संसद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक, 2021 को लोकसभा ने आज मंजूरी देते हुए पारित कर दिया है। निचले सदन ने कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और द्रमुक सहित विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध के बीच विधेयक को मंजूरी दे दी । राज्यसभा ने पिछले महीने ही इस बिल को पास कर दिया था। विधेयक में पिछले साल 30 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा लाए गए अध्यादेश को बदलने की बात कही गई है। इस कानून का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम, 2011 में संशोधन करना है। 2011 का यह एक्ट पिछले साल 31 दिसंबर तक वैध था। विधेयक में इस समय सीमा को दिसंबर 2023 के अंत तक बढ़ाने की मांग की गई है।
2011 अधिनियम में राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का प्रावधान किया गया था जो 31 मार्च, 2002 तक अस्तित्व में था और जहां निर्माण 1 जून, 2014 तक हुआ था। विधेयक में यह प्रावधान है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अनधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2019 और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) विनियम, 2019 के अनुसार नियमितीकरण के लिए अनधिकृत कॉलोनियों की पहचान की जाएगी। कानून में प्रावधान है कि 1 जून, 2014 तक मौजूद अनधिकृत कॉलोनियां और 1 जनवरी, 2015 तक 50 प्रतिशत विकास कर नियमितीकरण के लिए पात्र होंगी।
विधेयक पर बोलते हुए आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विधेयक के महत्व और कई प्रावधानों पर प्रकाश डाला। चर्चा की शुरुआत भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली सरकार पर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में अनियोजित शहरीकरण के लिए पिछली कांगे्रस सरकार पर भी हमला बोला । पार्टी के एक अन्य नेता रमेश बिधूड़ी ने भी बिल पर बात की।