आज के टॉप करेंट अफेयर्स

सामयिकी: 20 मार्च 2020

Table of Contents

1. एपीडा ने लघु कृषक कृषि व्यापार संघ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारत सरकार द्वारा कृषक केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ घोषणा की गई कृषि निर्यात नीति कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की विशेष भागीदारी के साथ फसलों की प्रजातियों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने में उत्पाद निर्दिष्ट समूहों के विकास को दर्शाती है। इसी के तहत एपीडा ने 18 मार्च, 2020 को लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ऐसे संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर ध्यान दे रहा है। यह कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास और हितधारकों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने के लिए कृषि निर्यात हेतु परस्पर मिलकर काम कर रहा है।
  • यह उम्मीद है कि एसएफएसी और एपीडा जैसे संगठन संयुक्त सहयोग के दृष्टिकोण से आपूर्ति की स्थिरता बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गुणवत्तायुक्त आपूर्तिकर्ता की छवि स्थापित करने के लिए कृषि उत्पादों का मात्रात्मक और गुणात्मक उत्पादन आधार सुधारने के लिए बड़े कृषक आधार तक पहुंचने में सक्षम होंगे। इससे निर्यात पर मात्रा और मूल्य में वृद्धि होगी और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय दोगुनी करने में योगदान मिलेगा।

सहयोग के क्षेत्रः

  • 1.   कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) निर्यात उन्मुखता के साथ पैमाना और एकीकरण अर्जित करने के लिए एपीडा के साथ विभिन्न राज्यों में स्थित समूहों की सूची साझा करेगा। एपीडा और एसएफएसी लक्ष्य अर्जित करने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निर्यातकों के साथ एफटीओ/एफटीसी को जोड़ने के लिए मिलकर काम करेंगे।
  • 2.   क्षमता निर्माण, पहुंच कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों की कार्यशालाओं के लिए काम करना।
  • 3.   समय-समय पर पहचान किए गए विभिन्न माध्यमों के द्वारा एफपीओ क्षेत्र के हितधारकों द्वारा भारतीय और वैश्विक बाजार, उत्पाद प्रौद्योगिकियों, प्रक्रियाओं, ज्ञान और सेवाओं का मिलकर प्रदर्शन करना।
  • 4.   एपीडा, एफपीसी द्वारा सहायता प्राप्त या एसएफएसी द्वारा पहचान किए गए जैविक उत्पादों/क्षेत्रों के प्रमाणीकरण मे सुविधा प्रदान करना।

5.   पूर्वोत्तर में कृषि व्यापार संवर्धन इकाई ले जाना और पूर्वोत्तर में एफपीओ को परामर्श देना।

एपीडा

  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की स्थापना दिसंबर, 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस अधिनियम (1986 का 2) को गजट असाधारण भाग – II (खण्ड 3 (II) में 13.02.1986 से लागू किया गया था। प्राधिकरण ने संसाधित खाद्य निर्यात प्रोत्साहन परिषद का स्थान लिया है।
  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) संसद के एक अधिनियम और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन स्थापित एक प्राधिकरण है। इसे फल, सब्जियों और उनके उत्पाद मांस और मांस उत्पाद, पॉल्ट्री और पॉल्ट्री उत्पाद, डेयरी उत्पाद, कन्फेक्शनरी, बिस्कुट और बेकरी उत्पाद, शहद, गुड़ और चीनी उत्पाद, कोको और इसके उत्पाद, सभी प्रकार के चॉकलेट, मादक और गैर-मादक पेय, अनाज और अनाज उत्पाद, मूंगफली और अखरोट, अचार, पापड़ और चटनी, ग्वार गम, फूल और फूल उत्पाद, हर्बल और औषधीय पौधे जैसे उत्पादों के निर्यात संवर्धन और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इसके अलावा इस पर चीनी के आयात की निगरानी की जिम्मेदारी है।
  • एपीडा ने भारत के लगभग सभी कृषि संभावित राज्यों में अपनी उपस्थिति स्थापित कर ली है  और अपने प्रधान कार्यालय (नई दिल्ली), 5 क्षेत्रीय कार्यालय (मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, गुवाहाटी) और 13 आभासी कार्यालयों (तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर, श्रीनगर, चंडीगढ़, इम्फाल, अगरतला, कोहिमा, चेन्नई, रायपुर, अहमदाबाद, भोपाल, लखनऊ, पणजी)के द्वारा कृषि निर्यात समुदाय को सेवाएं प्रदान करता रहा है।

लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी):

