लाइकेन एक स्वपोषी, संयुंक्त, सहजीवी एवं सूकायवत जीव हैं, जिनमें कवक तथा शैवाल साथ-साथ संयुक्त रुप से रहते हैं। इसे पादप जगत का ही सदस्य माना जाता है क्योंकि यह हरा, स्वपोषी एवं बहुकोशिकीय होता है। लाइकेन में कवक एवं शैवाल, दोनों एक-दूसरे को सहायता पहुंचाते हैं। ऐसे संबंध को सहजीवी संबंध कहते हैं। लाइकन में कवक तथा शैवाल आपस में इतनी घनिष्टता के साथ रहते हैं कि ये एक ही पौधे के समान दिखाई देते हैं। ये नम भूमि, पेड़ की छाल, चट्टानों, लकड़ी के लट्ठों, पेड़ों की छाल तथा विशेष रुप से नमी वाले स्थानों में उगते हैं।
लाइकेन Lichen
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