राजस्थान GK नोट्स

बीकानेर जिला Bikaner District GK

मारवाड़ के राव जोधाजी के सबसे जीवंत और सबसे उद्यमी पुत्र राठौड़ राजकुमार राव बीकाजी ने 1488 एडी में बीकानेर की स्थापना की थी। रेत और चिलचिलाती धूप का एक विशाल विस्तार। एक शुष्क, चट्टानी स्क्रबलैंड। यह एक ऊंचा मैदान पर स्थित है, जो पांच फाटकों द्वारा चिह्नित सात किलोमीटर लंबी ठनी हुई दीवार से घिरा हुआ है । कठोर रेगिस्तान इस अमीर शहर के चारों ओर से घेरे, इसमें कोई शक नहीं कि कुछ साहस इकट्ठा करने के लिए दुनिया के इस हिस्से में उद्यम सकता है ।

1. महत्वपूर्ण तथ्य

  • बीकानेर जिले का कुल क्षेत्रफल = 27,244 किमी²
  • बीकानेर जिले की जनसंख्या (2011) = 23,67,745
  • बीकानेर जिले का संभागीय मुख्यालय = बीकानेर

2. भौगोलिक स्थिति

  • भौगोलिक स्थिति: 28°01′ N 73°18′ E
  • बीकानेर जिला राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है।
  • बीकानेर के उत्तर में गंगानगर तथा फिरोजपुर, पश्चिम में जैसलमेर, पूर्व में नागौर एंव दक्षिण में जोधपुर स्थित है।
  • यहां की जलवायु सूखी, पंरतु अधिकतर अरोग्यप्रद है। गर्मी में अधिक गर्मी और सर्दी में अधिक सर्दी पडना यहां की विशेषता है।
  • इसी कारण मई, जून और जुलाई मास में यहां लू (गर्म हवा) बहुत जोरों से चलती है, जिससे रेत के टीले उड़-उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर बन जाते हैं।

3. इतिहास

  • बीकानेर राजस्थान का एक नगर तथा पुरानी रियासत था। बीकानेर शहर भूतपूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी था।
  • लगभग सन् 1465 ई. में राठौर जाति के एक राजपूत सरदार बीका ने अन्य राजपूत जातियों का भूभाग जीतना प्रारंभ किया। सन् 1488 ई. में उन्होंने बीकानेर शहर का निर्माण प्रारंभ किया।
  • 18वीं शाताब्दी में मुग़लों के पतन के साथ ही बीकानेर और जोधपुर की रियासतों में बार-बार लड़ाईयाँ होती रहीं। सन् 1818 ई. में एक संधि हुई, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व की स्थापना की और रियासत में ब्रिटिश सेना पुनर्व्यवस्था ले आई।
  • राज्य की सैन्य सेवा में बीकानेरी ऊँट सवार सेना शामिल है, जिसने बक्सर विद्रोह (1900) के दौरान चीन और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मध्य-पूर्व में ख्याति अर्जित की थी।
  • स्वाधीनता के उपरान्त बीकानेर रियासत भारत में विलीन हो गयी। पुराना बीकानेर थोड़े उठे हुए मैदान पर स्थित है और पाँच द्वारों के साथ-साथ सात किलोमीटर लंबी पंक्तिबद्ध दीवार से घिरा हुआ है।

4. कला एवं संस्कृति

  • यह राजस्थानी परंपरा एवं संस्कृति की छाप छोड़ने वाले एक संभाग है ।
  • राजस्थानी चित्रकला की एक प्रभावी शैली का जन्म बीकानेर से हुआ जो राजस्थान का दूसरा बड़ा राज्य था।
  • हिंदु एंव जैन धर्म को मानने वाले लोग की संख्या सबसे अधिक है। सिख और इस्लाम धर्म को मानने वाले भी अच्छी संख्या में है। यहां ईसाई एवं पारसी धर्म के अनुयायी बहुत कम हैं।
  • मारवाड़ शैली से सम्बन्धित बीकानेर शैली का सर्वाधिक विकास अनूप सिंह के शासन काल में हुआ।

5. शिक्षा

  • बीकानेर में राजस्‍थान राज्‍य का शिक्षा निदेशालय स्थित है।
  • महाविद्यालय शिक्षा अकादमिक स्‍तर पर देखा जाए तो तीन महाविद्यालय मुख्‍य रूप से बीकानेर में है। एक है महारानी सुदर्शना महाविद्यालय और दूसरा है राजकीय डूंगर महाविद्यालय। तीसरा है गंगा शार्दुल राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय ।
  • इसके अलावा कई वोकेशनल कोर्सेज और डिग्री कॉलेज भी यहां है।
  • बीकानेर में तकनिकी शिक्षा के लिए एक सरकारी इंजीनियरिंग, डिप्लोमा कॉलेज एवं अन्य निजी संस्थान है

