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Current Affairs: 06 May 2020
1. डीआरडीओ ने यूवी कीटाणु शोधन टॉवर किया विकसित
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारी संक्रमण वाले क्षेत्रों के त्वरित और रसायन मुक्त कीटाणुशोधन के लिए एक अल्ट्रा वॉयलेट (यूवी) डिसइंफेक्सन टॉवर विकसित किया है।
- यूवी ब्लास्टर नाम का यह उपकरण एक यूवी आधारित क्षेत्र सैनिटाइजर है, जिसे डीआरडीओ की दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित प्रयोगशाला लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (एलएएसटीईसी) ने एम/एस न्यू एज इंस्ट्रुमेंट्स एंड मैटेरियल्स प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम की सहायता से डिजाइन और विकसित किया है।
- यूवी ब्लास्टर प्रयोगशालाओं और कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कम्प्यूटर और अन्य गैजेट जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाली सतहों में उपयोगी है, जो रासायनिक विधियों से कीटाणुशोधन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। यह उत्पाद हवाई अड्डों, शॉपिंग माल, मेट्रो, होटलों, कारखानों, कार्यालयों आदि ऐसे क्षेत्रों के लिए भी प्रभावी है, जहां लोगों की आवाजाही खासी ज्यादा होती है।
- यूवी आधारित क्षेत्र सैनिटाइजर को वाईफाई लिंक का इस्तेमाल करते हुए लैपटॉप/मोबाइल के माध्यम से दूरस्थ परिचालन के द्वारा उपयोग किया जा सकता है।
- इस उपकरण में 360 डिग्री प्रकाश के लिए 254 एनएम वेवलेंथ पर छह लैम्प होती हैं, जिसमें हरेक लैम्प की क्षमता 43 वाट यूवी-सी पावर है। कमरे के भीतर विभिन्न स्थानों पर उपकरण लगाकर लगभग 12×12 फुट आकार के एक कमरे को लगभग 10 मिनट और 400 वर्ग फुट के कमरे को 30 मिनट में कीटाणुमुक्त किया जा सकता है।
- अचानक कमरा खुलने या मानवीय दखल पर यह सैनिटाइजर बंद हो जाता है। उत्पाद की एक अन्य विशेषता उसका हाथ से होने वाला परिचालन है।
2. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में लिया भाग
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुट निरपेक्ष देशों की शिखर बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया, इस बैठक में सदस्य देशों के बीच कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति और इस महामारी के खिलाफ प्रयासों में बेहतर तालमेल को लेकर चर्चा की गई है।
- इस शिखर बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, “कोविड-19 ने हमें वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की सीमाओं से परिचित कराया है। कोविड-19 से उबरने के बाद के विश्व में हमें पारदर्शिता, समानता और मानवता पर आधारित वैश्वीकरण की नई व्यवस्था की आवश्यकता होगी।” उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी से उबरने के बाद दुनिया को वैश्वीकरण की एक नई व्यवस्था की आवश्यकता होगी।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अवगत कराया कि कोविड-19 के संकट को देखते हुए घरेलू जरूरतों के बावजूद भारत ने करीब 120 देशों को दवा की आपूर्ति की जिनमें 59 गुट निरपेक्ष देश शामिल हैं।
गुट निरपेक्ष आन्दोलन (NAM – Non Aligned Movement )
- गुट निरपेक्ष आन्दोलन (NAM – Non Aligned Movement) राष्ट्रों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। इस संस्था में सम्मिलित राष्ट्रों का यह उद्देश्य है कि वे किसी भी पावर ब्लॉक के संग या विरोध में नहीं रहेंगे। यह आंदोलन विकसित देशों के हितों की तुलना में तृतीय विश्व के देशों की सामूहिक राजनीतिक और आर्थिक चिन्ताओं की अभिव्यक्ति के लिये एक मंच का कार्य करता है।
- गुट निरपेक्ष आन्दोलन भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासेर एवं युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रौज़ टीटो द्वारा शुरू किया गया था।
