हमारे शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिये अन्तःकर्ण के भीतरी हिस्से में तीन अर्धवृत्ताकार नलिकायें होती है जिनकी दीवारों पर सूक्ष्म रोम होते है| इन नलिकाओं में द्रव भरा होता है। सामान्य अवस्था में यह द्रव स्थिर रहता है किन्तु गोल-गोल घुमने पर यह द्रव भी गति करने लगता है तथा सूक्ष्म रोमों द्वारा यह आवेश तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक पहुँच जाता है। जिससे रुकने के बाद भी कुछ समय तक गतिशील रहता है। इसलिए ऐसा लगता है जैसे चक्कर आ रहे हों।
एक ही जगह गोल घुमने के बाद रुक जाने पर भी चक्कर क्यों आते हैं?
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