भारत और बांग्लादेश के बीच बेहतर परिवहन संपर्क से भारत के निर्यात में 172 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है जबकि भारत को बांग्लादेश का निर्यात लगभग 3 गुना बढ़ सकता है । पूर्वी दक्षिण एशिया में परिवहन एकीकरण की चुनौतियों और अवसरों पर विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच निर्बाध परिवहन संपर्क में बांग्लादेश की राष्ट्रीय आय में 17 प्रतिशत और भारत में 8 प्रतिशत की वृद्धि करने की क्षमता है ।
द्विपक्षीय व्यापार के पैमाने की ओर इशारा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बांग्लादेश के व्यापार का 10 प्रतिशत है जबकि यह भारत के लिए सिर्फ 1 प्रतिशत है । इसमें टैरिफ और नॉन टैरिफ बैरियर हटाकर द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का आह्वान किया गया है।
बांग्लादेश और भूटान के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर दया टेमबोन का कहना है कि भौगोलिक रूप से बांग्लादेश को भारत, नेपाल, भूटान और अन्य पूर्वी एशियाई देशों के रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में रखा गया है । बांग्लादेश क्षेत्रीय व्यापार, पारगमन और रसद नेटवर्क में सुधार करके एक आर्थिक महाशक्ति बन सकता है । भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की सराहना करते हुए दया टेम्बोम बताते हैं कि यह व्यापार अभी भी अपनी मौजूदा क्षमता से 10 अरब डॉलर कम है।
विश्व बैंक के भारत के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने रिपोर्ट में कहा है कि दोनों देशों की विकास क्षमता की प्राप्ति के लिए कनेक्टिविटी में निवेश की जरूरत है। बांग्लादेश क्षेत्र के माध्यम से ट्रकों के पारगमन में समस्याओं का हवाला देते हुए, रिपोर्ट बताती है कि यह परिवहन और लागत के समय में काफी वृद्धि करता है । रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश के सभी जिलों को एकीकरण से लाभ होगा जबकि बांग्लादेश की सीमा से सटे भारतीय राज्यों को भी निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ काफी लाभ होगा ।
रिपोर्ट में 2015 में हस्ताक्षरित मोटर वाहन समझौते (MVA) को मजबूत करने का आह्वान किया गया है क्योंकि यह उपक्षेत्र में सीमा पार एकीकृत परिवहन बाजार की आधारशिला है ।