1. महत्वपूर्ण तथ्य
- बांसवाड़ा जिले का कुल क्षेत्रफल = 5037 किमी²
- बांसवाड़ा जिले की जनसंख्या (2011) = 17,98,194
- बांसवाड़ा जिले का संभागीय मुख्यालय = उदयपुर
2. भौगोलिक स्थिति
- बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित एक शहर है।
- बांसवाड़ा की भौगोलिक स्थिति: 23°33′N 74°27′E / 23.55°N 74.45°E
- यह गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा के निकट है।
- बासंवाडा जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग मे गुजरात/मध्य प्रदेश की सीमा से लगता हुआ जिला है। इसे राजस्थान का चेरापूंजी भी कहा जाता है।
- बांस के वनों की अधिकता के कारण इसका नाम बांसवाड़ा पड़ा।
- बांसवाड़ा के प्रमुख कस्बे कुशलगढ़, परतापुर, बागीदौरा, घाटोल, अरथुना हॆ.
3. इतिहास
- इस क्षेत्र का गठन 1530 में बांसवाड़ा रजवाड़े के रूप में किया गया था और बांसवाड़ा शहर इसकी राजधानी था।
- 1948 में राजस्थान राज्य में विलय होने से पहले यह मूल डूंगरपुर राज्य का एक भाग था।
- जिले का मुख्यालय बांसवाड़ा है और भूतपूर्व बांसवाड़ा रियासत के प्रथम प्रमुख जगमाल द्वारा अथवा भील सरदार बांसिया भील द्वारा बसाया गया बताया जाता है।
- इसे “सौ द्वीपों का नगर” भी कहते हैं क्योंकि यहाँ से होकर बहने वाली माही नदी में अनेकानेक से द्वीप हैं।
4. कला एवं संस्कृति
- बांसवाड़ा में मुख्यतः वागडी भाषा बोली जाती हॆ
- बांसवाड़ा मुख्यतया आदिवासी क्षेत्र में स्थित है
- धार्मिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह शहर अब राजस्थान के खूबसूरत और मनोहारी शहरों में गिना जाने लगा है।
- मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर शताब्दियों से विशिष्ट शक्ति साधकों का प्रसिद्ध उपासना केन्द्र रहा है। इस शक्तिपीठ पर दूर-दूर से लोग आकर शीष झुकाते है। नवरात्रि पर्व पर इस मंदिर के प्रागण में प्रतिदिन विशेष कार्यक्रम होते है, जिन्हें विशेष समारोह के रूप में मनाया जाता है।
5. शिक्षा
- यहाँ सुखाड़िया विश्वविद्यालय से संलग्न अनैक महाविद्यालय हैं
- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा हेतु सरकारी स्कूल ही प्रमुख हैं
6. खनिज एवं कृषि
- बांसवाड़ा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि एवं खनन पर आधारित है।
- मार्बल, सोना एवं अन्य खनिज बांसवाड़ा के मुख्य खनिज हैं
7. प्रमुख स्थल
- राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 14 किलोमीटर दूर तलवाड़ा ग्राम से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची रौल श्रृखलाओं के नीचे सघन हरियाली की गोद में उमराई के छोटे से ग्राम में माताबाढ़ी में प्रतिष्ठित है मां त्रिपुरा सुंदरी।
- शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुन्दरी पड़ा।
- गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक त्रिपुरा सुन्दरी के उपासक थे।
- अब्दुल्ला पीर दरगाह निकटस्थ ग्राम भवानपुरा में स्थित है। इस स्थान पर प्रतिवर्ष बोहरा जाति के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं।
- माही परियोजना बांध की नहरों में पानी वितरण के लिए शहर के पास निर्मित कागदी पिक-अप-वियर है जो सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
8. नदी एवं झीलें
- झीलें: आनंद सागर झील
- नदियाँ : माही नदी
9. परिवहन और यातायात
- बांसवाड़ा पहुँचने के लिए सबसे बेहतर विकल्प सड़क मार्ग है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से निजी वाहन द्वारा भी उदयपुर या अहमदाबाद होते हुए बांसवाड़ा पहुँचा जा सकता है।
- बांसवाड़ा अभी तक रेल मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन प्रस्तावित है
- निकटतम हवाई अड्डा, उदयपुर एवं अहमदाबाद है ।
10. उद्योग और व्यापार
- जंगल बहूतायत हॆ, लकडी, वनस्पति प्रचुर मात्रा में हॆ
- बांसवाड़ा में खनन एवं कपड़ा उद्योग एक प्रमुख व्यवसाय है