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Current Affairs: 27 May 2020
1. राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ने मनाई रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती
संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ने रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती मनाने के लिए ‘रामकिंकर बैज! मूक बदलाव और अभिव्यक्तियों के माध्यम से यात्रा’ के शीर्षक से 26 मई 2020 को आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) का आयोजन किया।
- इस आभासी यात्रा के दौरान एनजीएमए के आरक्षित संग्रह से रामकिंकर बैज की उन उत्कृष्ट कलाकृतियों को दर्शाया गया है तथा इन्हें पांच अलग-अलग थीम की श्रृंखला में यथा (i) चित्र (पोर्ट्रेट), (ii) जीवन का अध्ययन, (iii) सार एवं संरचनात्मक रचना, (iv) प्रकृति का अध्ययन एवं परिदृश्य, और (v) मूर्तियां वर्गीकृत किया गया है।
रामकिंकर बैज
- आधुनिक भारत के सबसे मौलिक कलाकारों में से एक रामकिंकर बैज एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार, चित्रकार और ग्राफिक कलाकार थे। रामकिंकर बैज (1906-1980) का जन्म पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसकी आर्थिक एवं सामाजिक हैसियत थोड़ी कमजोर थी, लेकिन वह अपने दृढ़संकल्प के बल पर भारतीय कला के सबसे प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिकतावादियों में स्वयं को शुमार करने में कामयाब रहे थे।
- वैसे तो उनकी कलाकृतियों को शुरुआत में लोकप्रिय होने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे ये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब होने लगीं।
- उन्हें एक के बाद एक कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया। वर्ष 1970 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय कला में उनके अमूल्य योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। वर्ष 1976 में उन्हें ललित कला अकादमी का फेलो बनाया गया।
- कोलकाता में कुछ समय तक बीमार रहने के बाद रामकिंकर ने 2 अगस्त, 1980 को अंतिम सांस ली।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए)
- राष्ट्रीय कला संग्रहालय बनाने का विचार पहली बार सन् 1949 में अंकुरित और प्रस्फुटित हुआ। इस विचार को सींचने का श्रेय प्रथम प्रधान मंत्री स्वयं पं. नेहरू और मौलाना आजाद को जाता है। कला के क्षेत्र में सक्रिय समुदाय की भी इसमें उल्लेखनीय भूमिका रही है। 29 मार्च 1954 को पं. जवाहरलाल नेहरू और गणमान्य कलाकारों एवं कला प्रेमियों की उपस्थिति में देश के उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकष्ण ने औपचारिक रूप से एनजीएमए का उदघाटन किया।
- इस उद्देश्य के लिए ल्युटियंस दिल्ली की एक भव्य इमारत, जयपुर हाउस, के चयन ने इस संस्थान की गरिमा एवं महत्व को रेखांकित कर दिया सन् 1936 में जयपुर महाराज के निवास के लिए तैयार इस भवन के वास्तुकार सर आर्थर ब्लूमफील्ड थे।
- यह गैलरी अपनी श्रेणी में भारत का एक प्रमुख संस्थान है। यह भारत सरकार के संस्कृति विभाग के एक अधीनस्थ कार्यलय की तरह कार्यरत है। एनजीएमए की दो शाखाएं है। एक मुंबई में है और दूसरी बंगलुरु में।
- गैलरी देश की सांस्कृतिक दर्शन का संग्रहालय है और यह 1857 से लेकर लगभग पिछले डेढ सौ सालों में दृश्य एवं प्लास्टिक कलाओं के बदलते स्वरूपों को बखूबी प्रदर्शित करता है। कुछ भूली-बिसरी और हल्की-फुल्की कलात्मक वस्तुओं को छोड़कर एनजीएमए के संग्रह को आज निर्विवाद आधुनिक एवं समकालीन कला का देश का सबसे महत्वपूर्ण संग्रह कहा जाता है।
2. बीएस छह के लिए एल7 (क्वाड्रिसाइकिल) श्रेणी के लिए उत्सर्जन मानदंड अधिसूचित
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 22 मई 2020 को बीएस 6 के लिए एल7 (क्वाड्रिसाइकिल) श्रेणी के उत्सर्जन मानदंडों के बारे में अधिसूचना जारी की है। ये मानदंड अधिसूचना की तारीख से लागू होते हैं।
- यह अधिसूचना भारत में सभी एल, एम और एन श्रेणी के वाहनों के लिए बीएस छह की प्रक्रिया को पूरा करती है। उत्सर्जन मानदंड डब्ल्यूएमटीसी (World Motorcycle Test Cycle) के साथ यूरोपीय संघ के अनुरूप हैं।
- विदित है कि मंत्रालय ने सभी श्रेणी के वाहन के लिए बहुत पहले ही बीएस 6 मानकों को अधिसूचित किया था, लेकिन क्वाड्रिसाइकिलों के लिए आना बाकी था। जब तक ये मानक नहीं लाए जाते, हम इस श्रेणी के वाहनों का उत्पादन नहीं कर सकते थे।
- इससे पूर्व केंद्र सरकार ने 2018 में क्वाड्रिसाइकिल सेगमेंट की शुरुआत की थी और इसे वाणिज्यिक और निजी दोनों तरह के उपयोग के लिए मंजूरी दी थी।
क्या है क्वाड्रिसाइकिल?
- सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक क्वाड्रिसाइकिल वो वाहन है जो आकार में तीन पहिया वाहन के बराबर होता है लेकिन इसमें चार टायर होते हैं और यह पूरी तरह से एक कार की तरह कवर होता है।
- मंत्रालय के अनुसार, “इसमें तीन पहिया वाहन जैसा इंजन है। यह इसे लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के लिए परिवहन का एक सस्ता और सुरक्षित साधन बनाता है।”
- नियम के मुताबिक एक क्वाड्रिसाइकिल 3.6 मीटर से अधिक लंबी नहीं हो सकती है, इसमें 800cc से छोटा इंजन होना चाहिए, और इसका वजन 475 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
- वर्तमान में, भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में बहुत कम कंपनियां क्वाड्रिसाइकिल बनाती हैं। बजाज ऑटो इस सेगमेंट में व्यावसायिक रूप से Qute नाम का क्वाड्रिसाइकिल लॉन्च करने वाला पहली प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी है। अप्रैल 2019 में इसके सीएनजी और पेट्रोल वेरिएंट को भारत में लॉन्च किया गया था।
उत्सर्जन मानक और बीएस छह
- भारत सरकार मोटर व्हीकल से निकलने वाले प्रदूषकों (पलूटेंट्स) को नियंत्रित करने के लिए मानक तय करती है। इसे बीएस, यानी भारत स्टेज कहा जाता है। ये मानक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत निर्धारित किए जाते हैं।
- पेट्रोल-डीजल इंजन मुख्य रूप से सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन (HC) और नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) को निकालते हैं। इनके अलावा पर्टिकुलेट मैटर (PM) या कार्बन सुट डीजल के साथ-साथ पेट्रोल इंजन का भी एक अन्य बाय-प्रॉडक्ट है।
- भारत में पहली बार साल 2000 में एमिशन नॉर्म्स लागू किए गए थे। इसके बाद साल 2005 में बीएस 2 और 2010 में बीएस 3 को लागू किया गया था। देश में बीएस 4 एमिशन नॉर्म्स साल 2017 में लागू हुए। बढ़ते प्रदूषण लेवल और लंबे गैप को देखते हुए बीएस 5 को छोड़कर सीधे बीएस 6 एमिशन नॉर्म्स लागू करने का निर्णय लिया गया है।
- बीएस 6 एमिशन नॉर्म्स अपेक्षाकृत सख्त हैं। बीएस4 की तुलना में इसमें NOx का लेवल पेट्रोल इंजन के लिए 25 पर्सेंट और डीजल इंजन के लिए 68 पर्सेंट कम है।
- बीएस-6 वाहनों से ईधन की खपत के बाद सल्फर उत्सर्जन 50 पीपीएम के बजाय 10 पीपीएम रह जाएगा। इससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
3. वायुसेना हलके लड़ाकू विमान-तेजस के बेड़े के साथ स्कवाड्रन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार
वायुसेना कोयम्बटूर के निकट सुलूर वायुसैनिक अड्डे पर हलके लड़ाकू विमान-तेजस के बेड़े के साथ स्कवाड्रन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस स्कवाड्रन का नाम नम्बर-18 फ्लाइंग बुलेट्स रखा गया है।
- वायुसेना अध्यक्ष एयरचीफ मार्शल आर के एस भदौरिया 27 मई को इसका शुभारंभ करेंगे। आधुनिक बहुउद्देश्यीय, हलके लड़ाकू विमान से लैस यह वायुसेना का दूसरा स्कवाड्रन होगा। इससे पहले 45 वीं स्क्वाड्रन यह विमान उड़ा चुकी है।
स्कवाड्रन – 18
- इस नम्बर-18 स्कवाड्रन 1965 में बनाई गई थी। यह श्रीनगर से संचालित होने वाली पहली स्कवाड्रन थी। 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान इस स्कवाड्रन के कर्मियों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवा मुक्त कर दिया गया था और इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को एक अप्रैल 2020 को पुनः शुरू किया गया था।
तेजस
- हलका लड़ाकू विमान तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है, जिसे हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स ने विकसित किया है। यह विमान फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटिग्रेटिड डिजिटल एवियोनिक्स और मल्टीमोड रडार से लैस है।
- ध्वनि की गति से तेज रफ्तार से उड़ने वाला यह विमान अपने तरह का सबसे हलका और सबसे छोटा विमान माना जाता है।
4. 22 मई को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
जैव विविधता के मुद्दों पर समझ और जागरूकता बढ़ाने हेतु हर साल 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष लॉक डाउन के कारण इसका आयोजन वेबिनरों के माध्यम से किया गया।
- 22 मई 2020 को मनाए गए इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (आईडीबी) का विषय है “हमारे समाधान प्रकृति में हैं (Our solutions are in nature)” है।
- प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2000 में संकल्प 55/201 के माध्यम से इस दिवस को मानाने की घोषणा की गई थी।
- संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2010 को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाया गया था। जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रयास तेज हो गए है। कई देशों में जैव विविधता संरक्षण की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या है जैव-विविधता?
- जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है। 1992 में ब्राज़ील के रियो डि जेनेरियो में हुए जैव विविधता सम्मेलन के अनुसार जैव विविधता की परिभाषा इस प्रकार हैः- “धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिकीय तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे संबंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच विभिन्नता जैवविविधता है।”
- जैव विविधता का संरक्षण और उसका टिकाऊ उपयोग, पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ विकास के लिये महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रकार के जीवों की अपनी अलग-अलग भूमिका है, जो प्रकृति को संतुलित रखने तथा हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने, तथा सतत् विकास के लिये संसाधन प्रदान करने में अपना योगदान करती है।
- जैव विविधता का वाणिज्यिक महत्व, भोजन, औषधियां, ईंधन, औद्योगिक कच्चा माल, रेशम, चमडा, ऊन आदि से हम सब परिचित हैं। इसके पारिस्थितिकी महत्व के रूप में खाद्य श्रृंखला, मृदा की उर्वरता को बनाये रखना, जैविक रूप से सड़ी-गली चीजों का निपटान, भू-क्षरण को रोकने, रेगिस्तान का प्रसार रोकने, प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने एवं पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखने में के रूप में देखा जा सकती है।
जैव-विविधता और भारत
- विश्व के बारह चिन्हित मेगा बायोडाइवर्सिटी केन्द्रों में से भारत एक है। विश्व के 18 चिन्हित बायोलाजिकल हाट स्पाट में से भारत में दो पूर्वी हिमालय और पश्चिमी घाट हैं।
- भारत सरकार ने देश भर में 18 बायोस्फीयर भंडार स्थापित किये हैं जो जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं और अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं।
- जैवविविधता अधिनियम, 2002 भारत में जैवविविधता के संरक्षण के लिए संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। जो परंपरागत जैविक संसाधनों और ज्ञान के उपयोग से होने वाले लाभों के समान वितरण के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) की स्थापना 2003 में ‘जैव विविधता अधिनियम, 2002’ को लागू करने के लिए की गई थी। एनबीए एक सांविधिक, स्वायत संस्था है। यह संस्था जैविक संसाधनों के साथ-साथ उनके सतत उपयोग से होने वाले लाभ की निष्पक्षता और समान बटवारे जैसे मुद्दों पर भारत सरकार के लिए सलाहकार और विनियामक की भूमिका निभाती है।
5. आरईसी लिमिटेड ने स्वास्थ्य कर्मियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए ताजसैट्स के साथ किया समझौता
ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रम और भारत के बड़े ऊर्जा वित्तदाताओं में से एक आरईसी लिमिटेड (Rural Electrification Corporation Limited) प्रमुख सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा कर्मियों के साथ साथ पूरे देश में दिहाड़ी पर काम करने वाले गरीब श्रमिकों को सहयोगपूर्ण कोशिशों के जरिए भोजन खिलाने के मिशन की अगुवाई कर रहा है।
- आरईसी लिमिटेड की सीएसआर इकाई आरईसी फाउंडेशन ने नई दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों को विशेष तौर पर निर्मित पौष्टिक भोजन के पैकेट देने के लिए ताजसैट्स (आईएचसीएल और एसएटीएस लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम – TajSATS, a joint venture of IHCL and SATS Ltd) को अपना पार्टनर बनाया है।
- नई दिल्ली में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता के भाव के रूप में हर रोज भोजन के 300 पैकेट उन्हें पहुंचाए जा रहे हैं। इस पहल के जरिए नई दिल्ली में भोजन के 18 हजार से अधिक पैकेट वितरित किए जाएंगे।
- इसके साथ ही विभिन्न जिला प्राधिकरणों, एनजीओ और विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) के सहयोग से आरईसी पहले से ही पूरे देश में जरूरतमंदों को पकाया भोजन और राशन उपलब्ध करा रही है।
- यह पहल उस वक्त शुरू हुई थी जब पूरे देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू था और यह लॉकडाउन रहने तक जारी रहेगी। 24 मई, 2020 तक आरईसी लिमिटेड 4.58 किलोग्राम से अधिक खाद्यान्न, भोजन के 1.26 लाख पैकेट, 9,600 लीटर सैनिटाइजर, 3400 पीपीपी किट और 83,000 मास्कों का वितरण कर चुकी है।
