किसी वस्तु से उत्सर्जित ऊष्मा की दर उसकी सतह के क्षेत्रफल के अनुक्रमानुपाती होती है और किसी दिये हुए आयतन के लिए गोले का क्षेत्रफल न्यूनतम होता है, अतः ठंड से बचने के लिए जंतु अपने आपको समेटकर गोलाकार बना लेते हैं जिससे ऊष्मा की हानि न्यूनतम होती है।