कुल्हड़ पर ईट रखने से कुल्हड़ नहीं टूटता है क्योंकि उसमें कार्य करने की क्षमता नहीं है जबकि ऊँचाई से ईट गिरने पर कुल्हड़ टूट जाता है क्योंकि उसमें गतिज ऊर्जा के कारण कार्य करने की क्षमता उत्पन्न हो गई। इसी गतिज ऊर्जा के कारण कुल्हड़ टूट जाता है।
कुल्हड़ पर ईट रखने से कुल्हड़ नहीं टूटता है क्योंकि उसमें कार्य करने की क्षमता नहीं है जबकि ऊँचाई से ईट गिरने पर कुल्हड़ टूट जाता है क्योंकि उसमें गतिज ऊर्जा के कारण कार्य करने की क्षमता उत्पन्न हो गई। इसी गतिज ऊर्जा के कारण कुल्हड़ टूट जाता है।
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