  • यह लघु और सीमांत किसानों को किसान हित समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों और किसान उत्पादक कम्पनी के रूप में संगठित करने के लिए एक अग्रणी संघ है। यह छोटे और लघु किसानों तक कृषि निवेशों की पहुंच और सस्ती उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
  • इसे दिल्ली किसान मंडी और राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को ई-प्लेटफॉर्म पर लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह किसानों को प्रगामी रूप से मुक्त कृषि व्यापार और साथ-साथ मूल्य खोजने का प्रस्ताव उपलब्ध कराता हैं। वर्तमान में एसएफएसी के साथ लगभग 1000 ईपीओ/एफपीसी पंजीकृत हैं।

2. भिखारियों के व्यापक पुनर्वास की योजना के पुनर्गठन का प्रस्ताव

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भिखारियों के व्यापक पुनर्वास की योजना के पुनर्गठन और प्रतिपादन का प्रस्ताव किया है। यह भिक्षावृति के कृत्य में लगे व्यक्तियों के लिए एक व्यापक योजना होगी। इसमें पहचान, पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास आदि शामिल होंगे।

  • इस काम में राज्य सरकारें/केन्द्र शासित प्रदेश/स्थानीय शहरी निकाय, स्वैच्छिक संगठन और संस्थान मदद करेंगे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि यह योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे बड़े भिखारी समुदाय वाले चुनिंदा शहरों में लागू की जाएगी।
  • इस योजना की पायलट परियोजना 2019-20 के दौरान शुरू जाने का प्रस्ताव है बशर्ते कि राज्य सरकारों द्वारा शहर निर्दिष्ट कार्य योजना का प्रस्ताव दिया जाए। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को शतप्रतिशत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकार द्वारा किये गए प्रयास

2017-18 के दौरान मंत्रालय ने पायलट आधार पर भिखारियों के कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए 2018-19 के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (NBCFDC – National Backward Classes Finance & Development Corporation) को एक करोड़ 50 लाख रुपये की राशि जारी की थी।

  • निगम ने वेयर हाउस में पैकिंग का कार्य, हाथ से अगरबत्ती बनाने, हाथ से कढ़ाई करने जैसे कार्यों में भिखारी समुदाय के 400 सदस्यों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसके अलावा निगम ने स्वरोजगार के लिए टेलर, कॉइर दस्तकारों और कारपेंटर के रोजगार में भिखारी समुदाय के 160 सदस्यों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वीकृत किए हैं।
  • वर्ष 2019-20 के दौरान इस मंत्रालय ने राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान (एनआईएसडी) के लिए एक करोड़ और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के लिए 70 लाख रुपये की राशि भिखारियों के कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए जारी की है।

3. अमरीकी राष्ट्रपति ने आदित्य बाम्ज़ई को प्राइवेसी और सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड में पुन: नियुक्त किया

अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के अमरीकी विधि प्रोफेसर और कानून विशेषज्ञ आदित्य बाम्ज़ई को प्राइवेसी और सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड में पुन: नियुक्त किया है। प्रो. आदित्य को इससे पहले भी बोर्ड में नियुक्त किया गया था।

  • वर्जीनिया के आदित्य बाम्ज़ई के नामांकन को अमेरिकी सीनेट के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद उन्हें 26 जनवरी 2026 तक के कार्यकाल के लिए प्राइवेसी एंड सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड के सदस्य के तौर पर पुन: नियुक्त किया जाएगा।
  • यह बोर्ड आतंकवाद रोकने के संघीय सरकार के प्रयासों और लोगों की निजता तथा नागरिक स्वतंत्रता के संरक्षण की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने के लिए काम करता है। यह बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है।
  • बाम्ज़ई वर्जीनिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ के प्रोफेसर हैं। एजेंसी की वेबसाइट पर बमजई की प्रोफाइल के अनुसार वह नागरिक प्रक्रिया, प्रशासनिक कानून, संघीय अदालतों, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और कम्प्यूटर कानून के बारे में पढ़ाते और लिखते हैं। उन्होंने येल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो लॉ स्कूल से स्नातक की डिग्री हासिल की है।

4. छत्तीसगढ़ का भोरमदेव महोत्सव हुआ स्थगित

देश के विभिन्न स्थानों से नोवेल कोरोना वायरस के प्रकरण संज्ञान में आ रहे हैं इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भी 21, 22 व 23 मार्च को 3 दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन रद्द किया गया है। इसका मुख्य आयोजन चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी तेरस को किया जाता है।

  • कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन व मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। भोरमदेव महोत्सव के सभी शासकीय कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। भोरमदेव मंदिर में इस अवसर होने वाले दीपदान सहित सभी व्यक्तिगत धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