- इस आंदोलन की स्थापना 29 सदस्यों के साथ 1961 में की गई थी। इसकी सदस्य संख्या बढ़कर अब 120 हो गई है और इस तरह यह देशों का सबसे बड़ा समूह बन गया है।
- इसका पहला सम्मलेन यूगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड में आयोजित किया गया था। इसके 18वें शिखर सम्मलेन की बात करें तो उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने राष्ट्राध्यक्षों के इस सम्मलेन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। इस कार्यक्रम का आयोजन 25-26 अक्टूबर, 2019 को अज़रबेजान की राजधानी बाकू में किया गया था।
- 18वें गुट निरपेक्ष सम्मेलन की विषयवस्तु “समकालीन विश्व की चुनौतियों का समुचित और समेकित जवाब देना सुनिश्चित करने के लिए बानदुंग सिद्धांतों का पालन” है। वेनेजुएला में 2016 में इसका 117वां शिखर सम्मलेन हुआ था।
3. भारत में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पहला मामला आया सामने
कोरोना वायरस संकट के बीच देश में एक नई बीमारी ने पनपता शुरू कर दिया है। भारत के असम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (african swine Fever) का पहला मामला सामने आया है। असम सरकार ने कहा कि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पहला मामला पाया गया है और इससे 306 गांवों में 2,500 से अधिक सूअर मारे जा चुके हैं।
- असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने कहा, ‘राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने पुष्टि की है कि यह अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) ही है।
- विदित है कि चीन में यह प्रकोप पहले से ही चल रहा है, जिस कारण वहां के करीब 40 प्रतिशत सूअरों का को मारा जा चुका है। शुरुआत में खुले घूम रहे सूअर ही इसकी चपेट में आते है, लेकिन बाद में यह फॉर्म तक पहुंच जाता है।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर पिछले साल अप्रैल में चीन के शिजांग से शुरू हुआ था। शिजांग की सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है। यह आशंका है कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर का वायरस पहले अरुणाचल प्रदेश पहुंचा और फिर असम में आ गया है।
अफ्रीकी स्वाइन फीवर (african swine Fever)
- सबसे पहले इसका प्रकोप पूर्वव्यापी रूप से 1907 में माना जाता है लेकिन अफ्रीकी स्वाइन फीवर (African swine fever) को पहली बार केन्या में 1921 में वर्णित किया गया था यह बीमारी 1957 तक अफ्रीका तक ही सीमित रही इसके बाद यह दुनियां में फैली।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर वायरस (ASFV) Asfarviridae परिवार का विषाणु है इसमें वायरस की डबल डीएनए स्ट्रेंडड संरचना पाई जाती है। यह एक गंभीर वायरल रोग है जो घरेलू और जंगली सूअरों को प्रभावित करता है।
- यह गंभीर रोग उत्पादन और आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार है यह अंतरसीमाई पशु रोग (TAD – Transboundry Animal desease) मृत सूअरों, घरेलू या जंगली सूअरों और सूअर का मांस उत्पादों द्वारा फैल सकता है। यह सूअरों के बने जूते, कपड़े, वाहन, चाकू, उपकरण आदि के माध्यम से भी फ़ैल सकता है।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर सूअर के मांस, स्लाइवा, खून और टिशू के जरिये फैलता है। अभी तक हुए अध्ययन में पाया गया है कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर (african swine fever) इंसानों तक नहीं पहुँचता है लेकिन यह सूअर उद्योग को बुरी तरह से प्रभावित करता है। वर्तमान में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (African swine fever) से बचाव के लिए कोई अनुमोदित टीका नहीं है।
4. जम्मू-कश्मीर के तीन फोटो पत्रकारों को मिला 2020 पुलित्जर पुरस्कार
