समतल दर्पण के समान्तर रखी किसी आकृति का दांया भाग बांया और बांया भाग दांया दिखाई देने का मुख्य कारण पार्श्व परावर्तन है। जब हम स्वयं दर्पण के सामने अर्थात समान्तर खड़े होते है तो पार्श्व परावर्तन के कारण दांया भाग बाँई ओर तथा बांया भाग दांई ओर दिखाई देता है। इसी तरह दर्पण को जमीन पर रखकर उसके लम्बवत पेन खड़ा करने पर भी दर्पण में उल्टा प्रतिबिम्ब भी पार्श्व परावर्तन के कारण ही बनता है।
समतल दर्पण को जमीन पर रखकर उसके लम्बवत पेन खड़ा करके देखने पर प्रतिबिम्ब उल्टा दिखाई देता है या जब हम समतल दर्पण में स्वयं का प्रतिबिम्ब देखते है तो प्रतिबिम्ब में दांया भाग बायीं ओर तथा बांया भाग दांयी ओर क्यों हो जाता है?
DsGuruJi Homepage | Click Here |