प्रतिजन तथा प्रतिरक्षी की पारस्परिक क्रिया के आधार पर लैण्ड स्टीनर ने मानव रूधिर को 4 वर्गों में विभाजित किया। जो निम्न प्रकार है – A, B, AB तथा O।
‘O’ रक्त वर्ग वाला मनुष्य सभी वर्ग वालों को अपना रक्त दे सकते है। अत: इन्हे सर्वदात्राी कहा जाता है।
‘AB’ रक्त वर्ग वाले मनुष्य सभी वर्ग से रक्त ले सकते है अंत: उन्हें सर्वग्राही कहा जाता है।
रक्त वर्ग ‘O’ में लालरूधिर कोशिकाओं की सतह पर प्रतिजन का अभाव होता है। अत: ग्राही की रूधिर के साथ कोर्इ प्रतिक्रिया नहीं होती
रक्त वर्ग ‘AB’ के प्लाज्मा में प्रतिरक्षी का अभाव होता है। अत: दाता के रक्त के साथ कोर्इ प्रतिक्रिया संपत्रा नही होती।
Rh कारक (Rhesus factor) : यह एक प्रकार का प्रतिजन होता है। जो रीसस बन्दरों के रक्त में सर्वप्रथम पाया गया था। Rhकारक की उपस्थिति तथा अनुपस्थिति के आधार पर ही मानव रक्त की Rh-धनात्मक (Rh+) तथा Rh ऋणात्मक (Rh–)कहा जाता है। Rh- कारक शिशु जन्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। यदि शिशु का रक्त Rh+ तथा माता का रक्त Rh– है तो प्रतिरक्षी आक्रमण करने के कारण शिशु की मृत्यु हो सकती है।
- ✔ रक्त एक प्रकार का “तरल संयोजी उत्तक (Fluid connective Tissue)” होता है।
- ✔ मानव शरीर के कुल भार के 07 प्रतिशत मात्रा में रक्त उसके शरीर में मौजूद होता है।
- ✔ सम्पूर्ण शरीर में रक्त का परिसंचरण (Blood Circulation) “हृदय (Heart)” करता है।
- ✔ पी.एच. मान (pH Value) मानव 7.4 रक्त को एक “क्षारीय विलियन (Alkaline Solutions)” बनाता है।
- ✔ मनुष्य के शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग “07 प्रतिशत” होता है।
- ✔ एक मनुष्य के शरीर में लगभग 05-06 लीटर रक्त रहता है।
- ✔ पूरे शरीर में एक बार रक्त संचरण (Blood Circulation) में लगभग 23 सेकेण्ड का समय लगता है।
- ✔ रक्त समूह (Blood Group) की खोज सन् 1901 में “लैण्ड स्टीनर (Karl Landsteiner)” ने किया था।
- ✔ मनुष्य में चार (“A”, “B”, “AB”, “O”) रक्त समूह पाया जाता है।
- ✔ रक्त समूह O : “सर्वदाता (Universal Blood Donor)” कहलाता है।
- ✔ रक्त समूह AB : “सर्वग्राही (Universal Blood Recipient)” होता है।
- ✔ एक स्वस्थ्य मनुष्य का रक्तदाब (Blood pressure) पारे पर “120 / 80mm” होता है।
- ✔ श्वसन में शर्करा (Glucose) का आक्सीकरण होता है।
- ✔ मानव शरीर में होने वाली क्रियाओं का नियमन (Regulation) और नियंत्रण (Control) “तंत्रिका तंत्र (Nervous System)” द्वारा होता है।
- ✔ एक वयस्क मनुष्य में रक्त की औसत मात्रा 05-06 लीटर होता है। महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले 1/2 लीटर रक्त कम होता है।
- ✔ रक्त का मृत तरल भाग ‘प्लाज्मा (Plasma)‘‘ कहलाता है, यह रक्त का लगभग 60 प्रतिशत होता है।
- ✔ प्लाज्मा (Plasma) का 90 प्रतिशत भाग जल (Water), 07 प्रतिशत प्रोटीन (Protein), 0.9 प्रतिशत लवण (Salt) तथा0.1 प्रतिशत भाग ग्लूकोज (Glucose) होता है।
- ✔ पचे हुए भोजन एवं हार्मोन का शरीर में संवहन प्लाज्मा का मुख्य कार्य है।
- ✔ जब प्लाज्मा से फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen) अलग कर दिया जाता है तो शेष बचा हुआ भाग “सेरम (Serum)”कहलाता है।
- ✔ रक्त के 40 प्रतिशत भाग में रूधिकाणु (Blood Corpuscles) पाये जाते हैं, जो कि तीन (03) प्रकारों में – लाल रक्त कण (Red Blood Cell), श्वेत रक्त कण (White Blood Cell), एवं रक्त बिंबाणु (Blood Platelets) में विभक्त हैं ।