भोरमदेव महोत्सव

  • सन् 1994 तक पहले जहां भोरमदेव में मेले का आयोजन हुआ करता था, वहीं आयोजन से महोत्सव में बदलने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कुशलता से कार्य किए, परिणाम स्वरूप भोरमदेव महोत्सव के मंच में स्थानीय कलाकारों सहित विश्व प्रसिद्व गायक को भी इस मंच में स्थान दिया गया।
  • फलस्वरूप सन् 1995 से आयोजित भोरमदेव महोत्सव वर्ष 2019 तक सफलता पूर्वक संचालन होता रहा। 25 साल बाद अब इस भोरमदेव महोत्सव को कोरोना वायरस चलते पहली बार स्थगित कर दिया गया है।
  • भोरमदेव के मदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है यह मन्दिर मुख्या रूप से उमा-महेश्वर को समर्पित है।

5. रक्षा अधिग्रहण परिषद (DSC) ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान की खरीद को दी मंजूरी

रक्षा विभाग (डीओडी) और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण के पश्चात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की पहली बैठक हुई है। अधिग्रहण विंग डीएसी का सचिवालय है। इससे बेहतर समन्वय होगा और मामलों पर तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे क्योंकि अधिग्रहण विंग पर कैपिटल अधिग्रहण प्रक्रिया की जवाबदेही है।

  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत विमान विकास एजेंसी (एडीए) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का स्वदेशी डिजाइन तैयार किया है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने निर्मित किया है। 40 तेजस विमानों के खरीद आदेश दिए जा चुके हैं। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 83 विमानों की खरीद की मंजूरी दी है जो विमान का आधुनिक एमके-1ए वर्जन होगा।
  • इसके लिए संविदा और अन्य मामलों को अंतिम रूप दिया गया है। प्रस्ताव को सुरक्षा पर संसदीय समिति (सीसीएस) के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा। इस खरीद से ‘मेक इन इंडिया’  को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि विमान का डिजाइन और विकास स्वदेशी तकनीक से किया गया है। इसका निर्माण एचएएल के अतिरिक्त कई अन्य स्थानीय निर्माताओं के सहयोग से किया गया है।
  • रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1,300 करोड़ रुपये के स्वदेशी रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण की भी मंजूरी दी। प्रस्ताव भारतीय वायु सेना के हॉक एमके-32 विमान के लिए एरियल फ़्यूज़ और ट्विन-डोम सिमुलेटर के खरीद के लिए थे।
  • रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने रक्षा खदीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 में संशोधन को भी मंजूरी दी। इस संशोधन से कॉस्टिंग कमेटी उन निविदाओं की समीक्षा करने में सक्षम होगी, जिन्हें रक्षा सार्वजनिक उद्यमों/आयुध निर्माण बोर्ड/डीआरडीओ द्वारा प्रस्तुत किया है। इसमें रक्षा वस्तुओं की खरीद नामांकन के आधार पर भी की जाती है। इससे कीमतों में अधिक पारदर्शिता आएगी और निविदा को अंतिम रूप देने में कम समय लगेगा।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC – Defence Acquisition Council)

  • सशस्त्र बलों की स्वीकृत आवश्यकताओं की शीघ्र ख़रीद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2001 में रक्षा अधिग्रहण परिषद की स्थापना की गई थी। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी)  की अध्यक्षता रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है। यह निकाय अधिग्रहण संबंधी मामलों पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था है।

तेजस

  • तेजस भारत द्वारा विकसित किया गया एक हल्का युद्धक विमान है जो कई तरह की भूमिकाओं को निभाने में सक्षम है। यह विमान हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसितकिया गया है।
  • इसका विकास ‘हल्का युद्धक विमान’ या Light Combat Aircraft (LCA) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस  2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।
  • तेजस करीब 2,250 किलोमीटर/घंटा की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है  और इसमें 2,500 किलो ईंधन आ सकता है इसकी खास बात ये है कि इसमें बीच हवा में ईंधन भरा जा सकता है ।
  • तेजस की गिनती दुनिया के चंद सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में हो रही है। करीब नौ टन के वजन वाला तेजस एक सुपर सोनिक फाइटर जेट है जो 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। एचएएल ने नए तेजस विमान को जैमर-प्रोटक्शन तकनीक से लैस किया है ताकि दुश्मन की सीमा के करीब उसका कम्युनिकेशन जाम ना हो पाए।

6. रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 75 के नीचे पहुंचा

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 19 मार्च को भारी गिरावट देखी गई और भारतीय मुद्रा 75 के स्तर से नीचे गिर गई है। 19 मार्च को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 90 पैसे से ज्यादा टूटकर 75.16 के स्तर पर देखा गया है।

