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बेगू किसान आंदोलन Begue Kisan Movement

बेगू किसान आंदोलन

🔅 बेगूँ आंदोलन *बिजोलिया किसान आंदोलन* की देन है बिजोलिया किसान आंदोलन से प्रोत्साहित होकर *बेगू के किसानों* ने भी अत्याधिक *लाग,बाग, बैठ बेगार एवं लगान*के विरोध में आंदोलन करने का निर्णय लिया *बेगूँ किसान आंदोलन*की शुरुआत *1921 में मेनाल (भीलवाडा) के भेरु कुंड* नामक स्थान से हुई थी इस आंदोलन का *नेतृत्व श्रीराम नारायण चौधरी* ने किया था बेगू भी मेवाड़ रियासत का *प्रथम श्रेणी* का ठिकाना था वर्तमान में *बेगू चित्तौड़गढ़ जिले*में स्थित है बेगू किसानों ने अपने *जागीरदार के विरुद्ध*आंदोलन शुरू किया था ठाकुर *अनूप सिंह के द्वारा लगान में वृद्धि*किए जाने के विरोध में आंदोलन किया गया था बेगू आंदोलन की *धाकड़ जाति के किसानों* द्वारा किया गया था

🔅 किसानों ने *श्री रामनारायण चौधरी के नेतृत्व*में निर्णय किया कि *फसल का कूँता* नहीं कराया जाएगा सरकारी कार्यालयों और अदालतो*ं का बहिष्कार किया जाएगा *मई 1921* में बेगूँ ठीकाने के कर्मचारियों ने *चांदखेड़ी* नामक स्थान पर सभा में किसानों पर *अमानुषिक व्यवहार* किया 2 वर्षों के संघर्ष के बाद *1923 में बेगू के किसानों और ठाकुर अनूप सिंह* के मध्य *समझोता* हो गय मेवाड़ के महाराजा ने इस समझौते को *बोल्शेविक*की संज्ञा दी बोल्शेविक एक *रूसी शब्द* है इसका अर्थ *बहुमत*होता है इस आंदोलन के लिए *ट्रेंच आयोग का गठन* किया गया था लेकिन ट्रेंच आयोग ने *बिना जांच के* ही रिपोर्ट पेश कर दी थी इस *ट्रेच आयोग का (जांच का)*किसानो ने *बहिष्कार* किया

🔅 1923 में पारसोली (भीलवाड़ा)* नामक गांव में ठाकुर अनूप सिंह मैं किसानों की मांगों को स्वीकार कर लिया था 13 जुलाई1923* में किसानों ने स्थिति की पूर्नसमीक्षा के लिए *गोविंदपुरा गांव* में एक आम सभा का आयोजन किया गया इस *अहिंसक आम सभा*पर *13 July 1923 ट्रेंच* के आदेशानुसार लाठी चार्ज कर *गोलियां* चलाई गई इस गोलीबारी में *रूपा जी व कृपा जी* नामक *दो किसान शहीद*हुए इस *अमानवीय कृत्य*की निंदा राष्ट्रीय स्तर तक हुई इस घटना के बाद इस आंदोलन का *नेतृत्व विजय सिंह पथिक* जी ने स्वयं संभाला

🔅 आंदोलन के कारण बन रहे दबाव के फलस्वरुप *बंदोबस्त व्यवस्था लागू* करके *lagaan की दरें कम* की गई और अधिकांश लागें वापस ली गई व *बेगार प्रथा*को समाप्त किया गयाविजय सिंह पथिक जी को *10 सितंबर 1923*को गिरफ्तार किया गया *साढे 3 वर्ष* के कारावास और *15000 के आर्थिक* जुर्माने से दंडित किया गया पथिक जी की *गिरफ्तारी के बाद* ही आंदोलन समाप्त हो गया

🔅 बेगू किसान आंदोलन को दबा दिया गया लेकिन इस आंदोलन से *किसानों व जनता में राष्ट्रीय चेतना*की दृष्टि से और अधिक *जाग्रति* है किसानों ने *विजय सिह पथिक को आंदोलन का नेतृत्व* करने के लिए आमंत्रित किया था पथिक जी द्वारा *राजस्थान सेवा संघ के मंत्री राम नारायण चौधरी*को बेगू आंदोलन का नेतृत्व सौंपा गया था बेगूँ आन्दोलन जैसा *अत्याचार धंगडमउ, भंडावरी* में भी हुआ था मेवाड रियासत के *पारसोली, काछोला गॉव* में भी किसानों ने *भ्रष्टाचार के विरोध* आंदोलन किया था

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