- लाल रक्त कण [Red Blood Cells : RBC] –
- ✔ सामान्य अवस्था में आर.बी.सी. (RBC) अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में तथा भ्रूण अवस्था में यकृत (Liver) में निर्मित होता है।
- ✔ आर.बी.सी. (Rec Blood Cell) का जीवनकाल 20 से 120 दिन तक होता है। इसकी मृत्यु यकृत में होती है, अतः यकृत को ” आर.बी.सी. (RBC) का कब्र ” कहा जाता है।
- ✔ आर.बी.सी. में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) पाया जाता है, जिसमें लौह-युक्त रंजक (Pigment) : हीम (Heme) होता है। इसके कारण रक्त का रंग (Blood Color) “लाल (Red)” होता है।
- ✔ हीम (Heme) में विद्यमान लौह युक्त यौगिक “हीमैटिन (Himatin)” कहलाता है।
- ✔ आर.बी.सी. शरीर की सभी कोशिकाओं में आॅक्सीजन (O2) पहूँचाने तथा वहाँ से कार्बन डाइआॅक्साइड (CO2)निकालने का कार्य करता है।
- ✔ “हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)” की अल्प मात्रा रहने पर “रक्त क्षीणता (Anaemia)” रोग हो जाता है।
- ✔ निंद्रा की स्थिति में आर.बी.सी. में 05 प्रतिशत की कमी आती है तथा 4200 मीटर की ऊँचाई तक जाने पर आर.बी.सी. में30 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
- ✔ लाल रक्त कण गोलाकार केन्द्र रहित तथा हीमोग्लोबिन युक्त रक्त कण है।
- ✔ डी.एन.एन. (DNA) का डबल हेलिक्स माॅडल “वाटसन एवं क्रिक (Watson and Crick)” ने बनाया था।
- ✔ लाल रक्त कण का जीवन काल 120 दिन का होता है।
- ✔ लाल रक्त कण का मुख्य कार्य आॅक्सीजन और कार्बन डाईआक्साइड का संवहन करना है।
- श्वेत रक्त कण [White Blood Cells : WBC] –
- ✔ श्वेत रक्त कण (WBC) का निर्माण अस्थिमज्जा, लिम्फ नोड (Lymph Node) तथा कभी-कभी यकृत (Liver) एवं प्लीहा (Spleen) में होता है।
- ✔ डब्ल्यूबीसी का आकार एवं संरचना “अमीबा (Ameba)” की तरह होता है।
- ✔ डब्ल्यूबीसी का जीवनकाल 01 से 04 दिन होता है तथा यह रक्त में ही समाप्त हो जाता है।
- ✔ WBC में केन्द्रक (Nucleus) पाया जाता है, WBC का मुख्य कार्य शरीर की रोगों के संक्रमण से रक्षा करना है।
- ✔ RBC (आरबीसी) एवं WBC (डब्ल्यूबीसी) की उपस्थिति का अनुपात 600:1 होता है।
- ✔ मानव शरीर में डब्ल्यू.बी.सी. (WBC) का जीवनकाल 01-04 दिन का होता है।
- रक्त बिम्बाणु [Blood Platelets Or Thrombocytes] –
- ✔ रक्त बिम्बाणु का निर्माण भी अस्थि-मज्जा (Bone Marrow) में ही होता है। इसमें भी ‘केन्द्रक (Nucleus)‘ अनुपस्थित रहता है।
- ✔ रक्त बिम्बाणु का जीवनकाल 03 से 05 दिन का होता है, इसकी मृत्यु प्लीहा में होती है।
- ✔ रक्त बिम्बाणु (Blood Platelets) का मुख्य कार्य “रक्त का थक्का (Clotting of Blood)” बनाने में मदद करना है।
- ✔ शरीर के ताप को नियंत्रित करना, घावों को भरना, रक्त थक्का बनाना, पचे हुये भोजन उत्सर्जी पदार्थ तथा हारमोनों का संवहन करना आदि रक्त के कार्य हैं
रक्त थक्का [ Clotting of Blood ] –
- ✔ रक्त का थक्का निर्माण तीन (03) चरणों में सम्पन्न होता है, जो इस प्रकार है –
- थ्रोम्बोप्लास्टिन + प्रोथ्रोम्बिन + कैल्शियम = थ्रोम्बिन,
- थ्रोम्बिन + फाइब्रिनोजेन = फाइबरीन,
- फाइबरीन + रक्त रूधिराणु = रक्त का थक्का (Blood Clotting)
- ✔ प्रोथ्रोम्बिन (Prothrombin) तथा फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen) का निर्माण ‘‘यकृत‘‘ में “विटामिन-K (Vitamin-K)”की उपस्थिति में होता है।
