ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब चकती तेजी के साथ घूम रही होती है तो हमारी आँखों के लिये रंगों को अलग-अलग देख पाना सम्भव नहीं होता है। हमें तो रंगों का एक मिला-जुला प्रभाव ही नजर आता है और चूँकि ये सारे वे ही रंग है जो सूर्य के प्रकाश में समाये रहते हैं। अतः इसका मिलाजुला प्रभाव भी वैसा ही होता है, रंगहीन बिलकुल सफ़ेद।
एक गत्ते की चकती जिस पर क्रमशः लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, बैंगनी रंग किया हुआ है। इसे तेजी से घुमाने पर हमें रंगहीन क्यों दिखाई देती है?
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