प्रकाश जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो यह अपने निश्चित पथ से थोड़ा मुड़ जाता है| प्रकाश का यह गुण अपवर्तन कहलाता है। अपवर्तन के समय प्रकाश में उपस्थित अलग-अलग रंग अपनी-अपनी प्रवृति के हिसाब से कम ज्यादा मुड़ते है| अतः प्रकाश अपने सात रंगों में विभाजित हो जाता है। हवा, पानी, काँच आदि अलग-अलग माध्यम है , इस कारण प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते समय अपवर्तन की क्रिया होती है। बरसात के दिनों में बादलों से टपकती बूंदों से सूर्य का प्रकाश टकरा कर आकाश में भी ठीक इसी तरह इन्द्रधनुष का निर्माण कर देता है।
बरसात के दिनों में आकाश में इंद्र धनुष का निर्माण कैसे होता है?
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