आरईसी लिमिटेड
- आरईसी लिमिटेड (ग्रामीण विद्युतीकरण लिमिटेड – Rural Electrification Corporation Limited) एक नवरत्न एनबीएफसी है जो पूरे देश में ऊर्जा क्षेत्र वित्त पोषण और विकास का काम करती है।
- 1969 में स्थापित आरईसी लिमिटेड ने अपने संचालन क्षेत्र में 50 साल पूरे कर लिए हैं। यह पूरे ऊर्जा क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में वित्तीय मदद उपलब्ध कराता है। इसके अलावा आरईसी भारत सरकार की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयू जीजेवाई), सौभाग्य इत्यादि जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की नोडल एजेंसी भी है ।
6. चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम परियोजना के तहत चंबा सुरंग से वाहन रवानगी आयोजन का उद्घाटन किया।
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच 94) पर व्यस्त चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग खोदकर यह प्रमुख उपलब्धि हासिल की है। कोविड-19 के खतरे और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच सुरंग खोदने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
- सुरंग का निर्माण कार्य दरअसल कमजोर मिट्टी, पानी के निरंतर रिसने, शीर्ष पर भारी निर्मित क्षेत्र रहने के कारण मकानों के ढहने की आशंका, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, कोविड लॉकडाउन के दौरान लगाए गए विभिन्न तरह के प्रतिबंधों, इत्यादि को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
- इस सुरंग के खुलने से चंबा शहर के रास्ते में भीड़-भाड़ कम हो जाएगी एवं दूरी एक किलोमीटर कम हो जाएगी और इस शहर से होकर गुजरने में पहले के तीस मिनट की तुलना में अब केवल दस मिनट ही लगेंगे।
- चारधाम परियोजना परियोजना के निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही यानी अक्टूबर 2020 तक पूरा हो जाने के की सम्भावना है।
सीमा सड़क संगठन (BRO – Border Roads Organization)
- बीआरओ एक ऐसा संगठन है जो पूरे देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का निर्माण और रखरखाव करता है और सशस्त्र बलों की सामरिक जरूरतों के लिए काम करता है । इसका गठन 7 मई 1960 को हुआ था।इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन है।
- बीआरओ प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना में एक महत्वपूर्ण हितधारक है और इस सुरंग को खोदने में सफलता टीम शिवालिक ने हासिल की है। इसके निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। यह सुरंग पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से लगभग तीन महीने पहले ही इस साल अक्टूबर तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी।
- लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत एवं तकरीबन 889 किमी की अनुमानित लंबाई वाली प्रतिष्ठित चारधाम परियोजना के तहत बीआरओ 250 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रहा है जो पवित्र तीर्थस्थल गंगोत्री और बद्रीनाथ की ओर ले जाएगा।
7. कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार का अनुमान लगाने के लिए 10 शहरों में किया जाएगा ‘सेरोसर्वे’
कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित शहरों की सूची के शीर्ष 10 शहरों में ‘सेरोसर्वे’ किया जाएगा।
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अन्य एजेंसियों के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 60 जिलों में प्रति एक लाख की आबादी पर सामने आए मामलों के तहत चार स्तर – शून्य, निम्न, मध्यम और उच्च के आधार पर यह सर्वेक्षण किया जाएगा।
- ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आईजेएमआर) में समुदाय-आधारित निगरानी के इन दिशा-निर्देशों को प्रकाशित किया गया है। इन दिशा-निर्देशों को‘ भारत में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण प्रसार की प्रवृत्ति की निगरानी करने के लिए राष्ट्रीय सीरो-निगरानी: समुदाय-आधारित निगरानी के दिशा-निर्देश’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया है।
- कोविड-19 के सबसे अधिक मामलों के आधार पर सूची के शीर्ष 10 शहर मुम्बई, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, ठाणे, इंदौर, जयपुर,चेन्नई और सूरत हैं। आईसीएमआर ने कहा कि घरेलू स्तर के ‘क्रॉस-सेक्शनल’ सर्वेक्षण में 24,000 वयस्कों को शामिल किया जाएगा, जिनमें प्रत्येक स्तर के जिले होंगे, हर स्तर के 15 जिले इसमें होंगे।
क्या है सेरोसर्वे?
