गंध वाली वस्तु के सूक्ष्म कण वायु के साथ नाक में प्रवेश करते हैं तो घ्राण कोशिकायें इस गंध को ग्रहण करती है। गंध का उद्दीपन, तंत्रिकाओं द्बारा मस्तिष्क में पहुँचता है और हमें गंध का ज्ञान होता है परन्तु सर्दी-जुकाम होने पर श्लेष्मा झिल्ली में सूजन आ जाने के कारण घ्राण कोशिकायें गंध के उद्दीपन को ग्रहण नहीं कर पाती है। इसलिए हमें गंध का ज्ञान स्पष्ट रूप से नहीं हो पाता है।
सर्दी -जुकाम होने पर हमें गंध का ज्ञान स्पष्ट रूप से क्यों नहीं होता है?
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