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ग्रेच्युटी पर आयकर छूट की सीमा दोगुनी होकर 20 लाख रु

सरकार ने कर-मुक्त ग्रेच्युटी आय सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। इस कदम से जनता के साथ-साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी लाभ होगा।

ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी नियोक्ता द्वारा उसके कर्मचारी को रोजगार की अवधि के दौरान उसके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लिए प्रदान किया गया मौद्रिक लाभ है। ग्रेच्युटी का लाभ उठाने के लिए एक संगठन के साथ न्यूनतम पांच साल की सेवा अनिवार्य है।

ग्रेच्युटी एक्ट 1972 का भुगतान नियोक्ताओं को छोड़ने के समय अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य बनाता है, बशर्ते कुछ शर्तें पूरी की गई हों।

एक संगठन पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट 1972 के दायरे में आता है, अगर उसके 12 महीने से पहले के किसी भी दिन 10 या उससे अधिक कर्मचारी हैं। ग्रेच्युटी एक्ट का भुगतान ‘वन्स कवर, ऑलवेज कवर्ड’ के नियम का पालन करता है, जिसका अर्थ है कि एक बार एक संगठन अधिनियम के तहत आता है, तो यह हमेशा कवर रहेगा भले ही कर्मचारियों की संख्या 10 से कम हो जाए।

वित्त मंत्रालय ने अब आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (10) (iii) के तहत ग्रेच्युटी के लिए आयकर छूट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है।

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