  • डॉलर में भारी तेजी के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर और बॉन्ड्स बेचे जाने के चलते रुपये में गिरावट आ रही है। विदेशी निवेशक तेजी से भारतीय बाजार से लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं, जो कि भारतीय शेयर बाजारों में मंदी का भी एक बड़ा कारण है। रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेशी निवेशक इस महीने 38,188 करोड़ रुपए के शेयर बेच चुके हैं।
  • अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कमजोरी के साथ 74.96 के भाव पर खुला। इसमें आगे गिरावट जारी रही और यह डॉलर के मुकाबले 75.12 के स्तर पर जा पहुंचा। इस तरह रुपये में पिछले बंद भाव के मुकाबले 86 पैसे की भारी गिरावट हुई है। जबकि रुपया 18 मार्च को डॉलर के मुकाबले 74.26 पर बंद हुआ था।
  • कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्व बैंक, आईएमएफ और ओईसीडी जैसी एजेंसियों ने आर्थिक संकट की चेतावनी दी है। मोर्गन स्टेनले और गोल्डमैन साक्स जैसे प्रतिष्ठित निवेश बैंक के अर्थशास्त्रियों ने भी कहा है कि जून तिमाही में पूरी दुनिया मंदी में फंस सकती है।

7. सीबीआई ने साल 2015 से 5,000 मामले दर्ज किए

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक जनवरी 2015 से 29 फरवरी 2020 के बीच कुल 4985 मामले दर्ज किए जिनमें से 4300 नियमित मामले और 685 प्रारंभिक जांच मामले थे। कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।

  • उन्होंने बताया कि इस अवधि में सीबीआई ने 4717 मामलों की जांच की जिनमें 3987 नियमित मामले और 730 प्रारंभिक जांच मामले थे। सिंह ने बताया कि एक जनवरी 2015 से 29 फरवरी 2020 तक सीबीआई ने 3700 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
  • उन्होंने इनका साल दर साल का ब्यौरा देते हुए बताया कि सीबीआई ने साल 2015 में 971 नियमित मामले और 164 प्रारंभिक जांच मामले, साल 2016 में 925 नियमित मामले और 122 प्रारंभिक जांच मामले , साल 2017 में 939 नियमित मामले और 137 प्रारंभिक जांच मामले, साल 2018 में 765 नियमित मामले और 134 प्रारंभिक जांच मामले दर्ज किए हैं।
  • सिंह ने बताया कि इसी प्रकार साल 2019 में 608 नियमित मामले और 102 प्रारंभिक जांच मामले तथा साल 2020 में जनवरी से फरवरी के बीच में 92 नियमित मामले और 26 प्रारंभिक जांच मामले दर्ज किए गए हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)

  • रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच करने के लिए एक पुलिस उपमहानिरीक्षक के अधीन 1941 में विशेष पुलिस स्थापना (Special Police Establishment) के द्वारा एक्सीक्यूटिव ऑर्डर पारित किया। 1942 के अंत में एस.पी.ई. के कार्यक्षेत्र को बढ़ाकर रेलवे में भ्रष्टाचार मामलों सहित शामिल किया गया।
  • 1943 में, भारत सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत एक विशेष पुलिस बल गठित किया गया और केंद्रीय सरकारों के विभागों जो ब्रिटिश भारत में कही भी हो, के विभागों से जुड़े कुछ अपराधों से जाँच करने के लिए प्राधिकृत किया गया। अध्यादेश 1943 को 1946 के अध्यादेश द्वारा प्रतिस्थापित (रिप्लेश) कर दिया गया। बाद में, उसी वर्ष दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 में अस्तित्व में लाया गया।
  • केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो जाँच करने के लिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से अधिकार प्राप्त करता है। अधिनियम की धारा 2 केवल संघ शासित क्षेत्रों में अपराधों की जाँच करने की सीमा तय करती है। हालांकि, केन्द्रीय सरकार द्वारा इस सीमा को अन्य क्षेत्रों जिसमें रेलवे शामिल है, में बढ़ा सकती है तथा अधिनियम की धारा 5(1) के तहत राज्यों को अधिनियम की धारा 6 के तहत सहमति प्राप्त करने का अधिकार देती है।
  • अधिनियम की धारा 3 के अनुसार विशेष पुलिस स्थापना में यह भी अधिकार दिया गया है कि केवल उन मामलों की जाँच करें जिन्हें समय-समय पर केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया हो।

8. अमरीकी राष्ट्रपति ने कोविड-19 के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए अरबों डॉलर के आपातकालीन आर्थिक सहायता पैकेज पर किए हस्ताक्षर

  • अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोवेल कोरोना वायरस के कारण प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों का सामना कर रहे अमरीकी लोगों की मदद के लिए आपातकालीन आर्थिक सहायता संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • फैमिलीज़ फर्स्ट कोरोना वायरस रिस्पांस एक्ट ( Families First Coronavirus Response Act)  के नाम से लाए गए विधेयक के तहत प्रभावित कर्मियों को बीमार होने पर सवैतनिक छुट्टी देने और कोविड-19 का परीक्षण मुफ्त कराने के प्रावधान हैं।
  • इसके जरिये अमरीकी सरकार की ओर से नोवेल कोरोना की महामारी से निपटने के लिए जारी प्रयासों के तहत बेरोजगारी संबंधी बीमा, खाद्य सहायता और चिकित्सकीय सहायता के लिए रकम को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
  • इस विधेयक में आर्थिक स्थिति से परे जाकर उन सभी योग्य कर्मियों के लिए नोवेल कोरोना वायरस के मुफ्त परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी, जो बीमार हैं, सबसे अलग रह रहे हैं, किसी पीडि़त व्यक्ति की तीमारदारी कर रहे हैं या किसी ऐसे बच्चे का ध्यान रख रहे हैं जिसका स्कूल बंद हो चुका है। उन सभी व्यक्तियों को वेतन का भुगतान जारी रखा जायेगा।
  • प्रतिनिधि सभा और सीनेट से पारित इस कानून को नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के अमरीकी संघीय सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। इससे वायरस के कारण अमरीकी लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा पर होने वाले असर पर भी ध्यान दिया जा सकेगा।

कोविड-19 और अमेरिका

  • अमरीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्रों के अनुसार वहां फिलहाल नोवेल कोरोना वायरस के कम से कम आठ हजार 736 मरीज मौजूद हैं और 149 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अमेरिका में सबसे अधिक प्रभावित न्यूयार्क है जहां 2,900 से अधिक मामले हैं। इसके बाद 1,187 मामलों के साथ वाशिंगटन है।

9. कोरोना के कारण कई राज्यों ने लागू की धारा-144

कोरोना वायरस बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार और प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी को देखते हुए कई राज्यों ने ने धारा-144 लागू कर दी है।

  • धारा 144 लगाने के पीछे मकसद यह बताया गया है कि, इससे कम से कम लोग एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे। चूंकि कोरोना एक महामारी है। यह एक से दूसरे में फैल रही है। ऐसे में यह प्रतिबंधात्मक कदम पुलिस ने उठाया जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

धारा-144(CrPC)

  • सीआरपीसी की धारा 144, शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी तरह के सुरक्षा संबंधित खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा-144 जहाँ लगती है, उस इलाके में पाँच या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं। धारा लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।
  • धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी आम पहुँच से ठप किया जा सकता है। यह धारा लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों को ले जाने पर भी पाबंदी होती है हालांकि अभी इसका मकसद यह नहीं है।
  • धारा-144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है। अगर राज्य सरकार को लगता है कि इंसानी जीवन का खतरा टालने या फिर किसी दंगे को टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक इसे नहीं लगाया जा सकता है।
  • गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है।
  • ध्यान रहे कि धारा 144 को कर्फ्यू के समान नहीं माना जा सकता। कर्फ्यू बहुत ही खराब हालत में लगाया जाता है। उस स्थिति में लोगों को एक खास समय या अवधि तक अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है। मार्केट, स्कूल, कॉलेज आदि को बंद करने का आदेश दिया जाता है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है।

10. दक्षिण अफ्रीकी गोल्फर विक्टर लेंज कोविड-19 से संक्रमित

दक्षिण अफ्रीकी गोल्फर विक्टर लेंज को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। पीजीए टूर ने यह जानकारी दी है। विश्व में 1215वें नंबर के खिलाड़ी लेंज को मैक्सिको में पीजीए टूर से लौटने के बाद दक्षिण अफ्रीका में की गयी जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है।

  • पीजीए टूर ने बयान में कहा, ‘‘हम विक्टर के अपनी बीमारी के तुरंत खुलासे की सराहना करते हैं। इससे पीजीए टूर को उन लोगों को सतर्क करने का मौका मिल गया जो इस सत्र में लेटिन अमेरिका पीजीए टूर के दौरान उनके संपर्क में आये थे।
  • कोरोना वायरस का अन्य खेल प्रतियोगिताओं की तरफ गोल्फ पर भी प्रभाव पड़ा है तथा उसकी दो प्रमुख प्रतियोगिताएं मास्टर्स और पीजीए चैंपियनशिप को स्थगित कर दिया गया है।
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