व अस्पतालों में प्रयोग होने वाले कपड़ों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

5. उच्चतम न्यायालय की दिल्ली को छोड़कर अन्य स्थानों पर बी एस- 4 मानदंडों वाले वाहनों की बिक्री की इजाजत

  • मोटरवाहन डीलरों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को छोड़कर अन्य स्थानों पर दस दिन के लिए (लॉकडाउन समाप्त होने के बाद) भारत स्टेज- 4 यानी बीएस- 4 मानदंडों का पालन करने वाले वाहनों की बिक्री की इजाजत दे दी है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दिल्ली-एनसीआर में 1 अप्रैल से केवल बीएस-6 वाहन ही बिकेंगे। पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 31 मार्च के बाद बीएस-4 वाहन नहीं बिकेंगे लेकिन, दिल्ली-एनसीआर को छोड़ बाकी हिस्सों के लिए इसकी समयसीमा 10 दिन और बढ़ा दी गई है।
  • कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुई बिक्री में परेशानी को लेकर फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन (एफएडीए) ने एक अर्जी दायर की थी। जिसमें बीएस-4 वाहन बिक्री के लिए कुछ और समय की मांग की गई थी। यह फैसला जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाया है।

भारत स्टेज मानदंड

  • भारत में बीएस मानदंड साल 2000 में की गई थी यह यूरोप की तर्ज़ पर उत्सर्जन मानक से जुड़ी नीति है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। पहले मेट्रो और कुछ चुनिंदा शहरों में इन्हें लागू किया गया था। लेकिन अब सरकार ने मौजूदा बीएस-4 मानक के बाद बीएस-5 की जगह सीधे 31 मार्च 2020 के बाद बीएस-6 मानक लागू करने का फ़ैसला लिया है।
  • पूर्व में ये टायर 2 और टायर 3 शहरों में लागू किए जाते रहे हैं। हालांकि साल अब साल 2020 में फिर से पूरे देश में एक साथ बीएस 6 इमीशन एक साथ देशभर में लागू किया जा रहा है।
  • हर एक उत्सर्जन मानक में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के साथ सल्फर की मात्रा को कम करना होता है। बीएस 3 स्टैंडर्ड के तहत पेट्रोल गाड़ियां 150 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी। जो बीएस-6 में घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो जाता है।
  • इसी तरह डीजल गाड़ियां बीएस 3 मानदंड के तहत 350 मिलीग्राम प्रति किग्रा सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी, जिसकी मात्रा घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो जाती है।
  • इन मानको के निर्धारित उद्देश्यों को पाने के लिए या प्रदूषण को कम करने के लिए ईंधन के जलने वाले चैंबर को और परिष्कृत किया जाता है ताकिबाईप्रोडक्ट कम निकलें साथ ही पेट्रोल और डीजल को और ज्यादा परिष्कृत किया जाता है।

6. सिंगापुर ने पहली बार रद्द किया शांगरी-ला डायलॉग

  • कोरोना वायरस के चलते सिंगापुर में होने वाली शंगरी-ला वार्ता को इस साल रद्द कर दिया गया है। यह 5 से 7 जून के बीच होने वाली थी। ऐसा पहली बार है कि इसे रद्द किया गया है।
  • साल 2002 में शुरू हुई यह वार्ता हर साल जून में शंगरी-ला होटल में ही होती थी। यह इसका 19वां संस्करण था जिसका आयोजन लंदन का इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटीजिक साइंसेज करने वाला था।

