1. महत्वपूर्ण तथ्य
- भीलवाड़ा जिले का कुल क्षेत्रफल = 10,455 किमी²
- भीलवाड़ा जिले की जनसंख्या (2011) = 24,10,459
- भीलवाड़ा जिले का संभागीय मुख्यालय = अजमेर
2. भौगोलिक स्थिति
- भौगोलिक स्थिति: 25.35°N 74.63°E
- भीलवाड़ा राजस्थान प्रान्त का एक शहर है।
- यह शहर 11 वीं शताब्दी से भी पुराना माना जाता हैं।
- कर्नल जेम्सटॉड ने अपनी पुस्तक एनाल्स एण्ड एंटीक्वीटीज ऑफ राजस्थान में इसका उल्लेख किया हैं।
- भीलवाडा सूती वस्त्र उद्योग का एक प्रमुख केन्द्र हैं।
- 1948 में राजस्थान का भाग बनने से पूर्व भीलवाडा भूतपूर्व उदयपुर रियासत का एक हिस्सा था।
3. इतिहास
- भीलवाड़ा शहर दक्षिण-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है।
- भीलवाड़ा की स्थापना क़रीब 300 से 400 साल पहले हुई थी।
- भीलवाड़ा के शासकों में निरंतर युद्ध हुए इसलिए इसे कई बार उजड़ना पड़ा।
- एक समय में यहाँ भीलों की बड़ी तादात पाई जाती थी। इसी कारण इस स्थान का नाम भीलवाड़ा पड़ा।
- इसके आसपास का क्षेत्र ऊँचा और पठारी है। जिसकी ढलान वनाच्छादित पर्वतीय पूर्वोत्तर की ओर है।
- 1948 में राजस्थान का भाग बनने से पूर्व भीलवाडा भूतपूर्व उदयपुर रियासत का एक हिस्सा था।
4. कला एवं संस्कृति
- यह राजस्थानी परंपरा एवं संस्कृति की छाप छोड़ने वाले एक संभाग है ।
- भीलवाड़ा में सभी पर्व हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाये जाते हैं ।
5. शिक्षा
- यहाँ राजस्थान विश्वविद्यालय से संलग्न अनैक महाविद्यालय हैं
- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा हेतु सरकारी एवं निजी क्षेत्र की कई अच्छी स्कूल हैं
- भीलवाड़ा में तकनिकी शिक्षा के लिए एक सरकारी इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा कॉलेज है
- राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एम.एल.वी. राजकीय महाविद्यालय, एम. एल. वी. टेक्सटाइल और एस. एम. एम. कन्या महाविद्यालय समेत कई महाविद्यालय है।
6. खनिज एवं कृषि
- गेहूँ, मक्का और कपास यहाँ की प्रमुख फ़सलें है।
- यहाँ ईधन और कोयला बिक्री योग्य उत्पाद है। जब कि बेरीलियम, अभ्रक व अयस्क का भी काम होता है।
7. प्रमुख स्थल
- हर्नी महादेव भीलवाड़ा के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। विशाल पत्थर के नीचे शिवलिंग स्थापित है। शिवरात्रि के अवसर पर यहाँ तीन दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है
- मेनल भीलवाड़ा-कोटा मार्ग पर स्थित है। यहाँ एक ख़ूबसूरत वॉटर फॉल (जल प्रपात) है।
- जोगनिया माता काफ़ी प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आठवीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण किया गया।
- त्रिवेनी भीलवाड़ा शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। त्रिवेनी में तीन नदियां बार्ड, मनाली और बादच्च आपस में मिलती है।
- मंडलगढ़ क़िला भीलवाड़ा से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क़िला एक किलोमीटर लंबा है।
- शाहपुरा का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में विशेष योगदान रहा है। यह अंतर्राष्ट्रीय रामसनेही सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र था। शाहपुरा यहाँ स्थित सात सौ साल पुरानी पेंटिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।
8. नदी एवं झीलें
- बनास, बेडच, कोठारी, खारी, मानसी, मैनाली, चन्द्रभागा एवं नागदी प्रमुख भीलवाड़ा में बहने वाली नदियां हैं
- मेझा झील भीलवाड़ा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
9. परिवहन और यातायात
- भीलवाड़ा कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, उदयपुर, इंदौर, खांडवा, रतलाम, जयपुर, अमजेर और अहमदाबाद आदि रल द्वारा पहुँचा जा सकता है।
- भीलवाड़ा का सबसे नज़दीकी हवाईअड्डा उदयपुर में है। यह 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 4 पर स्थित है। दिल्ली, उदयपुर, जयपुर, अजमेर और अहमदाबाद, जोधपुर, कोटा आदि से भीलवाड़ा के लिए सीधी बस सेवा है।
10. उद्योग और व्यापार
- भीलवाडा, राजस्थान के प्रमुख औद्योगिक शहरों में से एक है।
- भीलवाड़ा को टैक्सटाइल सिटी ऑफ़ इंडिया के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर बड़ी संख्या में टैक्सटाइल उद्योग लगे हुए हैं
- भीलवाड़ा में कपड़ों के प्रमुख ब्रांड जैसे बीएसएल, मयूर सूटिंग और सुजूकी सूटिंग का उत्पादन होता है।
- भीलवाडा के उद्योगों में सूती वस्त्रों, हथकरघा और होजरी और धातु के बर्तन (विशेषकर टिन के बर्तन) बनाने के उद्योग शामिल है।