- कोरोना वायरस संकट के बीच इस साल के पुलित्जर पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा हो गई है। जम्मू-कश्मीर के तीन फोटो पत्रकारों को पिछले साल अगस्त में धारा 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद क्षेत्र में जारी बंद के दौरान सराहनीय काम करने के लिए 2020 पुलित्जर पुरस्कार में फीचर फोटोग्राफी की श्रेणी में सम्मानित किया गया है।
- एसोसिएट प्रेस (एपी) के तीन फोटो पत्रकार मुख्तार खान, यासीन डार और चन्नी आनंद पुलित्जर पुरस्कार 2020 हासिल करने वाले लोगों की सूची में शुमार हैं। आनंद जम्मू में रहते हैं जबिक यासिन और मुख्तार श्रीनगर के निवासी हैं।
- रॉयटर्स ने हांगकांग के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों के लिए ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी पुरस्कार जीता है। अन्य श्रेणियों की बात करें तो ‘एंकरेज डेली न्यूज’, ‘प्रो पब्लिका’ , ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’, ‘असोसिएटेड प्रेस’, ‘द लॉल एंजिलिस टाइम्स’, ‘द बाल्टिमोर सन’, ‘द फीलिस्तीन हेराल्ड प्रेस’ को अलग-अलग खबरों के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- दरअसल, पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाले पुलित्जर पुरस्कार के विजेताओं के नाम की घोषणा पिछले महीने कोरोना वायरस की वजह से स्थगित कर दी थी। यह पुरस्कार वितरण समारोह 20 अप्रैल को होना था। पुलित्जर पुरस्कार देने वाली संस्था ने कहा था कि उस वक्त ज्यादातर पत्रकार महामारी की रिपोर्टिंग करने में लगे हुए थे।
पुलित्जर पुरस्कार
- वर्ष 1917 से हंगरी मूल के अमेरिकी प्रकाशक जोसफ पुलित्जर के नाम पर पत्र, नाटक, संगीत, और पत्रकारिता के लिए दिए जाने वाले पुलित्ज़र पुरस्कार प्रतिवर्ष कुल 21 श्रेणियों में दिया जाता है।
- कोलम्बिया विश्वविद्यालय द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। प्रत्येक विजेता को एक प्रमाण-पत्र व 10000 डॉलर की नकद राशि दी जाती है। 21वीं श्रेणी के विषय ‘लोक सेवा से संबंधित पत्रकारिता’ के लिए स्वर्ण पदक दिया जाता है।
5. अमेरिका ने भारतीय मूल की अमेरिकी अधिवक्ता को संघीय अदालत का जज किया नामित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल की अमेरिकी अधिवक्ता सरिता कोमातीरेड्डी, को न्यूयॉर्क की संघीय अदालत में बतौर न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के लिए नामित किया है।
- इस हेतु व्हाइट हाउस ने उनका नामांकन अमेरिकी सीनेट को भेजा है। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नामित सरिता कोमातीरेड्डी, एक अभियोजक हैं और कोलंबिया लॉ स्कूल में कानून पढ़ाती हैं।
- इससे पहले वह इसी जिला अदालत के पूर्व न्यायाधीश ब्रेट कैवनॉ के तहत लिपिक का काम कर चुकी हैं। कोमातीरेड्डी फिलहाल न्यूय़ॉर्क पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी न्यायवादी कार्यालय में सामान्य आपराधिक मामलों की उपप्रमुख हैं।
- वह जून 2018 से जनवरी 2019 तक अंतरराष्ट्रीय नार्कोटिक्स एवं धनशोधन मामलों की कार्यवाहक उपप्रमुख और 2016 से 2019 तक कंप्यूटर हैकिंग और बौद्धिक संपदा समन्वयक के पद पर रही हैं। उन्होंने प्रतिष्ठित हार्वर्ड लॉ स्कूल से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
- वह बीपी डीपवॉटर हॉरिजन ऑयल स्पिल एंड ऑफशोर ड्रिलिंग पर राष्ट्रीय आयोग की वकील भी रही हैं। इस साल 12 फरवरी को, ट्रंप ने कोमातीरेड्डी को न्यूयॉर्क पूर्वी जिला अदालत की जिला न्यायाधीश के तौर पर नामित करने की अपनी मंशा की घोषणा की थी।
6. अभिजीत बनर्जी ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े प्रोत्साहन पैकेज की पैरवी की
नोबेल पुरस्कार विजेता और जानेमाने अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कोरोना संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के हाथों में पैसे भी पहुंचाने होंगे।
- एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद के दौरान बनर्जी ने यह भी कहा कि जरूरतमंदों के लिए तीन महीने तक अस्थायी राशन कार्ड मुहैया कराने, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की मदद करने और प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।
- बड़े प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए बनर्जी ने कहा कि अमेरिका, जापान, यूरोप यही कर रहे हैं। हमने बड़े प्रोत्साहन पैकेज पर निर्णय नहीं लिया है। हम अभी भी जीडीपी का एक फीसदी पर हैं, अमेरिका 10 फीसदी तक तक चला गया है। हमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए ज्यादा करने की आवश्यकता है।
- उनके मुताबिक प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसे द्विपक्षीय रूप से संभालना मुश्किल है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसका आप विकेंद्रीकरण नहीं करना चाहेंगे क्योंकि आप वास्तव में जानकारी एकत्र करना चाहते हैं।
- बनर्जी ने कहा, ‘‘ यदि लोग संक्रमित हैं तो आप नहीं चाहते कि वे पूरे देश में घूमें। मुझे लगता है कि ट्रेन पकड़ने या यात्रा करने से पहले, सरकार को ऐसे लोगों की जांच करानी चाहिए। यह एक मुख्य सवाल है और जिसे केवल केंद्र सरकार सुलझा सकती है।’’
- बनर्जी ने कहा, ‘‘यह (मजबूत नेतृत्व की धारणा) विनाशकारी है। अमेरिका और ब्राजील दो ऐसे देश हैं, जहां स्थिति बुरी तरह गड़बड़ हो रही है। ये दो तथाकथित मजबूत नेता हैं, जो सब कुछ जानने का दिखावा करते हैं, लेकिन वे जो भी कहते हैं, वो हास्यास्पद होता है।’’
अभिजीत बनर्जी
- भारत में जन्मे और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी (58) को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल से नवाजा गया था। उन्होंने यह पुरस्कार एमआईटी में ही प्रोफेसर व पत्नी एस्थर डुफ्लो (46) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर माइकल क्रेमर (54) से साझा किया है।
- इन तीनों को दुनिया भर में ग़रीबी दूरे करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए ये सम्मान दिया गया था। माना जा रहा है कि बीते दो दशक के दौरान इस अप्रोच का सबसे अहम योगदान रहा है इसके अनुसार दुनिया भर में ग़रीबों की आबादी 70 करोड़ के आसपास मानी जाती है।
- एस्थर डूफलो अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला हैं साथ ही अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाली वे महज दूसरी महिला हैं।
7. गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ
- केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने, नई दिल्ली में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ किया है।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और दीनदयालअनत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक अनूठी पहल “द सरस कलेक्शन” ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए दैनिक उपयोग वाले उत्पादों को प्रदर्शित करता है और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एसएचजी को केंद्र और राज्य सरकार के खरीदारों तक पहुंचने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है।
- इस पहल के तहत, एसएचजी विक्रेता अपने उत्पादों को 5 उत्पाद श्रेणियों, अर्थात (i) हस्तशिल्प, (ii) हथकरघा और वस्त्र, (iii) कार्यालयों में इस्तेमाला होने वाले सामान, (iv) किराना और पेंट्री, और (v) व्यक्तिगत देखभाल और साफ सफाई की श्रेणी में सूचीबद्ध कर सकेंगे।
- पहले चरण में, 11 राज्यों के 913 एसएचजी पहले से ही विक्रेताओं के रूप में पंजीकृत हैं और 442 उत्पादों को पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। थोड़े समय में देशभर में बड़ी संख्या में एसएचजी को पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए जीईएम ने एनआरएलएम डेटाबेस के साथ एपीआई आधारित एकीकरण तंत्र विकसित किया है।
