यदि बूँदें छोटी हैं तो गुरुत्वीय बल का मान नगण्य होता है अतः पृष्ठ-तनाव के साथ-साथ गुरुत्वीय बल भी कार्य करता है। गुरुत्वीय बल बूँद के गुरुत्व केंद्र को यथासंभव निम्नतम स्थिति में लाना चाहता है। अतः बड़ी बूँदें कुछ चपटी हो जाती है।
पारे की छोटी बूंदें गोल तथा बड़ी बूँदें चपटे होती हैं। क्यों?
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