- ‘सेरो-सर्वे’ में जिला स्तर पर सार्स-सीओवी2 के प्रसार पर नजर रखने के लिए लोगों के रक्त में से सीरम की जांच की जाती है।
8. कामगारों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रदेश के कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही ‘प्रवासी आयोग’ (माइग्रेशन कमीशन) गठित किया जाएगा।
- योगी ने कहा कि इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में अब तक जितनी भी श्रमशक्ति हमारे पास है। प्रदेश सरकार इनके कौशल की जानकारी इकट्ठा करा रही है। जिसके बाद इन्हें उत्तरप्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।”
- उन्होंने आगे कहा,‘‘ ऐसे में अगर किसी राज्य को कामगारों की आवश्यकता होगी तो उनकी मांग पर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी राज्य सरकार देगी, बीमा कराएगी और श्रमिक एवं कामगार को हर तरह की सुरक्षा देगी। कोई भी राज्य सरकार बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश के लोगों को श्रमिक व कामगार के रूप में लेकर नहीं जाएगी।
प्रष्ठभूमि
- उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि जिस प्रकार से लॉकाडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की दुर्गति हुई और उनके साथ जिस प्रकार का दुर्व्यवहार हुआ है उसको देखते हुए प्रदेश सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी अपने हाथों में ले रही है।
9. चार बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन एश्ले कूपर का निधन
चार बार के एकल ग्रैंड स्लैम टेनिस चैंपियन और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व नंबर एक रैंकिंग के खिलाड़ी एश्ले कूपर का निधन हो गया है, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह 83 वर्ष के थे।
- एश्ले कूपर ने 1958 में अमेरिकी ओपन सहित ऑस्ट्रेलियाई और विंबलडन में ग्रैंड स्लैम ट्रोफी अपने नाम की थी अपने करियर में उन्होंने 2 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 1 अमेरिकी ओपन तथा 1 विंबलडन सहित 4 ग्रैंड स्लैम अपने नाम किये थे।
- कूपर की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया की डेविस कप टीम ने 1957 में अमेरिका पर जीत से अपना खिताब बरकरार रखा था और 1959 में पीठ की चोट के कारण उनका पेशेवर करियर खत्म हो गया था।
10. दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली खिलाड़ी बनीं नाओमी ओसाका
- जापान की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका पिछले 12 महीनों में सर्वाधिक वेतन पाने वाली महिला खिलाड़ी बन गईं हैं।
- अमेरिका की व्यावसायिक मैगजीन फोर्ब्स के अनुसार ओसाका ने पिछले 12 महीनों में ईनामी और विज्ञापन राशि से तीन करोड़ 74 लाख डॉलर कमाए जो अमेरिका की स्टार टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स से 14 लाख डॉलर ज्यादा है।
- 38 साल की सेरेना विलियम्स पिछले चार साल तक दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला खिलाड़ी रही थीं जबकि इससे पहले शारापोवा के नाम पांच साल तक यह रिकॉर्ड दर्ज था।
- फोर्ब्स ने 1990 से महिला खिलाड़ियों की आय की गणना शुरू की है और तब से अधिकतर टेनिस खिलाड़ी ही इसमें शीर्ष पर रहती हैं। दो बार की ग्रैंड स्लैम विजेता ओसाका फोर्ब्स की सबसे ज्यादा कमाई करने वाले खिलाड़ियों की सूची में 29वें स्थान पर हैं, जबकि विलियम्स को इसमें 33वां स्थान मिला है।