- इस पहल के तहत एसएचजी को शामिल करने का कार्य पहले बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों में किया गया है। इसका कवरेज सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की बड़ी संख्या में एसएचजी को सक्षम बनाने के लिए तेजी से बढ़ाया जाएगा जिससे कि वे सरकारी क्रेताओं को अपना उत्पाद बेच सकें।
दीनदयालअनत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम)
- 2011 में स्थापित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (पूर्व में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना) सबसे गरीब और सबसे कमजोर समुदायों को लक्षित करने पर विशेष जोर देता है, क्योंकि यह उनके विकास की बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता को मान्यता देती है। 2015 में इसका नाम बदलकर डीएवाई-एनआरएलएम कर दिया गया था।
- डीएवाई-एनआरएलएम गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण गरीब महिलाओं की जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने के लिए वित्तीय संबंध सुनिश्चित करने और सामाजिक पूंजी का निर्माण कर रहा है।
- यह डिजिटल वित्त, ग्रामीण उत्पादों के चारों और मूल्य श्रृंखला का सृजन, मार्केट पहुंच सुधारने, ग्रामीण उद्यम और सामाजिक विकास मुद्दों और सेवाओं के बारे में जागरूकता का सृजन करने जैसे वित्तीय समावेश के वैकल्पिक चैनलों के लिए नवाचार पर एक महत्वाकांक्षी योजना है।
- इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में कौशल को बढ़ाया जा रहा है और इसके साथ ही वित्त के औपचारिक स्रोतों, पात्रता और सार्वजनिक एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों की सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। यह परिकल्पना की गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं के गहन एवं सतत क्षमता निर्माण से उनके सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक सशक्तिकरण के साथ-साथ विकास भी सुनिश्चित होगा।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक है।
गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम)
- गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) एक 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली सेक्शन 8 कंपनी है जिसकी स्थापना केंद्रीय एवं राज्य सरकार संगठनों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए एक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में की गई है।
- जीईएम सभी केंद्रीय एवं राज्य सरकार मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसई), स्थानीय निकायों एवं स्वायत्तशासी संगठनों के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद का आनलाइन एवं अंतिम रूप से समाधान उपलब्ध कराती है।
- यह प्लेटफार्म खरीद में मानवीय अंतःक्षेपों को घटाता है और पारदर्शी, लागत बचतकारी, समावेशिता एवं चेहरारहित मानकीकृत सार्वजनिक खरीद की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
8. कन्नड़ कवि केएस निसार अहमद का 84 साल की उम्र में निधन
कन्नड़ भाषा के विख्यात कवि और पद्मश्री से सम्मानित के एस निसार अहमद का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। “नित्योत्सव कवि” कहे जाने वाले अहमद का शहर में स्थित उनके आवास पर हुआ है।
- अहमद कैंसर से जूझ रहे थे, जिसके कारण कुछ समय के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। अपनी नित्योत्सव कविता से अहमद घर-घर में प्रसिद्ध हो गए थे। उनकी रचना बाद में एक लोकप्रिय गीत बन गई थी।
- बेंगलुरु ग्रामीण के देवनहल्ली में जन्मे अहमद पेशे से भूगर्भशास्त्री थे। उन्होंने भूगर्भशास्त्र के व्याख्याता के तौर पर बेंगलुरु और शिवमोगा के कॉलेजों में अध्यापन भी किया था।