- ✔ रक्त थक्का (Blood Clotting) बनाने के लिये अनिवार्य प्रोटीन ‘‘फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen)‘‘ है, थक्का बनाने में 02से 05 मिनट का समय लगता है।
ह्रदय व रक्त :- |
रक्त समूह की खोज किसने की |
कार्ल लैंडस्टीनर |
मानव रक्त में कितने समूह होते हैं |
चार: A,B,AB,O |
कौन सा रक्त सह सर्वग्राही होता है |
AB |
कौन सा रक्त वर्ग सर्वदाता होता है |
O |
मानव रक्त में कितने % प्लाज्मा होता है |
06% |
प्लाज्मा में कितने % जल होता है |
90% |
लाल रक्त कणिकाओं (RBC) का जीवनकाल कितना होता है |
20 दिन |
श्वेत रुधिर कणिकाओं (WBC) का जीवनकाल कितना होता है |
2 से 5 दिन |
RBC की सख्या किस यत्र के द्वारा मापी जाती है |
हीमोसाइटोमीटर |
श्वेत रुधिर कणिकाओं का कार्य क्या है |
शरीर को संक्रामक रोगों से बचाना |
RBC व WBC का शरीर में कितना अनुपात होता है |
600:1 |
कार्ल लैंडस्टीनर को नोबेल पुरस्कार कब मिला |
1930 र्ड़. |
हीमोग्लोबिन में पाए जाने वाला लौह यौगिक कौन सा होता है |
हीमैटिन |
परिसंचरण तत्र की खोज किसने की |
विलियम हार्वे ने 1628 ई. |
मानव शरीर में सामान्य रुधिर दाब कितना होता है |
120mm Hg/80mm Hg |
सामान्यत: मानव शरीर में कितना रक्त होता है |
5-6 लीटर |
हृदय 1 मिनट में कितना रक्त पम्प कर सकता है |
4.5 लीटर |
किस रुधिर वर्ग में एटीबॉडी नहीं पायी जाती है |
AB |
किस रुधिर वर्ग में दोनों एंटीबॉडी पायी जाती है |
O |
RH समूह का पता किस जीव में लगाया गया |
रीसस बंदर में |
रुधिर किस प्रकार का ऊतक है |
तरल संयोजी ऊतक |
लाल रुधिर अणुओं का निर्माण भ्रूणावस्था में कहाँ होता है |
यकृत में |
RBC का निर्माण कहाँ होता है |
अस्थिमज्जा में |
पेशियों में श्वसन वर्णक कौन होता है |
मायोग्लोबिन |
ल्युकीमिया क्या है |
रुधिर कैंसर |
निद्रा के समय RBC की सख्या कितने % कम हो जाती है |
5% |
हृदय के विद्युत परिवर्तन को अंकित कौन करता है |
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) |
रुधिर स्कंदन का समय कितना होता है |
2 से 8 मिनट |
मानव शरीर में रक्त की मात्रा उसके भार के कितने % होती है |
भार का 7% |
शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने पर कौन सा रोग हो जाता है |
रक्त क्षीणता |
प्लाज्मा में कितने % ग्लूकोज होता है |
0.1% |
एंटीबॉडी का मुख्य कार्य किसके विरूद्ध होता है |
संक्रमण के विरूद्ध |
रक्त को शुद्ध करने वाला अग कौन सा है |
वृक्क |
अधिक ऊँचाई पर जाने से मानव शरीर की लाल रक्त कणिकाओं पर क्या प्रभाव पडता है |
उनकी संख्या बढ जाएगी |
शरीर में हीमोग्लोबिन का क्या कार्य है |
ऑक्सीजन का परिवहन |
हीमोग्लोबिन किसका महत्वपूर्ण घटक है |
RBC का |
मानव शरीर में खून किसकी उपस्थिति के कारण नहीं जमता है |
हिपेरिन |
रक्त के जमने में किस तत्व की भूमिका मुख्य होती है |
Ca |
मनुष्य का रुधिर दाब किसके द्वारा मापा जाता है |
स्फिग्मोमेनोमीटर |
मनुष्य के शरीर को एक बार घडकने में कितना समय लगता है |
0.8 सेकेंड |
मानव हृदय में कितने कोष्ठ होते हैं |
4 |
मानव शरीर में रुधिर बैक का कार्य कौन करता है |
तिल्ली/प्लीहा |
सर्वप्रथम रक्त परिसचरण तत्र का अध्ययन किसने किया था |
विलियम हार्वे, ने |
पेसमेकर का संबध किससे है |
हृदय से |
मानव शरीर के शुद्धिकरण की क्रिया क्या कहलाती है |
डायलेसिस |