1. महत्वपूर्ण तथ्य
- अलवर जिले का कुल क्षेत्रफल = 8380 किमी²
- अलवर जिले की जनसंख्या (2011) = 36,71,999
- अलवर जिले का संभागीय मुख्यालय = जयपुर
- अलवर का प्राचीन नाम शाल्वपुर था।
2. भौगोलिक स्थिति
- भौगोलिक स्थिति: उत्तर- 27°20 – पूर्व- 76°23
- यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा भी है।
- अरावली पर्वत श्रेणियों की तलहटी में बसा अलवर पूर्वी राजस्थान में ‘काश्मीर’ नाम से जाना जाता है तथा पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है।
- अलवर को राजस्थान का ‘सिंहद्धार’ भी कहा जाता है
- अलवर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 170 कि.मी. की दूरी पर है।
3. इतिहास
- अलवर एक ऐतिहासिक नगर है और इस क्षेत्र का इतिहास महाभारत से भी अधिक पुराना है।
- महाभारत युद्ध से पूर्व यहाँ राजा विराट के पिता वेणु ने मत्स्यपुरी नामक नगर बसा कर उसे अपनी राजधानी बनाया था।
- आधुनिक अलवर की स्थापना जयपुर के प्रतापसिंह द्वारा की गयी है ।
- भारतीय संस्कृति का परचम फहराने वाले स्वामी विवेकानन्द अलवर में पहली बार वर्ष 1891 ई. में आए।
- स्वामी विवेकानंद अलवर में दो बार आए थे। पहली बार वे 28 फ़रवरी 1891 में अलवर आए और पूरे एक महीने तक यहाँ रहे तथा दूसरी बार में 1897 ई. में अलवर आए थे।
4. कला एवं संस्कृति
- अलवर में मुख्यतया हिंदी, राजस्थानी या खड़ी बोली बोली जाती है ।
- अलवर का मिल्क केक भी बहुत प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग इसे कलाकंद के नाम से पुकारते हैं।
- अलवर के लोगों और संस्कृति उनकी समृद्धि और विविधता के लिए जाना जाता है।
- अलवर संगीत, नृत्य, कला और स्थापत्य कला में समृद्ध है कि एक रंगीन शहर है।
- यह ऐतिहासिक किलों, महलों और हवेलियों की एक बड़ी संख्या के लिए घर है ।
- अलवर में भपंग वाद्ययंत्र राजस्थानी लोकगीत की पहचान है। यह मेवाती संगीत संस्कृति की धरोहर है। भपंग वाद्ययंत्र के उस्ताद जहुर खान मेवाती माने जाते है।
- अलवर से मनपसंद आभूषणों की खरीदारी की जा सकती हैं।यहाँ की हाथ की बनी हुई पायल बहुत प्रसिद्ध है।
5. शिक्षा
- अलवर उत्तरी राजस्थान में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र हैं
- यहाँ राजस्थान विश्वविद्यालय संलग्न अनैक महाविद्यालय हैं
- यहाँ उच्च शिक्षा हेतु अनैक महाविद्यालय एवं निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं
- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा हेतु सरकारी एवं निजी क्षेत्र की कई अच्छी स्कूल हैं
6. खनिज एवं कृषि
- अलवर एक कृषि विपणन और यातायात केंद्र है।
- यहाँ वस्त्र निर्माण, तिलहन तथा आटा मिलें एवं पेंट, वार्निश व मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थित हैं।
7. प्रमुख स्थल
- फतहगंज गुम्बद: फतहगंज का मकबरा पाँच मंजिला है और दिल्ली में स्थित अपनी समकालीन सभी इमारतों में सबसे उच्च कोटि का है।
- सिटी पैलेस: सिटी पैलेस एक खूबसूरत परिसर है: गेट के पीछे एक मैदान में कृष्ण मंदिर हैं। इसके बिल्कुल पीछे मूसी रानी की छतरी और अन्य दर्शनीय स्थल हैं।
- बाला किला: सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है। इसके ऊपर अरावली की पहाड़ियाँ हैं, जिन पर बाला किला बना है।
- सिलीसेड झील अलवर की सबसे प्रसिद्ध और सुन्दर झील है।
- जय समन्द झील: शहर के सबसे करीब जय समन्द झील है। इसका निर्माण अलवर के महाराज जय सिंह ने 1910 में पिकनिक के लिए करवाया था।
- नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें हिन्दी, संस्कृत और फ़ारसी पांडुलिपियाँ तथा राजस्थानी व मुग़ल लघु चित्रों का संग्रह रखा गया है।
8. नदी एवं झीलें
- झीलें: सिलीसेड झील, जयसमन्द झील
- नदियाँ : अरवारी, भागनी, रूपारेल, सरसा नदी
9. परिवहन और यातायात
- अलवर जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग पर एक प्रमुख स्टेशन है
- रेलमार्ग के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से निजी वाहन द्वारा भी जयपुर होते हुए अलवर पहुँचा जा सकता है।
- सरिस्का दिल्ली-अलवर-जयपुर हाइवे पर स्थित है। जयपुर से सरिस्का जाने के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसों की व्यवस्था है।
- अलवर जयपुर से 143 किलोमीटर और दिल्ली से 164 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
- निकटतम हवाई अड्डा, जयपुर है एवं दिल्ली है ।
10. उद्योग और व्यापार
- यहाँ वस्त्र निर्माण, तिलहन तथा आटा मिलें एवं पेंट, वार्निश व मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग स्थित हैं।
- नीमराना अलवर का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है
- नीमराना में अनैक मोटर, मशीन एवं अन्य उद्योग स्थित हैं।
- माइनिंग एक प्रमुख उद्योग है