चन्द्रमा की अपनी कोई रोशनी नहीं होती है यह सूर्य की रोशनी से चमकता है। सूर्य की रोशनी चन्द्रमा के जिस भाग पर पड़ती है उसका वह भाग हमें उस रूप में दिखाई देता है। चन्द्रमा सूर्य से एक कोणीय दुरी पर स्थिति होता है। अमावस्या के बाद सूर्य और चन्द्रमा के बीच की यह कोणीय दुरी बहुत ही कम हो जाती है और चन्द्रमा हमें एक पतली वक्र रेखा के रूप में दिखाई देने लगता है, लेकिन जैसे-जैसे यह कोणीय दुरी बढ़ती जाती है। चन्द्रमा का अधिक से अधिक भाग रोशन होता है तथा उसका आकार बढ़ता हुआ प्रतीत होने लगता है।
चन्द्रमा का आकार या रूप घटता बढ़ता क्यों है?
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