लाल मिट्टी के घड़े में पानी ठंडा होने का मुख्य कारण सरंध्र होना है। इसके छिद्रों से पानी रिसता रहता है एवं मटके के बाहरी सतह को गीला रखता है। बाहरी सतह पर ये पानी वाष्पित होता रहता है। वाष्पन के लिए आवश्यक ऊष्मा का अवशोषण मटके के अन्दर भरे पानी से करता है जिससे अन्दर के पानी का ताप कम हो जाता है और पानी ठंडा हो जाता है।
जबकि चिकने घड़े में रंध्र नहीं होने से यह क्रिया सम्पन्न नहीं होती तपा पानी ठंडा नहीं होता है|
गर्मियों में चिकनी काली मिट्टी के घड़े में पानी ठंडा नहीं होता जबकि लाल मिट्टी के घड़े में पानी ठंडा हो जाता है। क्यों?
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