6. खनिज एवं कृषि

  • अधिकांश हिस्सा अनुपजाऊ एंव जलविहीन मरुभूमि का एक अंश है। जगह-जगह रेतीले टीलें हैं जो बहुत ऊँचे भी हैं। बीकानेर का दक्षिण-पश्चिम में मगरा नाम की पथरीली भूमि है जहां अच्छी वर्षा हो जाने पर किसी प्रकार पैदावार हो जाती है।
  • यहां अधिकांश भागों में खरीफ फसल होती है। ये मुख्यत: बाजरा, मोठ, ज्वार,तिल और रुई है। रबी की फसल अर्थात गेंहु, जौ, सरसो, चना आदि केवल पूर्वी भाग तक ही सीमित है।
  • बीकानेर में कोई नदी न होने के कारण मुख्यत: नहरे, गहरे नलकूपों से ही सिंचाई की जाती है।
  • बाजरा, ज्वार और दलहन यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं।
  • यहां तरबूज की अच्छी कि बहुतायत से होती है। अब नहरों के आ जाने के कारण नारंगी, नींबू, अनार, अमरुद, आदि फल भी पैदा होने लगे हैं।

7. प्रमुख स्थल

  • बीकानेर जिले के दर्शनिय स्थलों में देशनोक करनी माता का मन्दिर है जो बीकानेर के बसने से पहले बना है। यह मन्दिर चुहो के मन्दिर के नाम से प्रसिद है
  • बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेख़ागार देश के सबसे अच्‍छे और विश्‍व के चर्चित अभिलेख़ागारों में से एक है। इस अभिलेख़ागार की स्‍थापना सन् 1955 ई. में हुई और यह अपनी अपार व अमूल्‍य अभिलेख़ निधि के लिए प्रतिष्ठित है
  • ऊँटों का उत्सव, ऊँटों की दौड़, ऊँटों की कलाबाज़ी, नृत्य व दूध देने की प्रतिस्पर्धा का एक दर्शनीय त्योहार है, जो इस समारोह का एक हिस्सा होता है।
  • बीकानेर की होली का सबसे आकर्षण का केंद्र होता है पुष्करणा ब्राह्मण समाज के हर्ष व व्यास जाति के बीच खेला जाने वाला डोचली पानी का खेल। ‘डोलच’ चमड़े का बना एक ऐसा पात्र है जिसमें पानी भरा जाता है।
  • होली से कई दिन पूर्व शुरू होने वाला रंगों का यह त्योहार विशेष रूप से दर्शनीय है। बीकानेर में होली का त्योहार नौ दिन तक मनाया जाता है।

8. नदी एवं झीलें

  • बीकानेर में कोई नदी न होने के कारण मुख्यत: नहरे, गहरे नलकूपों से ही सिंचाई की जाती है।
  • बीकानेर में गजनेर झील है

9. परिवहन और यातायात

  • बीकानेर यह जोधपुर, जयपुर, दिल्ली, नागौर और गंगानगर से रेलमार्ग और सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
  • बीकानेर ज़िले की सीमा जहाँ चूरू, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर व जैसलमेर की सीमा को छूती है, वहीं अन्तरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से मिलती है।
  • बीकानेर का सबसे नज़दीकी हवाईअड्डा जोधपुर में है।

10. उद्योग और व्यापार

  • पशु पालन यहां का मुख्य पेशा है। परीज़ादे और राढ जाति के मुसलमान इस धंधे में लिप्त है।
  • भेड़ो की अधिकता के कारण यहां ऊन बहुत होता है, जिसके कबंल, लाईयां आदि ऊनी समान बहुत अच्छे बनते है। यहां के गलीचे एवं दरियां भी प्रसिद्ध है।
  • हाथी दांत की चूड़ियाँ, लाख की चूड़ियाँ तथा लाख से रंगी हुई लकड़ी के खिलौने तथा पलंग के पाये, सोने-चाँदी के ज़ेवर, ऊँट के चमड़े के बने हुए सुनहरी काम के तरह-तरह के सुन्दर कुप्पे, ऊँटो की काठियां, लाल मिट्टी के बर्त्तन आदि यहां बहुत अच्छे बनाए जाते हैं।
DsGuruJi Homepage Click Here