महिला एवं बाल विकास मंत्री ने 8 मार्च, 2021 को बताया कि उन्होंने अपने सभी प्रमुख कार्यक्रमों को तीन अम्ब्रेला योजनाओं- मिशन शक्ति, मिशन पोषण 2.0 और मिशन वात्सल्य के तहत बेहतर क्रियान्वयन के लिए वर्गीकृत करने का फैसला किया है।
मंत्रालय के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह कदम उठाया गया है।
2011 की जनगणना के अनुसार देश की आबादी का लगभग 67.7% महिलाएं और बच्चे हैं। महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण और संरक्षण और उनका पौष्टिक विकास सुनिश्चित करना हमेशा से भारत के सतत और समान विकास के लिए महत्वपूर्ण रहा है ।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सभी प्रमुख योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति जैसे 3 अंब्रेला योजनाओं के तहत वर्गीकृत किया गया है।
मिशन शक्ति के तहत:
WCD मंत्रालय के अनुसार मिशन शक्ति में महिलाओं के सशक्तिकरण और संरक्षण के लिए योजनाएं और नीतियां शामिल होंगी। सरकार ने 2021-2022 के बजट में इस योजना के लिए 3,109 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं।
मिशन शक्ति के तहत शामिल योजनाएं होंगी:
- वन-स्टॉप सेंटर
- महिला पुलिस स्वयंसेवक
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ
- महिला हेल्पलाइन
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
मिशन पोषण 2.0:
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि मिशन पोषण 20 शुरू करने के लिए सरकार पोषण अभियान और पूरक पोषण कार्यक्रम का विलय करेगी। मिशन पोषण सामग्री, आउटरीच, वितरण और परिणामों को मजबूत बनाने के तरीकों और उपायों पर गौर करेगा। बजट 2021-2022 में सरकार ने मिशन पोषण को 20,105 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।
मिशन वात्सल्य:
मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मिशन वात्सल्य पूरे देश में बाल कल्याण सेवाओं और बाल संरक्षण सेवाओं पर विचार करेगा। केंद्र सरकार ने मिशन वात्सल्य के लिए 2021-2022 के बजट में 900 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।