- अहमद को पद्मश्री, कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत कई पुरस्कार मिले थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि कन्नड़ साहित्य जगत और राज्य के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
9. विश्व तैराकी चैंपियनशिप एक साल के लिए स्थगित
अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (फिना) ने विश्व तैराकी चैंपियनशिप को एक साल के लिए स्थगित कर दिया है अब इसका आयोजन जापान के फुकुओका शहर में 13 से 29 मई 2022 के बीच किया जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (फिना) ने यह जानकारी दी है। चैंपियनशिप को आगे बढ़ाने का फैसला कोविड-19 महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक 2020 को 2021 तक बढ़ाने के बाद लिया गया है।
- विश्व तैराकी चैंपियनशिप का आयोजन इससे पहले 16 जुलाई से एक अगस्त 2021 तक होना था, लेकिन इसकी तारीख ओलंपिक की नई तारीखों से टकरा रही थी। नई तारीखों के अनुसार तोक्यो ओलंपिक अब 23 जुलाई 2021 को शुरू होंगे। सके बाद पैरालंपिक खेल होंगे जो 24 अगस्त से खेले जाएंगे।
- फिना के अध्यक्ष जूलियो मेगलियोन ने कहा, ‘संबंधित हितधारकों के साथ चर्चा और उनका पक्ष जानने के बाद हमें इसमें कोई संदेश नहीं कि इस फैसले से चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ संभावित हालात मिलेंगे।’
- उन्होंने कहा, ‘अभूतपूर्व अनिश्चितता के समय फिना को उम्मीद है कि तारीखों की घोषणा से सभी संबंधित हितधारकों को योजना बनाने में सहायता मिलेगी।’ विश्व चैंपियनशिप में गोताखोरी, ओपन वाटर तैराकी, लयबद्ध तैराकी और वाटर पोलो की स्पर्धाएं भी होती हैं।
10. ऑनलाइन नेशन्स कप में भारत की अगुवाई करेंगे आनंद
दिग्गज शतरंज खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद पांच से दस मई के बीच होने वाली टीम प्रतियोगिता ऑनलाइन नेशन्स कप में भारत की अगुवाई करेंगे। अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) और चेस.कॉम इस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) ने अपनी वेबसाइट से कहा कि इस टूर्नामेंट में रूस, अमेरिका, यूरोप, चीन और भारत के अलावा शेष विश्व की टीम भी भाग लेगी। इसकी इनामी राशि 180,000 डॉलर है। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को पांचवीं वरीयता दी गई है।
- इसमें दुनिया के सभी शीर्ष खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। पहले चरण में छह टीमें डबल राउंड रोबिन में एक दूसरे से भिड़ेंगी। शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें दस मई को सुपर फाइनल में खेलेंगीं। चीन को खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
टीमें इस प्रकार है:
- i) भारत: विश्वनाथन आनंद, विदित गुजराती, पी हरिकृष्णा, कोनेरू हम्पी। रिजर्व : बी अधिबान, डी हरिका। सलाहकार: व्लादीमीर क्रैमनिक।
- ii) चीन: डिंग लीरेन, वांग हाओ, वेई यी, होउ यिफान। रिजर्व : यू यंगि और जू वेनजुन। सलाहकार: ये जियांगचुआन।
- iii) यूरोप: मैक्सिम वाचियर-लाग्रेव, लेवोन आरोनियन, अनीश गिरि, अन्ना मुज़िचुक। रिजर्व: यान क्रिज़्सटॉफ़ डूडा और नाना डेजैनिडेज। सलाहकार: गैरी कास्पारोव।
- iv) रूस: इयान नेपोमनियाचची, व्लादिस्लाव आर्टेमिव, सर्गेई कारजाकिन, अलेक्जेंड्रा गोर्याचकिना। रिजर्व : दिमित्री आंद्रेइकिन और ओल्गा गिर्या। सलाहकार: अलेक्जेंडर मोटलेव।
- v) अमेरिका : फैबियानो कारूआना, हिकारू नाकामुरा, वेस्ली सो, इरिना क्रुश। रिजर्व: लेइनियर डोमिंगुएज़ पेरेज़ और अन्ना ज़ातोनस्की। सलाहकार: जॉन डोनल्डसन।
- vi) शेष विश्व : तैमूर रादजाबोव, अलिरेजा फ़िरोज़ा, बासेम अमीन, मरिया मुज़िचुक। रिजर्व : जॉर्ज कोरी और दिनारा सदुकासोवा। सलाहकार: अर्कडी ड्वोर्कोविच।