नल के नीचे रखी बाल्टी एक वायु कोष्ठक या एसर कॉलम की भांति कार्य करती है जब नल से पानी बाल्टी में गिरता है तो आवृति की विभिन्न तरंगें उत्पन्न होती है। बाल्टी में उपस्थित वायु कोष्ठक एक अनुनादक की भाँति व्यवहार करता है पानी गिरने से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों में से एक विशेष आवृति की तरंग इसमें से अनुनादित होकर उच्च तीव्रता के साथ सुनाई देती है। अनुनादित तरंग की आवृति प्रायः वायु कोष्ठक की ऊँचाई पर निर्भर करती है जैसे-जैसे बाल्टी में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है वैसे-वैसे बाल्टी में वायु कोष्ठक की ऊँचाई में भी परिवर्तन होता है उधर अनुनादित तरंग की आवृति में भी निरंतर परिवर्तन होता रहता है जिससे बाल्टी से निकलने वाली आवाज भी हमें हमेशा बदलती हुई सुनाई देती है।
नल से बाल्टी में गिरते पानी की आवाज प्रति पल क्यों बदलती रहती है?
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