अपने36वेंउड़ान में इसरो के ध्रुवीय प्रक्षेपण यानपीएसएलवी-सी34ने आज सुबह श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक उड़ान में एक साथ 20 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। जिसमेंकार्टोसेट-2श्रृंखला का 725.5 किलोग्राम का एक उपग्रह और 19 अन्य उपग्रह शामिल हैं। सभी20 उपग्रहोंका कुल वजन1288 किलोग्रामहै।
सभी उपग्रहों ने508 किलोमीटरदूरी 16 मिनट 30 सेकंड में तय कर ध्रुवीय सूर्य समकालीन कक्षा को प्राप्त किया जो कि भूमध्य रेखा के 97.5 डिग्री के कोण पर है। इसके बाद सभी 20 उपग्रह पीएसएलवी से अलग होकर अपने पूर्व निर्धारित अनुक्रम में लग गए। अलग होने के बाद कार्टोसेट-2 उपग्रह के दो सौर सारणियां अपने आप स्थापित हो गए। जिसका नियंत्रण बंगलौर स्थितइसरोस टेलीमार्टी ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी)ने संभाल लिया। आने वाले दिनों में यह उपग्रह अपने पेनक्रोमेटिक और मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों की मदद सेरिमोट सेंसिंगसेवा प्रदान करेगा।
कोर्टोसेट-2 उपग्रह द्वारा भेजे गए छवियों का प्रयोग कार्टोग्राफिक अनुप्रयोग, शहरी और ग्रामीण अनुप्रयोगों, तटीय भूमि उपयोग तथा विनियमन, सड़क नेटवर्क की निगरानी, जल वितरण, भूमि के लिए नक्शा बनाने, परिवर्तन का पता लगाने और विभिन्न प्रकार की भूमि सूचना प्रणाली तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली के अनुप्रयोगों में हो सकेगा।
अन्य 19 उपग्रहों में से एकसत्यभामासेट जिसका वजन 1.5 किलोग्राम है और इसे चेन्न्ई के सत्यभामा विश्वविद्यालय के छात्रों के सहयोग से बनाया गया है। जबकि दूसरा उपग्रहस्वयंहै जिसका वजन एक किलो है और इसे पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों की मदद से बनाया गया है। जबकि 17 अन्य बचे हुए उपग्रह विदेशी ग्राहकों के उपग्रह हैं। इसमें13 अमेरिका,दो कनाडा,एक जर्मनीऔरएकइंडोनेशियाका उपग्रह है।
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