सिरका व खाने के सोडे का यदि घोल बनाया जाये तो इन दोनों पदार्थो की रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप कार्बनडाई ऑक्साइड गैस बनती है जो बुलबुलों के रूप में बनती हुई दिखाई देती है। जब इस घोल के पास जलती हुई माचिस की तीली ले जाई जाती है तो यह बुझ जाती है क्योंकि कार्बनडाई ऑक्साइड गैस आग बुझाने में सहायक होती है।
सिरका व खाने के सोडे के घोल के पास यदि जलती हुई माचिस की तिली ले जाते हैं तो वह क्यों बुझ जाती है?
DsGuruJi Homepage | Click Here |