प्रत्येक पदार्थ का अपना एक विशेष अपवर्तानांक होता है तथा कपड़े रेशों के बने होते है। सूखे कपड़े के रेशों में हवा भरी होती है जब प्रकाश किसी कपड़े पर गिरता है तो प्रकाश इन रेशों के अन्तरापृष्ठों पर प्रकीर्णित होता है जिससे कपड़े का रंग हल्का दिखाई देता है किन्तु जैसे ही कपड़ा भीगता है, पानी को सोख लेने से रेशे के मध्य हवा नहीं रहती है जिससे प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता है जिससे कपड़े गहरे दिखाई देता है।
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