शांगरी-ला डायलॉग

  • शांगरी-ला संवाद इंडो-पैसिफिक और खासकर एशिया क्षेत्र के लिहाज से काफी अहम है यह एक ट्रैक वन अंतर-सरकारी सुरक्षा मंच है। इसे सालाना आयोजित किया जाता है। शांगरी ला डायलॉग को सर्वप्रथम 2002 में आयोजित किया गया था।
  • इस वार्ता से जो बातें निकल कर आती है, उसका इंडो-पैसिफिक और खासकर एशिया क्षेत्र के विदेश नीति में सुरक्षा और रक्षा के लिहाज़ से काफी महत्व रहा है। वर्तमान भूराजनितिक परिदृश्य में हिन्द-प्रशांत और एशिया क्षेत्र का केन्द्रीय और निर्णायक महत्व है।
  • शांगरी-ला वार्ता का आयोजन एक स्वतंत्र थिंक टैंक या शोध संस्थान का इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटीजिक स्टडीज द्वारा किया जाता है।
  • भारत का मानना है की आसियान देश खासकर सिंगापुर उसके लिए विशेष महत्त्व रखता है। ऐसे में यहां आयोजित होने वाले इस तरह के वार्ता का महत्व काफी बढ़ जाता है। इस क्षेत्र का मुक्त एवं शांत होना भारत के एक्ट ईस्ट नीति के सफल होने के लिए बहुत आवश्यक है।

7. ब्रह्मकुमारी की राजयोगिनी दादी जानकी का निधन

  • आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसेडर राजयोगिनी दादी जानकी का निधन हो गया है। वे 104 साल की थीं। उन्होंने माउंट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
  • अगस्त 2007 में उन्होंने ब्रह्मकुमारी के प्रशासक का जिम्मा संभाला। उन्होंने हजारों को साथ लिया। विश्व के 100 से भी ज्यादा देशों में भारतीय संस्कृति को फैलाया। ब्रह्मकुमारी के मीडिया निदेशक बीके करुणा के अनुसार, दादी जानकी के नाम दुनिया की सबसे स्थिर मन वाली महिला का रिकॉर्ड है। संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सास मेडिकल एंड साइंस इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट्स ने टेस्ट के बाद दादी को ‘मोस्ट स्टेबल माइंड ऑफ द वर्ल्ड विमन’ से नवाजा था।
  • ब्रह्मकुमारी की ओर से जारी बयान के अनुसार, राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म 1 जनवरी, 1916 को हैदराबाद के सिंध प्रांत (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने 21 वर्ष की आयु में उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना। 1970 में उन्होंने भारतीय दर्शन, राज योग और मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया। उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए सरकार द्वारा ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया था।

8. कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया ‘पीएम केयर्स’

  • कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लोगों के योगदान के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम- केयर्स)’ की घोषणा की है।
  • यह एक स्वस्थ भारत बनाने में मदद करेगा। हर क्षेत्र के लोग इस फंड में दान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह मेरे साथी भारतीयों से मेरी अपील है कि वे कृपया कर पीएम- केयर्स फंड में योगदान करें। यह फंड आगे भी आने वाले समय में इसी तरह की संकटपूर्ण स्थितियों से सामना करने में मदद करेगा।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम- केयर्स फंड छोटे से छोटे दान को भी स्वीकार करता है। यह आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगा और नागरिकों की सुरक्षा पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।
  • ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष’ के ऐलान के तुरंत बाद अभिनेता अक्षय कुमार ने 25 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की है। अक्षय कुमार ने कहा कि मैंने अपनी बचत से पीएम मोदी के PM-CARES फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान करने की प्रतिज्ञा की है।
  • भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) एसोसिएशन कोरोना से निपटने के लिए प्रारंभिक योगदान के रूप में पीएम- केयर्स फंड में 21 लाख रुपये का सहयोग देगा। साथ ही एसोसिएशन के सभी सदस्य कम से कम एक दिन के वेतन का भी योगदान देंगे। एसोसिएशन ने इस बात की जानकारी दी है।

9. भारतीय शॉटपुट खिलाड़ी नवीन चिकारा डोप टेस्ट में चूकने के कारण चार साल के लिये निलंबित

  • अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ की इंटीग्रिटी यूनिट ने 2018 में टूर्नामेंट से बाहर डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण शॉटपुट खिलाड़ी नवीन चिकारा को चार साल के लिये निलंबित कर दिया है।
  • अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ ने एक बयान में कहा,‘‘27 जुलाई 2018 को खिलाड़ी को टूर्नामेंट से बाहर जांच में दोषी पाया गया है। 28 अक्टूबर 2018 को मांट्रियल में विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की अधिकृत लैब में उसके नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाये गए थे।’’
  • चिकारा को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया है और उनका निलंबन 27 जुलाई 2018 से लागू होगा। 12 मार्च को नवीन चिकारा ने स्वीकार किया था कि उसने डोपिंग निरोधक नियमों का उल्लंघन किया है और लिखित में यह कबूलनामा दिया था। इससे पूर्व नवंबर 2018 में उन पर अस्थायी निलंबन लगाया गया था।
  • चिकारा ने 2018 फेडरेशन कप में रजत पदक जीता था। वह इसी साल अंतर प्रांत चैम्पियनशिप में उपविजेता रहे थे।

वाडा (World Anti-Doping Agency)

  • विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) एक अंतर्राष्ट्रीय स्वतंत्र एजेंसी है जिसका दुनिया की सरकारों द्वारा समान रूप से वित्त पोषित करके 1999 में स्थापित किया गया था।
  • इसकी प्रमुख गतिविधियों में वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा, डोपिंग रोधी क्षमताओं का विकास, विश्व डोपिंग रोधी संहिता (कोड) की निगरानी तथा सभी खेलों और सभी देशों में डोपिंग विरोधी नीतियों को सामंजस्य प्रदान करना शामिल है।
  • 1998 की गर्मियों में साइक्लिंग की दुनिया को हिलाकर रख देने वाली घटनाओं के बाद, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने डोपिंग के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी दलों को एक साथ लाने के लिए डोपिंग पर एक विश्व सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया था।
  • 2-4 फरवरी, 1999 को स्विट्जरलैंड के लौसने (Lausanne) में आयोजित खेल में डोपिंग पर प्रथम विश्व सम्मेलन के आयोजन से खेल में डोपिंग पर लौसने घोषणा पत्र आया। यह दस्तावेज एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी एजेंसी के निर्माण की अनुशंसा करता है।
  • लौसने घोषणा की शर्तों के अनुसरण में, विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल में डोपिंग के खिलाफ लड़ाई का समन्वय करने के लिए लौसने में 10 नवंबर, 1999 को स्थापित किया गया था। वाडा को आईओसी की पहल के तहत् एक नींव के रूप में स्थापित किया गया था।

10. 2021 ओलंपिक के लिए अलग से कोटे की जरूरत नहीं

  • टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालिफाई कर चुके खिलाड़ियों के कोटा स्थान खेलों के एक साल के लिए स्थगित होने के बावजूद सुरक्षित रहेंगे। टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले 11000 में से 57 प्रतिशत खिलाड़ी क्वालिफाई कर चुके हैं।
  • ओलिंपिक अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि 6200 या अधिक एथलीट जो टोक्यो का टिकट प्राप्त कर चुके हैं, उनका कोटा सुरक्षित रहेगा। सभी अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों ने इस पर सहमति जताई है।
  • अभी भी 33 खेलों में क्वालीफाइंग स्पर्धायें बाकी है। हर खेल की क्वालीफाइंग प्रक्रिया उसकी अंतरराष्ट्रीय नियामक ईकाई तय करती है विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन कू ने पुष्टि की कि सभी खेलों ने आईओसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है कि ओलंपिक 2020 के लिये क्वालीफाई कर चुके एथलीट अगले साल भी खेलेंगे।
  • आईओसी ने टोक्यो ओलिंपिक को इस वर्ष से स्थगित करके अगले साल 2021 में कराने का फैसला किया था।
DsGuruJi Homepage Click Here